वर्षों से चले आ रही फाग महोत्सव की परंपरा को निर्वहन करते आ रहे हैं आचार्य युवराज पांडे

0
Spread the love

✍️ सर्वोच्च छत्तीसगढ़ न्यूज़ उप जिला प्रमुख कृष्ण कांत त्रिपाठी गरियाबंद

वर्षों से चले आ रही फाग महोत्सव की परंपरा को निर्वहन करते आ रहे हैं आचार्य युवराज पांडे गांव अमलीपदर आदर्श गांव में वर्षों से चली आ रही फाग महोत्सव की परंपरा को निर्वहन कर ते आ रहे हैं आचार्य युवराज पांडे जी यह उत्सव आदर्श अमलीपदर में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है और बहुत ही हर्ष उल्लास के साथ नगर के नर नारी यह फाग उत्सव को उत्सुकता पूर्वक मनाते हैं पहले यह संस्कृति धीरे धीरे ग्राम से विलुप्त होते जा रही थी जिसको देखते आचार्य युवराज पांडे ने बड़ा कदम उठाया और गांव के युवा पीढ़ी को जागरूक किया और फाग उत्सव के बारे में बताया तब जाकर के युवा पीढ़ी जागरूक होकर के गांव में फाग उत्सव मनाने लगे यह पर्व 6 दिन पहले फागुन शुक्ल पक्ष दसमी तिथि जिसको फागुन दशमी के नाम से जाना जाता है जोकि नीलांचल श्री जगन्नाथ जी के धाम में यह फाग महोत्सव होता है यह पर्व गांव के नर नारी जनमानस सभी एकत्र होकर के होलिका दहन के रात्रि फाग महोत्सव के साथ मांदर नगाड़े के धुन में फाग गीत गाते हुए विधिवत होलीका दहन के स्थल पर विधिवत ग्राम के समस्त देवी देवताओं की पूजा अर्चना करके होलीका दहन हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है ग्राम में होलिका दहन छोटे तालाब के पास एवं बाजार चौक में होलिका दहन होता है जिसमें आचार्य युवराज पांडे जी के साथ सभी युवा वर्ग एवं ग्राम के बुजुर्ग जनमानस उपस्थित होते हैं तत्पश्चात दूसरे दिन प्रातः काल नगाड़े मांदर के धुन में फाग गीत गाते हुए नगर भ्रमण करते हैं और दिन के दोपहर में श्री जगन्नाथ जी जोकि आदर्श ग्राम अमलीपदर का हदय स्थल माना जाता है श्रीमंदिर से पतित पावन भगवान बाहर आते हैं जो कि समस्त नर नारी भगवान को अबीर गुलाल अर्पण करके बड़े ही हर्षोल्लास के साथ नगाड़ों की धुन मे थिरकते हुए फाग गीत गाते हुए फाग उत्सव को मनाते हुए यह परंपरा वर्षों से चली आ रही हैगांव अमलीपदर आदर्श गांव में वर्षों से चली आ रही फाग महोत्सव की परंपरा को निर्वहन कर ते आ रहे हैं आचार्य युवराज पांडे जी यह उत्सव आदर्श अमलीपदर में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है और बहुत ही हर्ष उल्लास के साथ नगर के नर नारी यह फाग उत्सव को उत्सुकता पूर्वक मनाते हैं पहले यह संस्कृति धीरे धीरे ग्राम से विलुप्त होते जा रही थी जिसको देखते आचार्य युवराज पांडे ने बड़ा कदम उठाया और गांव के युवा पीढ़ी को जागरूक किया और फाग उत्सव के बारे में बताया तब जाकर के युवा पीढ़ी जागरूक होकर के गांव में फाग उत्सव मनाने लगे यह पर्व 6 दिन पहले फागुन शुक्ल पक्ष दसमी तिथि जिसको फागुन दशमी के नाम से जाना जाता है जोकि नीलांचल श्री जगन्नाथ जी के धाम में यह फाग महोत्सव होता है यह पर्व गांव के नर नारी जनमानस सभी एकत्र होकर के होलिका दहन के रात्रि फाग महोत्सव के साथ मांदर नगाड़े के धुन में फाग गीत गाते हुए विधिवत होलीका दहन के स्थल पर विधिवत ग्राम के समस्त देवी देवताओं की पूजा अर्चना करके होलीका दहन हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है ग्राम में होलिका दहन छोटे तालाब के पास एवं बाजार चौक में होलिका दहन होता है जिसमें आचार्य युवराज पांडे जी के साथ सभी युवा वर्ग एवं ग्राम के बुजुर्ग जनमानस उपस्थित होते हैं तत्पश्चात दूसरे दिन प्रातः काल नगाड़े मांदर के धुन में फाग गीत गाते हुए नगर भ्रमण करते हैं और दिन के दोपहर में श्री जगन्नाथ जी जोकि आदर्श ग्राम अमलीपदर का हदय स्थल माना जाता है श्रीमंदिर से पतित पावन भगवान बाहर आते हैं जो कि समस्त नर नारी भगवान को अबीर गुलाल अर्पण करके बड़े ही हर्षोल्लास के साथ नगाड़ों की धुन मे थिरकते हुए फाग गीत गाते हुए फाग उत्सव को मनाते हुए यह परंपरा वर्षों से चली आ रही है

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed