छत्तीसगढ़

एक ही परिवार के तीन लोगों की मौत , मौके पर पहुंची पुलिस बिजली विभाग की लपरवाली , जिला संवाददाता – उरेन्द्र कुमार साहू

पाण्डुका | गरियाबंद जिले के छुरा ब्लॉक के ग्राम पंचायत सरकड़ा में दर्दनाक हादसा , मौके पर तीनों की मौत...

मौसम में बदलाव से फसल में लग रही बीमारी , किसानो की परेशानी बढ़ी , चिंता की लकीर जिला संवाददाता उरेन्द्र कुमार साहू

कोपरा | मौसन के उतार चढाव से ग्राम लोहरसी सहित भेंडरी , रवेली , सहसपुर , तरीघाट , मुरमुरा ,...

पं. दीनदयाल के विचार लाखो को करते है प्रभावित , रूपसिंग साहू ( जिला संवाददाता – उरेन्द्र कुमार साहू )

फिंगेश्वर | समाजिक कार्यकर्ता रूपसिंग साहू ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती उन्हें नमन करते हुए कहा कि पंडित दीनदयाल...

उतर पुस्तिका कॉलेज में जमा होनी चाहिए – अध्यक्ष गजानंद कश्यप अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् – इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद

कॉलेज प्राचार्य को सौंपा ज्ञापन इतेश सोनी गरियाबंद : अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद इकाई की नगर मंत्री हेमंत कुमार नागेश...

थाना प्रभारी मैनपुर चन्द्राकर दल बल के साथ नगर व क्षेत्र के गांव गांव पहुंच कर ले रहे हैं जायजा बिना मास्क और बेवजह घुमने वालोें की पुलिस ने आज ली खबर- इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद

इतेश सोनी गरियाबंद मैनपुर – अब इस आदिवासी मैनपुर वनांचल क्षेत्र में भी लगातार कोरोना के पाॅजिटिव मरीज सामने आने...

कांकेर यातायात प्रभारी श्री रोशन कौशिक जी ने मासूम पीयूष को अपना रक्तदान किया- इतेश सोनी

इतेे सोनी । कांकेर प्रयास समाज सेवी संस्था द्वारा प्रतिदिन रक्तदान कराया जाता है सिकलिंन के मरीज 6 वर्षीय पीयूष...

नरवा गरवा घुरवा बाड़ी बनी किसानों की परेशानी

किसान को आत्महत्या करने किया मजबूर, दोषियों पर हो कड़ी कार्यवाही- तेजेन्द्र तोड़ेकर गरियाबंद जिले के फिंगेश्वर ब्लाक के तरीघाट...

लॉकडाउन के दौरान खाद एवं कीटनाशक दवाओं के दुकान को खोलने चंद्रशेखर ने की मांग

जिला पंचायत सदस्य गरियाबंद एवं राजिम कृषक सेवा सहकारी समिति के अध्यक्ष चंद्रशेखर साहू ने कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी गरियाबंद...

कोरोना नही हथियो के डर से ग्रामीण अपने आप की किया बन्द , आतंक मचा रखा, जिला संवाददाता उरेन्द्र कुमार साहू

मैनपुर | जिला मुख्यालय के अंतर्गत तहसील मुख्यालय मैनपुर से लगे ग्राम गिरहोला , दर्रीपारा , रामपारा , सिंहार ,...

पं. दीनदयाल उपाध्याय की जयंती पर दीप प्रज्वलित कर श्रद्धासुमन अर्पित कर याद किये- इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद

इतेश सोनी गरियाबंद। 25 सितम्बर 2020 पं. दीनदयाल उपाध्याय की जयंती पर आज ABVP के देवभोग नगर अध्यक्ष गजानन्द कश्यप,नगर...

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” सिनेमा एंड बियांड और नुक्कड़ कैफे द्वारा आयोजित “भारतीय सिनेमा में महिला लेखिकाओं एंव निर्देशकों का योगदान – एम.एल. नत्थानी कवि,लेखक, शिक्षाविद, भारतीय सिनेमा के लगभग 100 साल के इतिहास में महिला लेखिकाओं और निर्देशकों ने अपने कल्पनाशील विचारों एंव आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही यथार्थवादी धरातल पर पुरुष पात्रों के ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” को सिनेमा के सुनहरे पर्दे पर लगभग प्रत्येक दशक में अपनी अंतर्दृष्टि से रेखांकित किया है । अतीत से वर्तमान कालखंड में अनेक महिला फिल्मकारों ने सिनेमाई रुपहले पर्दे पर पुरानी सोच के रुढ़िवादी पुरुष पात्रों को नए परिवेश में आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील, बुद्धिमान होने के साथ ही अनंत गहराईयों को शिद्दत के साथ जिंदगी को जिन्दादिली के साथ जीने के लिए प्रतिबद्ध है । यह सिनेमाई पर्दे पर महिला फिल्मकारों की नई सोच और सृजन के अद्भुत हस्ताक्षर हैं । भारतीय सिनेमा के शुरूआती कालखंड में महिला फिल्मकारों में साहसी एंव प्रतिभावान फातिमा बेगम और देविका रानी उल्लेखनीय नाम हैं । समय के साथ महिला फिल्मकारों की भूमिका का चित्रण भी निरंतर बदलता रहा है । वस्तुतः सिनेमा के माध्यम से समाज में तेजी से बदलते जीवन मूल्यों को ” पुरुष पात्रों ” को महिला फिल्मकारों ने अपने आधुनिक नजरिए एंव पैनी अंतर्दृष्टि से विवधता के नए आयाम स्थापित किए हैं । महिला फिल्मकारों के सृजनशील सशक्त हस्ताक्षर :- ************************ 1 फातिमा बेगम – बुलबुल ए परिसतान 2 देविका रानी – कर्मा 3 नंदिता दास – फिराक 4 दीपा मेहता – फायर 5 अरुणा राजे – रिहाई 6 कल्पना लाजमी – रूदाली 7 अर्पणा सेन – मिस्टर एंड मिसेज अय्यर 8 मीरा नायर – मानसून वेडिंग 9 गुरविंदर चड्डा – बेंड इट लाइक बेकहम 10 अनुशा रिजवी – पीपली लाईव 11 किरण राव – धोबी घाट 12 भावना तलवार – धरम 13 रीमा कागती – तलाश 14 रेवती – मित्र माई फ्रेंड 15 मेघना गुलजार – तलवार, राजी,छपाक 16 गोरी शिंदे – इंग्लिश विंगलिश 17 जोया अख्तर – लक बाय चांस, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा,दिल धड़कने दो 18 फराह खान – ओम शांति ओम, मैं हूं ना 19 कोंकणा सेन शर्मा – अ डेथ इन द गंज 20 लीना यादव – दि एंड निष्कर्ष :- इस तरह से भारतीय सिनेमा का इतिहास महिला फिल्मकारों के सृजनशील और सशक्तिकरण के नित नई सोच और आधुनिक दृष्टिकोंण का बदलता हुआ प्रतिबिंब है । आज महिला फिल्मकारों ने ग्लोबल स्तर पर अच्छे कंटेंट राईटर के कारण सिनेमा और ओटीटी प्लेटफार्म पर भी इस डिजिटल युग में वैश्विक पहचान बनाई है । भारतीय सिनेमा में अब पुरुषों को लेकर नए दृष्टिकोंण और वैश्विक स्तर के कंटेंट राईटर निरंतर सक्रियता के साथ महिला फिल्मकारों ने समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने में आधुनिक तकनीक और विज्ञान के साथ ही नए ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” की सिनेमाई छबि को परिभाषित करने में कामयाब हुए हैं । सादर ।