जिम्मेदार व्यक्ति बनना स्वयं के लिए बड़ी चुनौती – प्रियंका महंत
पत्रकार – उरेन्द्र साहू गरियाबन्द
आलेख – शीर्षक – ज़िम्मेदारी।
“ज़िम्मेदारी का दूसरा मतलब उत्तरदायित्व,कर्त्तव्य या जवाबदेही भी है।”
ज़िम्मेदार इंसान बनना स्वयं के लिए बहुत बड़ी चुनौती होती है।
हर इंसान के जीवन में अनेक ज़िम्मेदारियां होती हैं_
1) स्वयं के प्रति ज़िम्मेदार,
2)परिवार के प्रति,
3)समाज के प्रति,
4)देश के प्रति।
विभिन्न ज़िम्मेदारियां जैसे- जहाँ हम जीवन यापन करते है उस कार्यस्थल के प्रति,परिवार के हर एक सदस्य के प्रति,पड़ोस,गली-मोहल्ले,गाँव,जिला,राज्य, देश, अपने पर्यावरण के प्रति,एक शिक्षक,डाॅक्टर,इंजीनियर,वकील,पुलिस,वैज्ञानिक, मनुष्य की अन्य जीवों के प्रति। इन सबकी अपनी-अपनी विभिन्न ज़िम्मेदारियां होती हैं।इन सभी ज़िम्मेदारियों के बारे में आपको पता होना चाहिए और उन्हें सही तरीके से निभाना चाहिए ।प्रत्येक इंसान के अंदर ज़िम्मेदारियां स्वीकार करने की क्षमता होनी चाहिए।
ऐसा करने से __
1) समझदारी,2)परिपक्वता,
3)जीवन में सफलता,
4)आंतरिक और बाहरी दोनों प्रकार का विकास,
5) लोगों के लिए प्रेरणा का स्त्रोत बन जाते है। ज़िम्मेदारियां उस व्यक्ति की तरफ खिंची चली आती है,जो उन्हें कंधे पर उठा सकता है।उदाहरण- आप डाॅक्टर की पढ़ाई कर रहे हैं तो ऐसा कदापि ना सोचें कि डाॅक्टर बनना है,बल्कि ये सोचें कि परिवार, समाज व देश के लिए डाॅक्टर बनना है । ऐसा करने से आप तो सफल होते हैं,साथ ही साथ इस समाज और देश को एक सफल व्यक्ति देना है , ध्यान रखिए कि एक अच्छा ज़िम्मेदार नागरिक आपके लिए भी और समाज व देश के लिए भी अच्छा होता हैं । यह बात बिल्कुल सही है कि किसी भी समाज और देश को उतना नुक़सान नहीं होता जितना अच्छे लोगों की गैर-ज़िम्मेदारी से होती है अतः ज़िम्मेदार इंसान बन कर स्वयं की तरक्की के साथ-साथ समाज व देश की भी तरक्की होती है।
नाम-प्रियंका महंत, पोस्ट-तरकेला, तहसील-पुसौर, जिला-रायगढ़ (छत्तीसगढ़)
पिन कोड -496001