NRI को MD-MS करने पर फीस में मिलेगी 16 लाख की राहत

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भोपाल.
प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस करने वाले एनआरआई विद्यार्थियों को प्रवेश एवं फीस विनियामक समिति ने काफी राहत दी है। कमेटी ने मेडिकल के पीजी कोर्स के लिए एनआरआई की सामान्य फीस से 3.5 गुना घटाकर 3 गुना कर दी है। इससे एमडी-एमएस की डिग्री लेने वाले छात्रों को 20 हजार यूएसए डॉलर या 16 लाख रुपए की राहत मिलेगी।

फीस कमेटी ने तीन निजी कॉलेजों की फीस निर्धारित कर दी है। अब कॉलेज इन नियमों से निर्धारित की गई ही फीस ले पाएंगे। नियमानुसार प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों के एमडी-एमएस में प्रवेश लेने वाले एनआरआई विद्यार्थियों को 3.5 गुना ज्यादा फीस अदा करना होती थी, जिसे फीस कमेटी ने घटा दिया है। अब उन्हें सूबे के किसी भी निजी कॉलेज से एमडी-एमएस करने पर सामान्य से कम फीस का भुगतान करना होगा।

वर्तमान में कमेटी ने प्रदेश के तीन नए मेडिकल कॉलेजों की फीस तय की है। कॉलेज वर्तमान में निर्धारित की गई फीस से ज्यादा विद्यार्थियों से लेते हैं, तो उनके खिलाफ शिकायत  कमेटी से की जा सकती है। कमेटी के अधिकारियों ने बताया कि 2019 में इन कॉलेजों की न्यूनतम फीस तय की गई है। कॉलेजों की आॅडिट रिपोर्ट के आधार पर पहली बार फीस निर्धारण किया गया है। इस कारण इन कॉलेजों की फीस में 67 हजार से 1.67 लाख का अंतर आया है।  

तीन कॉलेजों की फीस  निर्धारित
फीस कमेटी ने भोपाल के महावीर मेडिकल कॉलेज, सुख सागर मेडिकल कॉलेज और उज्जैन के आरडीगार्डी कॉलेज की फीस निर्धारित कर दी है। उनकी सामान्य सीटों के अलावा एनआरआई सीटों की फीस नये नियमों के तहत निर्धारित की गई हैं।

NRI को PG कोर्स की फीस में ऐसे होगा फायदा
कमेटी ने मेडिकल के पीजी कोर्स के लिए एनआरआई की सामान्य फीस से 3.5 गुना से घटाकर 3 गुना कर दी है। इससे मध्य प्रदेश से एमडी-एमएस की डिग्री लेने वाले एक छात्र को एक साल में 5.35 लाख रुपए कम देना होंगे। तीन साल की डिग्री में कुल 16 लाख रुपए का अंतर आएगा। प्रदेश में 13 मेडिकल कॉलेज हैं। उक्त कॉलेजों में 15 प्रतिशत सीटें एनआरआई कोटे की होती हैं। ऐसे में हर कॉलेज में एनआरआई के लिए 15 से 20 सीटें आरक्षित रहती हैं।

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