छत्तीसगढ़

गरियाबंद जिले में फिर दस्तक दिया कोरोना , राजिम क्षेत्र सबसे ज्यादा संक्रमित

उरेन्द्र साहू जिला संवाददाता :- गरियाबंद | जिले में कोरोना संक्रमण के मामले एक बार फिर बढ़ते नजर आ रहे...

गरियाबंद जिला में हुआ हिन्दू क्षत्रिय वाहिनी संगठन का गठन ,, शिशुपाल राजपूत संभाग अध्यक्ष जालन्धर राजपूत बने जिला अध्यक्ष भानु प्रताप राजपूत को युवा जिला अध्यक्ष की मिली जवाबदारी- इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद

इतेश सोनी गरियाबंद। राजपूत समाज की अग्रणी संस्था हिन्दू क्षत्रिय वाहिनी की कार्यकारिणी का विस्तार करते हुए प्रदेश अध्यक्ष धर्मेंद्र...

कर्मचारियों ने विरोध प्रदर्शन कर सौपा ज्ञापन छत्तीसगढ़ तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने मनाया विरोध दिवस ।

अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी महासंघ के आह्वान पर छत्तीसगढ़ तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ द्वारा मंगलवार को केंद्र एवं...

छत्तीसगढ़ी फिल्म अभिनेता राजू दीवान ने युवकों को दिए जीवन के लिए कुछ सुझाव फिल्मों को ना बनाएं अपना कैरियर

प्रदेश के युवाओं से मेरी अपील है कि वे फिल्मों को ना बनाएं अपना कैरियर क्योंकि फिल्मों के भरोसे आपका...

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की मेहनत लाई रंग अब परीक्षा केंद्र में ही जमा होगी उत्तर पुस्तिकाएं- इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद

इतेश सोनी गरियाबंद । अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद इकाई के नगर मंत्री हेमंत कुमार नागेश एवं नगर अध्यक्ष गजानंद कश्यप...

सड़के सुनी , छुरा पुलिस तैनात 7 दिनों का टोटल लॉकडाउन रहा सफल अकारण घूमने वालो पर कारवाही – इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद

इतेश सोनी गरियाबंद | गरियाबंद जिले में लॉकडाउन का पूरा असर सभी इलाको में दिखाई पड़ रही है गरियाबंद पुलिस...

सरकार के बाडी योजना के तहत महिला समूह द्वारा सब्जी की खेती- इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद

मैनपुर के ग्राम बेहराडीह में शासन की योजनाओं का लाभ मिल रहा है विशेष पिछडी कमार जनजाति के लोगों को...

सड़के सुनी , राजिम पुलिस तैनात ,लोग हुये अपने घरों में कैद , अकारण घूमने वालो पर कारवाही , जिला संवाददाता – उरेन्द्र कुमार साहू

राजिम | गरियाबंद जिले में लॉकडाउन का पूरा असर सभी इलाको में दिखाई पड़ रही है गरियाबंद पुलिस अधीक्षक भोजराम...

राशन हेराफेरी मामले में पुलिस ने एक और आरोपी को दबोचा , भेज गया जेल , फिंगेश्वर थाने की कारवाही जिला संवाददाता – उरेन्द्र कुमार साहू

गरियाबंद / फिंगेश्वर | गरियाबंद जिले में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के राशन में हेरा फेरी के मामले में लगातार आरोपियों...

देर रात हांथी ने किया हमला , 19 वर्षीय युवक की मौत , मौके पर पहुची छुरा पुलिस ,जिला संवाददाता – उरेन्द्र कुमार साहू

छुरा | गरियाबंद जिले के छुरा क्षेत्र अचानक हांथी ने तीन युवक पर किया हमला , जैसे तैसे दो युवक...

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” सिनेमा एंड बियांड और नुक्कड़ कैफे द्वारा आयोजित “भारतीय सिनेमा में महिला लेखिकाओं एंव निर्देशकों का योगदान – एम.एल. नत्थानी कवि,लेखक, शिक्षाविद, भारतीय सिनेमा के लगभग 100 साल के इतिहास में महिला लेखिकाओं और निर्देशकों ने अपने कल्पनाशील विचारों एंव आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही यथार्थवादी धरातल पर पुरुष पात्रों के ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” को सिनेमा के सुनहरे पर्दे पर लगभग प्रत्येक दशक में अपनी अंतर्दृष्टि से रेखांकित किया है । अतीत से वर्तमान कालखंड में अनेक महिला फिल्मकारों ने सिनेमाई रुपहले पर्दे पर पुरानी सोच के रुढ़िवादी पुरुष पात्रों को नए परिवेश में आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील, बुद्धिमान होने के साथ ही अनंत गहराईयों को शिद्दत के साथ जिंदगी को जिन्दादिली के साथ जीने के लिए प्रतिबद्ध है । यह सिनेमाई पर्दे पर महिला फिल्मकारों की नई सोच और सृजन के अद्भुत हस्ताक्षर हैं । भारतीय सिनेमा के शुरूआती कालखंड में महिला फिल्मकारों में साहसी एंव प्रतिभावान फातिमा बेगम और देविका रानी उल्लेखनीय नाम हैं । समय के साथ महिला फिल्मकारों की भूमिका का चित्रण भी निरंतर बदलता रहा है । वस्तुतः सिनेमा के माध्यम से समाज में तेजी से बदलते जीवन मूल्यों को ” पुरुष पात्रों ” को महिला फिल्मकारों ने अपने आधुनिक नजरिए एंव पैनी अंतर्दृष्टि से विवधता के नए आयाम स्थापित किए हैं । महिला फिल्मकारों के सृजनशील सशक्त हस्ताक्षर :- ************************ 1 फातिमा बेगम – बुलबुल ए परिसतान 2 देविका रानी – कर्मा 3 नंदिता दास – फिराक 4 दीपा मेहता – फायर 5 अरुणा राजे – रिहाई 6 कल्पना लाजमी – रूदाली 7 अर्पणा सेन – मिस्टर एंड मिसेज अय्यर 8 मीरा नायर – मानसून वेडिंग 9 गुरविंदर चड्डा – बेंड इट लाइक बेकहम 10 अनुशा रिजवी – पीपली लाईव 11 किरण राव – धोबी घाट 12 भावना तलवार – धरम 13 रीमा कागती – तलाश 14 रेवती – मित्र माई फ्रेंड 15 मेघना गुलजार – तलवार, राजी,छपाक 16 गोरी शिंदे – इंग्लिश विंगलिश 17 जोया अख्तर – लक बाय चांस, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा,दिल धड़कने दो 18 फराह खान – ओम शांति ओम, मैं हूं ना 19 कोंकणा सेन शर्मा – अ डेथ इन द गंज 20 लीना यादव – दि एंड निष्कर्ष :- इस तरह से भारतीय सिनेमा का इतिहास महिला फिल्मकारों के सृजनशील और सशक्तिकरण के नित नई सोच और आधुनिक दृष्टिकोंण का बदलता हुआ प्रतिबिंब है । आज महिला फिल्मकारों ने ग्लोबल स्तर पर अच्छे कंटेंट राईटर के कारण सिनेमा और ओटीटी प्लेटफार्म पर भी इस डिजिटल युग में वैश्विक पहचान बनाई है । भारतीय सिनेमा में अब पुरुषों को लेकर नए दृष्टिकोंण और वैश्विक स्तर के कंटेंट राईटर निरंतर सक्रियता के साथ महिला फिल्मकारों ने समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने में आधुनिक तकनीक और विज्ञान के साथ ही नए ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” की सिनेमाई छबि को परिभाषित करने में कामयाब हुए हैं । सादर ।