*बीजेपी से नाराज़ डॉ रवि श्रीवास जनसंघ से लड़ेंगे रायपुर दक्षिण का उपचुनाव*
*बीजेपी से नाराज़ डॉ रवि श्रीवास जनसंघ से लड़ेंगे रायपुर दक्षिण का उपचुनाव*
रायपुर दक्षिण विधानसभा क्षेत्र का उपचुनाव बहुत ही दिलचस्प होने जा रहा है। इस सीट से जहां भाजपा ने बृजमोहन अग्रवाल के करीबी और पूर्व सांसद सुनील सोनी उम्मीदवार घोषित किया है, वहीं कांग्रेस ने यूथ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष आकाश शर्मा को प्रत्याशी बनाया है।
रायपुर दक्षिण विधानसभा क्षेत्र में7 अबतक तो बीजेपी की स्थिति मजबूत नज़र आ रही है, लेकिन के कार्यकर्ता नाराज़ भी बताए जा रहे हैं। कल ही भाजयुमो के प्रदेश कार्यसमिति सदस्य संदीप तिवारी सुनील सोनी को टिकट दिए से नाराज़ होकर पार्टी से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद संघ पृष्ठभूमि से आने वाले भाजपा के बहुत वरिष्ठ कार्यकर्ता डॉ.रवि श्रीवास ने बगावती तेवर अपना लिया है। और अब उन्होंने रायपुर दक्षिण विधानसभा में भारतीय जनसंघ से चुनाव लड़ने के एलान किया है। रवि श्रीवास ने बीजेपी के एक व्हाट्सएप ग्रुप में लम्बी पोस्ट की है, जिसमे उन्होंने लिखा है कि, अखिल भारतीय जनसंघ के तीन संस्थापक सदस्य डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी, बलराज मधोक और दीनदयाल उपाध्याय, जनसंघ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की राजनीतिक शाखा थी, जो एक हिंदू राष्ट्रवादी स्वयंसेवी संगठन था।
अब इसी अखिल भारतीय जनसंघ के एक सदस्य के रूप में एक प्रत्याशी के तौर पर निम्न पत्र के माध्यम से जनता से, ख़ुद को वोट देने की अपील की है।
श्रीवास में आगे लिखा कि रायपुर दक्षिण विधानसभा में 13 नवंबर को उपचुनाव होना है। मैं डॉ.रवि कुमार श्रीवास भी इस उपचुनाव में अखिल भारतीय जनसंघ पार्टी की तरफ से आपके ध्यानाकर्षण के लिए और कुछ उद्देश्य (मांगों) की पूर्ति के लिए यह चुनाव लड़ रहा हूँ ।
जीत-हार में चुनावी प्रबंधन, पारंपरिक तरीके से चुनाव लड़ना यह सब अपनी जगह है। लेकिन 2024 के डिजिटल और सोशल मीडिया के युग में इनके द्वारा भी अपनी बातों को मतदाताओं के सामने रखा जा सकता है, इसकी भी अपनी जगह है।
वैसे ये सभी माध्यम होते हैं। प्रमुख उद्देश्य होता है, कैसे आपकी बातें मतदाताओं तक पहुंचे ? और कौन कौन उन बातों को पहुंचाने में सहायक बन सकते हैं?
मेरा जन्म 3 सितम्बर 1962 ब्राह्मणपारा, रायपुर में हुआ था, जहाँ पर मेरी गर्भनाल गड़ी हुई है। शिक्षा-दीक्षा, खेलकूद, पढ़ाई-लिखाई सब यहीं पर होने के कारण, मुझे ब्राह्मणपारा पर गर्व होता है।
मैंने यहाँ के बुद्धिजीवियों के बीच समय व्यतीत किया है, एक अच्छा जीवन जिया है। अतः वह, ऊर्जा, अन्याय को सहन न करना, स्वाभिमानी स्वभाव और मारकक्षमता शुरू से रहा है।
7 वर्ष की आयु से ही मैंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की शाखा में जाना शुरू कर दिया था (संघ आयु 55 वर्ष)
भारतदेश के प्रधानमंत्री आदरणीय नरेंद्र मोदी जी, एवं कुछ राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने विश्व के सबसे बड़े जागृत संघरूपी संगठन से शिक्षण और प्रशिक्षण प्राप्त किये हैं, और उनके भीतर राष्ट्रभक्ति की अखण्ड ज्वाला निहित है।
मेरा भी सौभाग्य है, कि मैं भी उसी जागृत एवं प्रामाणिक संघरूपी संगठन से शिक्षण और प्रशिक्षण प्राप्त किया है, अतः मेरे भीतर भी राष्ट्रभक्ति की वही प्रबल भावना है।
सत्य है, कि मेरी रुचि राजनीतिक क्षेत्रों में शुरू से रही है, और यह भी सत्य है कि 33-34 वर्षों से भारतीय जनता पार्टी का सदस्य और उससे संलग्न रहने के बावजूद मैं सत्ता और संगठन में दायित्वविहीन रहा (शायद मुझमें ही कोई कमजोरी रही होगी ?) लेकिन मेरे अंदर किसी न किसी रूप में कार्य करने की ऊर्जा जरूर रही है।
आज की परिस्थिति में, विशेष रूप से छत्तीसगढ़ के राजनीतिक दलों में, या व्यक्ति विशेष के अंदर मैं ही, यह भावना आ गई है, अब व्यक्ति पार्टी से बड़े हो गए हैं। कुछ-कुछ स्वार्थ, परिक्रमा एवं groupism, इत्यादि के कारण भी बहुत से, गतिशील, कर्मठ, जुझारू और नेतृत्व करने योग्य प्रतिभाशाली व्यक्तित्व को, आगे बढ़ने का मौका ही नहीं मिल रहा है।
विकास के लिए परिवर्तन अति आवश्यक होता है। प्रत्येक मनुष्य अपने लक्ष्य को प्राप्त करना चाहता है । अलग -अलग लोगों में धैर्यता की भी अपनी अलग-अलग सीमा होती है? राजनीति एक शक्तिकेन्द्र है, जिसके माध्यम से आप अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं।
भारतदेश, छत्तीसगढ़ प्रदेश और हमर रायपुर के प्रति अगाधभक्ति, और भारतीय जनसंघ के मूल सिद्धांतों एवं विचारों में से एक प्रमुख एकात्म मानववाद भी है, उस एकात्म मानववाद को आत्मसात करने की प्रवृत्ति, और उस पर पूर्ण आस्था होने के कारण मैं जनसंघ या उसके समान अनुकूल पार्टी को प्राथमिकता देता हूँ।
लोकतंत्र में आप स्वत्रंत हैं, किसी को भी वोट दे सकते हैं, लेकिन आप एक जागरूक, पढ़े-लिखे, प्रेरणादायी व्यक्ति है, जो समाज को एक दिशा प्रदान कर सकता है ।
समाज का किसमें हित है, किसके द्वारा हित हो सकता है, इसको कम पढ़े लिखे, अनपढ़, मेहनतकश श्रमिक वर्ग (जो प्रलोभन में आसानी से आ जाते हैं) उनको समझा सकते हैं परिवर्तन एक शाश्वत सत्य है
अच्छे लोगों को राजनीति में आगे आना चाहिए, वे बढ़ेंगे तो देश बढ़ेगा।