एसवाईएल विवाद पर पीएम मोदी ने कसा तंज- देश में कई राज्य पानी के लिए लड़ने-मरने को तैयार

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नई दिल्ली
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक संबोधन के दौरान पड़ोसी राज्यों को नदी का पानी देने की स्थिति पर बात की। उन्होंने कहा कि हमारे देश में पानी पिलाना पुण्य माना जाता है। यहां अगर किसी को पानी भी पिलाया जाए तो वह उसे लंबे समय तक याद रहता है।

उन्होंने आगे कहा, ''जब वे गुजरात के मुख्यमंत्री थे तो राजस्थान के किसानों को खेती के लिए पानी की जरूरत थी। उस समय उन्होंने 1 घंटे में राजस्थान को नर्मदा नदी का पानी दिया। उन्हें आज भी इस बात का गर्व है कि वह देश के किसानों के लिए कुछ कर पाए। संबोधन के बीच में उन्होंने बिना नाम लिए पंजाब और हरियाणा के बीच चल रहे एसवाईएल विवाद पर कहा कि अब देश में कई राज्य ऐसे हैं जो पड़ोसी राज्य को पानी की एक बूंद भी देने को तैयार नहीं हैं। राज्य पानी के लिए लड़ने-मरने को तैयार हैं।''

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बता दें कि 1 नवंबर, 1966 को हरियाणा पंजाब से अलग हो गया, लेकिन उस समय जल बंटवारा नहीं हुआ था। कुछ साल बाद केंद्र ने हरियाणा को 3.5 एमएएफ पानी आवंटित किया। इस पानी को लाने के लिए एसवाईएल नहर बनाने का भी निर्णय लिया गया। हरियाणा ने कई साल पहले नहर का अपना हिस्सा पूरा कर लिया था, लेकिन पंजाब ने अभी तक अपने हिस्से का निर्माण नहीं किया है। यह मसला कई बार सुप्रीम कोर्ट में उठा और हर बार दोनों राज्यों से इस विवाद को जल्द सुलझाने को कहा गया।

 

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