*नगरीय निकाय एवं पंचायत राज संशोधन अध्यादेश में ओबीसी आरक्षण पर्याप्त किए जाने हेतु ओबीसी महासभा ने किया प्रेस वार्ता*

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नगरीय निकाय एवं पंचायत राज संशोधन अध्यादेश में ओबीसी आरक्षण पर्याप्त किए जाने हेतु ओबीसी महासभा ने किया प्रेस वार्ता

 

*गुलाम भारत में ओबीसी की जाति आधारित जनगणना हो सकती है तो स्वतंत्र भारत में क्यों नहीं* ओबीसी राधेश्याम
*विगत 30 वर्षों से लंबित 27% आरक्षण छत्तीसगढ़ में कब मिलेगा यह बहुत बड़ा प्रश्न चिन्ह*

*अनुसूचित क्षेत्र में निवासरत ओबीसी समुदाय को पर्याप्त आरक्षण दिए जाने हेतु ओबीसी महासभा ने किया प्रेसवार्ता*
*यदि सरकार ओबीसी आरक्षण के मामले को संज्ञान में नहीं लेती है तो राजधानी रायपुर में हो सकता है बड़ा आंदोलन*
ओबीसी महासभा प्रदेश का छत्तीसगढ़ के आह्वान पर प्रदेश के सभी जिला मुख्यालय में 13 दिसंबर 2024 को मुख्यमंत्री माननीय विष्णु देव साय जी ,माननीय विधि विधायी मंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष छत्तीसगढ़ शासन के नाम ज्ञापन दिया गया। तत्पश्चात चरणबद्ध ढंग से 29 दिसंबर 2024 को प्रदेश के सभी जिला मुख्यालय में धरना प्रदर्शन कर कलेक्टर के माध्यम से छत्तीसगढ़ पंचायत राज एवं नगर पालिका निगम संशोधन अध्यादेश 2024 में संशोधन कर ओबीसी को संख्या के बराबर आरक्षण प्रदान करने बाबत सौंपा गया। उक्त मामले को लेकर तीस दिसंबर को ओबीसी समुदाय द्वारा बस्तर में धरना प्रदर्शनकर बस्तर बंद की स्थिति निर्मित हुई और प्रदेश के अधिकांश जिलों में धरनाप्रदर्शन का सिलसिला थम नहीं पाया है।
प्रदेश अध्यक्ष ओबीसी राधेश्याम ने बताया कि छत्तीसगढ़ राजपत्र (असाधारण )क्रमांक 763 विधि और विधायी कार्य विभाग मंत्रालय महानदी भवन नवा रायपुर अटलनगर दिनांक 3 दिसंबर 2024 एवं छत्तीसगढ़ शासन राजपत्र असाधारण क्रमांक 765 विधि और विधायी कार्य विभाग मंत्रालय महानदी भवन नवा रायपुर अटल नगर दिनांक 3 दिसंबर 2024 के राजपत्र में छत्तीसगढ़ नगर पालिका निगम संशोधन अध्यादेश 2024 (क्रमांक 5 सन 2024) द्वारा प्रकाशित राजपत्र में मूल अधिनियम की धारा 11 की उप-धारा (दो),धारा 11 क का उप-धारा(1) के अधीन अनुसूचित जातियों तथा /अथवा अनुसूचित जनजातियों का कुल आरक्षण 50% या 50% से अधिक होने की स्थिति में अन्य पिछड़े वर्ग के लिए स्थान आरक्षित नहीं किए जाने का उल्लेख है ।
इसी प्रकार छत्तीसगढ़ पंचायत राज संशोधन अध्यादेश 2024 (क्रमांक 3 सन 2024) छत्तीसगढ़ राजपत्र (असाधारण) क्रमांक 765 में मूल अधिनियम की धारा 13 की उप-धारा (4) के खंड (दो) ,मूल अधिनियम की धारा 23 की उप-धारा (3) के खंड
(दो),धारा 25 की उप-धारा (2) के खंड (दो) ,धारा 30 की उप-धारा 3 के खंड (दो) एवं मूल अधिनियम की धारा 32 की उप-धारा (2) के खंड 2 के स्थान पर प्रतिस्थापित क्रमशः ग्राम पंचायत, जनपद पंचायत, जिला पंचायत एवं राज्य में यदि अनुसूचित जातियों और /अथवा अनुसूचित जनजातियों के लिए 50% या 50% से अधिक स्थान आरक्षित हो, वहां अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए कोई स्थान आरक्षित नहीं किए जाने का उल्लेख है जो कि अन्य पिछड़ा वर्ग के नागरिकों के साथ अन्याय है । छत्तीसगढ़ पंचायती राज अधिनियम 1993 की धारा 129 (ङ) की उप धारा तीन को लोप किए जाने के कारण ओबीसी आरक्षण में काफी नुकसान हुआ है। चूंकि अनुसूचित क्षेत्र में निवासरत ओबीसी समुदाय भी सामाजिक एवं शैक्षिक दृष्टि से पिछड़ा है,जिसके समुचित विकास के लिए संविधान के अनुच्छेद 16 (4) में उचित आरक्षण का प्रावधान है एवं 50% की सीमा निर्धारित नहीं है । 50 प्रतिशत सीमा निर्धारण संबंधी उच्चतम न्यायालय के निर्णय में यह सिद्धांत भी प्रतिपादित किया गया है कि किसी क्षेत्र में निवासरत दूरस्थ क्षेत्र के व्यक्तियों की विशेष परिस्थितियों को देखते हुए 50% की अधिकतम सीमा को शिथिल कर सीमा बढ़ाई जा सकती है। 3 दिसंबर 2024 को पारित अध्यादेश को संविधान के अनुच्छेद 16 (4) के अनुरूप अन्य पिछड़ा वर्ग को पर्याप्त आरक्षण दिया जावे। यदि सरकार ओबीसी आरक्षण में बढ़ोतरी नहीं कर सकती तो कम भी न करें, इन्हीं सब मुद्दों को लेकर
प्रेस क्लब रायपुर मे प्रेस वार्ता किया गया ,जिसमें प्रमुख रूप से प्रदेश अध्यक्ष ओबीसी राधे श्याम ,प्रदेश उपाध्यक्ष द्वय परशुराम सोनी एवं महेश गौरव,प्रदेश महासचिव ओबीसी युगलकिशोर,बस्तर संभाग अध्यक्ष दिनेश यदु , रायपुर संभाग अध्यक्ष हेमंत साहू,कार्यकारी प्रदेशअध्यक्ष महिला मोर्चा ओबीसी खिलेश्वरी, प्रदेश अध्यक्ष युवा मोर्चा चंदू देवांगन, विधि मोर्चा अध्यक्ष पुनाराम साहू रायपुर जिला अध्यक्ष किशोर सोनी बालोद ब्लाक अध्यक्ष पवन साहू, युवा ब्रिगेडियर डॉ विजय देवांगन गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष यादव जी छत्तीसगढ़ क्रांति सेवा के जिला अध्यक्ष साहू जी सहित प्रदेशभर के पदाधिकारी सम्मिलित हुए।

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