प्रदूषण से याददाश्त हो रही है कमजोर, डिप्रेशन और मेंटल डिजीज का बढ़ता है खतरा
नईदिल्ली
बिगड़ी हवा से दिल्ली-एनसीआर के लोगों का मिजाज भी बिगड़ रहा है। हर सांस के साथ अंदर जा रही दूषित हवा ने दिमाग की केमिस्ट्री में हलचल पैदा की है। इससे दिमाग में ताजगी भरने वाली ऑक्सीजन प्रदूषकों से लड़ रही है। नतीजतन मस्तिष्क ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को शिकार हुआ है। तनाव से भरे दिमाग ने शरीर के भीतर की रसायनिक क्रियाओं को भी असंतुलित कर दिया है। विशेषज्ञों का कहना है कि लंबे वक्त तक प्रदूषित हवा में रहने का असर दिल्ली-एनसीआर के लोगों में दिखने लगा है। आगे पांच-सात सालों में आम इंसानों की जिंदगी पर इसका असर खतरनाक होगा। फिलहाल इस तरह के तनाव और उससे पैदा होने वाला असंतुलन बच्चों में साफ-साफ दिख रहा है।