दिवाली के त्यौहारों में देश में लगभग 3.5 लाख करोड़ के व्यापार की संभावना: पारवानी

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रायपुर
भारत के सबसे बड़े त्यौहार दिवाली एवं उससे जुड़े अन्य त्यौहारों की श्रृंखला को जोर-शोर से मनाने के लिए व्यापारी और उपभोक्ता दोनों बेहद उत्साहित हैं और यही वजह है कि इस बार दिवाली के त्यौहारों के सीजन में देश के बाजारों में लगभग 3.5 लाख करोड़ रुपये के व्यापार होने की संभावना है । कनफेडरेशन आॅफ आॅल इंडिया ट्रेडर्स ( कैट) द्वारा देश के विभिन्न राज्यों के 30 शहरों में व्यापारी संगठनों के जरिए कराये गये एक हालिया सर्वे की समीक्षा में यह सामने आया कि इस वर्ष व्यापारियों ने बड़े पैमाने पर ग्राहकों की माँग एवं पसंद को पूरा करने के लिए व्यापक तैयारियाँ की है। जिस प्रकार से देश भर के बाजारों में इस बार रक्षा बंधन, गणेश पूजा, नवरात्रि, दुर्गा पूजा एवं दशहरा पर ग्राहकों ने खुलकर ख?ीदारी की है उसको देखते हुए इस वर्ष त्यौहारों के सीजन का व्यापार 3.5 लाख करोड़ रुपये का होने की प्रबल संभावना है।

कैट के राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष अमर पारवानी एवं प्रदेश अध्यक्ष जितेन्द्र दोशी ने बताया कि एक मोटे अनुमान के अनुसार दिवाली त्यौहार के मौके पर लगभग 65 करोड़ ग्राहक बाजारों में ख?ीददारी करते हैं और अगर औसतन हम प्रति व्यक्ति 5500 रुपये की ख?ीद करे तो यह आँकड़ा ही 3.5 लाख करोड़ के व्यापार को पार करता है । जहां देश में इस त्यौहार पर केवल 500 रुपये या उससे कम ख?ीदारी करने वाले लोग हैं वहीं हजारों और लाखों रुपये खर्च करने वालों की भी कमी नहीं है और इसीलिए देश में दिवाली त्यौहार के सीजन की महत्त्वता व्यापार की दृष्टि से बेहद ही महत्वपूर्ण है ।

उन्होंने यह भी कहा कि सरकार  द्वारा शुरू किए गए वोकल फॉर लोकल तथा आत्मनिर्भर भारत अभियान की वजह से चीनी सामान की माँग पिछले वर्षों में बड़ी हद तक घटी है । इस वर्ष के त्यौहारों सीजन में चीन का कोई भी सामान बाजारों में नहीं बिकेगा। देश भर में व्यापारियों ने त्यौहारों पर बिकने वाला कोई भी सामान चीन से आयात नहीं किया है और अब ग्राहक भी चीनी सामान लेने में कतई इच्छुक नहीं है बेशक वो सस्ता ही क्यों न हो । देश के हितों के विरुद्ध चीनी हरकतों ने उपभोक्ताओं को चीनी सामान से विमुख कर दिया है ।

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