राष्ट्रीय

ड्रैगन के दावों पर भड़के तवांग के निवासी, ‘चीन के सामने नहीं झुकेंगे, जरूरत पड़ी तो सेना के साथ मिलकर लड़ेंगे’

अरुणाचल प्रदेश   अरुणाचल प्रदेश के सीमावर्ती गांवों के निवासी पूर्वोत्तर राज्य के प्रति चीन की हरकतों पर अपना आक्रोश...

हिमाचल सरकार की नजरें भांग की खेती पर, 500 करोड़ की कमाई होने का अनुमान

कुल्लू हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले के कसोल में भांग के पौधों की भरमार पड़ी हुई है। स्थानीय लोगों का...

बांग्लादेशी महिला प्रेमी से शादी करने के लिए 3 बच्चों संग श्रावस्ती पहुंची, प्रेमी निकला 8 साल के बच्चे का पिता

नई दिल्ली सोशल मीडिया के जरिये संपर्क में आने के बाद प्रेमी से शादी करने के लिए एक बांग्लादेशी महिला...

मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार जयपुर में बोले – इलेक्शन कमीशन स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के लिए प्रतिबद्ध

नई दिल्ली मुख्य चुनाव आयुक्त ने रविवार को कहा कि चुनाव आयोग स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के लिए प्रतिबद्ध है,...

लंदन से होगी ‘घरवापसी’, जिस ‘वाघनख’ से छत्रपति शिवाजी ने अफजल खान को मारा

 मुंबई छत्रवति शिवाजी महारा का वाघनख 350 साल के बाद लंदन से भारत वापास आने वाला है। कहा जाता है...

श्रमदान अभियान: BJP नेताओं ने बढ़-चढ़कर लिया हिस्सा, अहमदाबाद में शाह और दिल्ली में नड्डा ने लगाई झाडू

नई दिल्ली प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की राष्ट्रव्यापी स्वच्छता अभियान की अपील पर नेताओं से लेकर छात्रों तक, सभी क्षेत्रों के...

ट्रूडो राज में कैसे हिंदुओं के लिए ‘नरक’ बन गया कनाडा?, मंदिर तोड़े, धमकियां दीं

नई दिल्ली कनाडा में पीएम जस्टिन ट्रूडो के रवैये की वजह से यहां हिंदुओं के लिए बड़ा खतरा पैदा हो...

बेंगलुरु में कारपूलिंग पर बैन, परिवहन विभाग ने 10 हजार तक का जुर्माना लगाने का फैसला लिया

 बेंगलुरु एक तरफ पर्यावरण के लिहाज से कारपूलिंग को बढ़ावा दिया जा रहा है तो दूसरी तरफ बेंगलुरु में इसे...

खैरा को BJP-अकाली का मिला साथ, लेकिन मीरा ने पल्ला झडाया

नई दिल्ली. पंजाब में कांग्रेस विधायक सुखपाल सिंह खैरा की गिरफ्तारी पर आम आदमी पार्टी की सरकार विपक्ष के निशाने...

प्रधानमंत्री मोदी ने भी उठाया झाड़ू, पार्क में किया श्रमदान

 नई दिल्ली    प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की राष्ट्रव्यापी स्वच्छता अभियान की अपील पर नेताओं से लेकर छात्रों तक, सभी क्षेत्रों...

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” सिनेमा एंड बियांड और नुक्कड़ कैफे द्वारा आयोजित “भारतीय सिनेमा में महिला लेखिकाओं एंव निर्देशकों का योगदान – एम.एल. नत्थानी कवि,लेखक, शिक्षाविद, भारतीय सिनेमा के लगभग 100 साल के इतिहास में महिला लेखिकाओं और निर्देशकों ने अपने कल्पनाशील विचारों एंव आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही यथार्थवादी धरातल पर पुरुष पात्रों के ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” को सिनेमा के सुनहरे पर्दे पर लगभग प्रत्येक दशक में अपनी अंतर्दृष्टि से रेखांकित किया है । अतीत से वर्तमान कालखंड में अनेक महिला फिल्मकारों ने सिनेमाई रुपहले पर्दे पर पुरानी सोच के रुढ़िवादी पुरुष पात्रों को नए परिवेश में आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील, बुद्धिमान होने के साथ ही अनंत गहराईयों को शिद्दत के साथ जिंदगी को जिन्दादिली के साथ जीने के लिए प्रतिबद्ध है । यह सिनेमाई पर्दे पर महिला फिल्मकारों की नई सोच और सृजन के अद्भुत हस्ताक्षर हैं । भारतीय सिनेमा के शुरूआती कालखंड में महिला फिल्मकारों में साहसी एंव प्रतिभावान फातिमा बेगम और देविका रानी उल्लेखनीय नाम हैं । समय के साथ महिला फिल्मकारों की भूमिका का चित्रण भी निरंतर बदलता रहा है । वस्तुतः सिनेमा के माध्यम से समाज में तेजी से बदलते जीवन मूल्यों को ” पुरुष पात्रों ” को महिला फिल्मकारों ने अपने आधुनिक नजरिए एंव पैनी अंतर्दृष्टि से विवधता के नए आयाम स्थापित किए हैं । महिला फिल्मकारों के सृजनशील सशक्त हस्ताक्षर :- ************************ 1 फातिमा बेगम – बुलबुल ए परिसतान 2 देविका रानी – कर्मा 3 नंदिता दास – फिराक 4 दीपा मेहता – फायर 5 अरुणा राजे – रिहाई 6 कल्पना लाजमी – रूदाली 7 अर्पणा सेन – मिस्टर एंड मिसेज अय्यर 8 मीरा नायर – मानसून वेडिंग 9 गुरविंदर चड्डा – बेंड इट लाइक बेकहम 10 अनुशा रिजवी – पीपली लाईव 11 किरण राव – धोबी घाट 12 भावना तलवार – धरम 13 रीमा कागती – तलाश 14 रेवती – मित्र माई फ्रेंड 15 मेघना गुलजार – तलवार, राजी,छपाक 16 गोरी शिंदे – इंग्लिश विंगलिश 17 जोया अख्तर – लक बाय चांस, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा,दिल धड़कने दो 18 फराह खान – ओम शांति ओम, मैं हूं ना 19 कोंकणा सेन शर्मा – अ डेथ इन द गंज 20 लीना यादव – दि एंड निष्कर्ष :- इस तरह से भारतीय सिनेमा का इतिहास महिला फिल्मकारों के सृजनशील और सशक्तिकरण के नित नई सोच और आधुनिक दृष्टिकोंण का बदलता हुआ प्रतिबिंब है । आज महिला फिल्मकारों ने ग्लोबल स्तर पर अच्छे कंटेंट राईटर के कारण सिनेमा और ओटीटी प्लेटफार्म पर भी इस डिजिटल युग में वैश्विक पहचान बनाई है । भारतीय सिनेमा में अब पुरुषों को लेकर नए दृष्टिकोंण और वैश्विक स्तर के कंटेंट राईटर निरंतर सक्रियता के साथ महिला फिल्मकारों ने समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने में आधुनिक तकनीक और विज्ञान के साथ ही नए ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” की सिनेमाई छबि को परिभाषित करने में कामयाब हुए हैं । सादर ।