छत्तीसगढ़

मैनपुर के भाठीगढ में जिला स्तरीय युवा महोत्सव का जोरदार आगाज- इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद

इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद सर्वोच्च छत्तीसगढ़ गरियाबंद। तहसील मुख्यालय मैनपुर से 03 किलोमीटर दुर ग्राम भाठीगढ पैरी मिनी स्टेडियम...

सोसाइटियों में किसानों की हो रही 1275 करोड़ रुपयों की लूट पर लगाओ रोक — किसान सभा

छत्तीसगढ़ किसान सभा ने सहकारी सोसाइटियों में प्रबंधन द्वारा किसानों की बड़े पैमाने पर की जा रही लूट को रोकने...

शासकीय कचना धुर्वा महाविद्यालय हरदी के छात्र-छात्राओं द्वारा नाटकों के माध्यम से दिया संदेश- इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद

इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद सर्वोच्च छत्तीसगढ़ गरियाबंद। छुरा ब्लॉक के ग्राम पंचायत हरदी में शासकीय कचना धुर्वा महाविद्यालय के...

वि.ख.शिक्षा अधिकारी ने किया आकस्मिक निरीक्षण- इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद

इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद सर्वोच्च छत्तीसगढ़ गरियाबंद। विकासखंड शिक्षा अधिकारी एस.एल. गिधोड़े एवं संकुल समन्वयक भारत साहू के द्वारा...

मैनपुर में जिला स्तरीय राष्ट्रीय आदिवासी लोक नृत्य महोत्सव का आयोजन 06 दिसम्बर को- इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद

इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद सर्वोच्च छत्तीसगढ़ गरियाबंद। तहसील मुख्यालय मैनपुर वन विभाग मैदान में पहली बार जिला प्रशासन द्वारा...

मैनपुर का प्रथम एसडीएम बने अंकिता सोम- इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद

इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद सर्वोच्च छत्तीसगढ़ गरियाबंद। छत्तीसगढ प्रदेश के मुख्यमंत्री भुपेश बघेल ने मैनपुर क्षेत्र को महत्वपूर्ण सौगात...

नेशनल हाईवे गरियाबंद डामर से भरे हाईवा पलटा- इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद

इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद सर्वोच्च छत्तीसगढ़ गरियाबंद। तहसील मुख्यालय मैनपुर से एक किमी दूर नेशनल हाईवे गरियाबंद मुख्य मार्ग...

बीईओ ने किया निरीक्षण अनुपस्थित शिक्षको किया नोटिस जारी- इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद

इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद सर्वोच्च छत्तीसगढ़ गरियाबंद। विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी मैनपुर आर.आर सिंह ने आज मंगलवार को मैनपुर विकासखण्ड...

पहाडी गांव में हाथियों के दल ने मचाई जमकर उत्पात फसलों को पहुचाई भारी नुकसान ग्रामीण भयभीत- इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद

इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद सर्वोच्च छत्तीसगढ़ गरियाबंद। उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व के बफर जोन एरिया कुल्हाडीघाट वन परिक्षेत्र के...

लाखों का मिडिल स्कूल भवन 14 वर्षों से अधूरा पायलीखंण्ड- इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद

इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद सर्वोच्च छत्तीसगढ़ गरियाबंद। गरियाबंद जिले के आदिवासी विकासखण्ड मैनपुर क्षेत्र के पायलीखण्ड को कौन नही...

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” सिनेमा एंड बियांड और नुक्कड़ कैफे द्वारा आयोजित “भारतीय सिनेमा में महिला लेखिकाओं एंव निर्देशकों का योगदान – एम.एल. नत्थानी कवि,लेखक, शिक्षाविद, भारतीय सिनेमा के लगभग 100 साल के इतिहास में महिला लेखिकाओं और निर्देशकों ने अपने कल्पनाशील विचारों एंव आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही यथार्थवादी धरातल पर पुरुष पात्रों के ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” को सिनेमा के सुनहरे पर्दे पर लगभग प्रत्येक दशक में अपनी अंतर्दृष्टि से रेखांकित किया है । अतीत से वर्तमान कालखंड में अनेक महिला फिल्मकारों ने सिनेमाई रुपहले पर्दे पर पुरानी सोच के रुढ़िवादी पुरुष पात्रों को नए परिवेश में आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील, बुद्धिमान होने के साथ ही अनंत गहराईयों को शिद्दत के साथ जिंदगी को जिन्दादिली के साथ जीने के लिए प्रतिबद्ध है । यह सिनेमाई पर्दे पर महिला फिल्मकारों की नई सोच और सृजन के अद्भुत हस्ताक्षर हैं । भारतीय सिनेमा के शुरूआती कालखंड में महिला फिल्मकारों में साहसी एंव प्रतिभावान फातिमा बेगम और देविका रानी उल्लेखनीय नाम हैं । समय के साथ महिला फिल्मकारों की भूमिका का चित्रण भी निरंतर बदलता रहा है । वस्तुतः सिनेमा के माध्यम से समाज में तेजी से बदलते जीवन मूल्यों को ” पुरुष पात्रों ” को महिला फिल्मकारों ने अपने आधुनिक नजरिए एंव पैनी अंतर्दृष्टि से विवधता के नए आयाम स्थापित किए हैं । महिला फिल्मकारों के सृजनशील सशक्त हस्ताक्षर :- ************************ 1 फातिमा बेगम – बुलबुल ए परिसतान 2 देविका रानी – कर्मा 3 नंदिता दास – फिराक 4 दीपा मेहता – फायर 5 अरुणा राजे – रिहाई 6 कल्पना लाजमी – रूदाली 7 अर्पणा सेन – मिस्टर एंड मिसेज अय्यर 8 मीरा नायर – मानसून वेडिंग 9 गुरविंदर चड्डा – बेंड इट लाइक बेकहम 10 अनुशा रिजवी – पीपली लाईव 11 किरण राव – धोबी घाट 12 भावना तलवार – धरम 13 रीमा कागती – तलाश 14 रेवती – मित्र माई फ्रेंड 15 मेघना गुलजार – तलवार, राजी,छपाक 16 गोरी शिंदे – इंग्लिश विंगलिश 17 जोया अख्तर – लक बाय चांस, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा,दिल धड़कने दो 18 फराह खान – ओम शांति ओम, मैं हूं ना 19 कोंकणा सेन शर्मा – अ डेथ इन द गंज 20 लीना यादव – दि एंड निष्कर्ष :- इस तरह से भारतीय सिनेमा का इतिहास महिला फिल्मकारों के सृजनशील और सशक्तिकरण के नित नई सोच और आधुनिक दृष्टिकोंण का बदलता हुआ प्रतिबिंब है । आज महिला फिल्मकारों ने ग्लोबल स्तर पर अच्छे कंटेंट राईटर के कारण सिनेमा और ओटीटी प्लेटफार्म पर भी इस डिजिटल युग में वैश्विक पहचान बनाई है । भारतीय सिनेमा में अब पुरुषों को लेकर नए दृष्टिकोंण और वैश्विक स्तर के कंटेंट राईटर निरंतर सक्रियता के साथ महिला फिल्मकारों ने समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने में आधुनिक तकनीक और विज्ञान के साथ ही नए ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” की सिनेमाई छबि को परिभाषित करने में कामयाब हुए हैं । सादर ।