छत्तीसगढ़

थानखम्हरिया में कैप्टन क्लीन रैली …

थानखम्हरिया में कैप्टन क्लीन रैली -------- संजु जैन बेमेतरा(थान खम्हरिया)=राज्य शहरी विकास अभिकरण के निर्देश पर आज नगर पंचायत द्वारा...

थानखम्हरिया नगर पंचायत स्काॅच अवार्ड से सम्मानित …

थानखम्हरिया नगर पंचायत स्काॅच अवार्ड से सम्मानित ------------ संजु जैन बेमेतरा(थानखम्हरिया)=-राष्टीय स्तर पर 21 जून को नई दिल्ली के संविधान...

*डॉ. श्याम प्रशाद मुखर्जी जी के विचार आज भी प्रासंगिक – श्री केदार कश्यप…

*डॉ. श्याम प्रशाद मुखर्जी जी के विचार आज भी प्रासंगिक - श्री केदार कश्यप* देश के विरले सपूतो में से...

अल्पसंख्यक विकास मंत्री श्री केदार कश्यप ने दी हज यात्रियों को शुभकामनाएं…

  *अल्पसंख्यक विकास मंत्री श्री केदार कश्यप ने दी हज यात्रियों को शुभकामनाएं* *विभिन्न जिलों के 130 हज यात्रियों को...

13 सूत्रीय मांगों को ले कल जनता कांग्रेस करेंगी कलेक्ट्रेट का घेराव …

13 सूत्रीय मांगों को ले कल जनता कांग्रेस करेंगी कलेक्ट्रेट का घेराव ---------- संजु जैन बेमेतरा=जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ जे के...

श्रीविद्या मठ के बटुकों ने योग के माध्यम से दिया मंन्दिरों को बचाने का संदेश…

श्रीविद्या मठ के बटुकों ने योग के माध्यम से दिया मंन्दिरों को बचाने का संदेश। सुदीप्तो चटर्जी "खबरीलाल" (काशी) :: 21...

वर्ग 3 की वेतन विसंगति दूर कराने व संविलियन में 8 वर्ष का बंधन समाप्त कराने शिक्षक मोर्चा प्रयासरत – गजराज सिंह…

वर्ग 3 की वेतन विसंगति दूर कराने व संविलियन में 8 वर्ष का बंधन समाप्त कराने शिक्षक मोर्चा प्रयासरत -...

साधुओं का संग ही संसार रूपी रोग का औषधि है : इंदुभवानंद…

  साधुओं का संग ही संसार रूपी रोग का औषधि है : इंदुभवानंद सुदीप्तो चटर्जी "खबरीलाल" ::- श्री शिवम विद्यापीठ...

सहकारी बैंक,नवागढ़ में हुई 58 लाख सनसनीखेज चोरी के आरोपी धरे गये…

बेमेतरा से आशीष कंठले की रिपोर्ट बेमेतरा पुलिस को मिली बडी सफलता सहकारी बैंक,नवागढ़ में हुई 58 लाख सनसनीखेज चोरी...

You may have missed

” सिनेमा एंड बियांड और नुक्कड़ कैफे द्वारा आयोजित “भारतीय सिनेमा में महिला लेखिकाओं एंव निर्देशकों का योगदान – एम.एल. नत्थानी कवि,लेखक, शिक्षाविद, भारतीय सिनेमा के लगभग 100 साल के इतिहास में महिला लेखिकाओं और निर्देशकों ने अपने कल्पनाशील विचारों एंव आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही यथार्थवादी धरातल पर पुरुष पात्रों के ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” को सिनेमा के सुनहरे पर्दे पर लगभग प्रत्येक दशक में अपनी अंतर्दृष्टि से रेखांकित किया है । अतीत से वर्तमान कालखंड में अनेक महिला फिल्मकारों ने सिनेमाई रुपहले पर्दे पर पुरानी सोच के रुढ़िवादी पुरुष पात्रों को नए परिवेश में आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील, बुद्धिमान होने के साथ ही अनंत गहराईयों को शिद्दत के साथ जिंदगी को जिन्दादिली के साथ जीने के लिए प्रतिबद्ध है । यह सिनेमाई पर्दे पर महिला फिल्मकारों की नई सोच और सृजन के अद्भुत हस्ताक्षर हैं । भारतीय सिनेमा के शुरूआती कालखंड में महिला फिल्मकारों में साहसी एंव प्रतिभावान फातिमा बेगम और देविका रानी उल्लेखनीय नाम हैं । समय के साथ महिला फिल्मकारों की भूमिका का चित्रण भी निरंतर बदलता रहा है । वस्तुतः सिनेमा के माध्यम से समाज में तेजी से बदलते जीवन मूल्यों को ” पुरुष पात्रों ” को महिला फिल्मकारों ने अपने आधुनिक नजरिए एंव पैनी अंतर्दृष्टि से विवधता के नए आयाम स्थापित किए हैं । महिला फिल्मकारों के सृजनशील सशक्त हस्ताक्षर :- ************************ 1 फातिमा बेगम – बुलबुल ए परिसतान 2 देविका रानी – कर्मा 3 नंदिता दास – फिराक 4 दीपा मेहता – फायर 5 अरुणा राजे – रिहाई 6 कल्पना लाजमी – रूदाली 7 अर्पणा सेन – मिस्टर एंड मिसेज अय्यर 8 मीरा नायर – मानसून वेडिंग 9 गुरविंदर चड्डा – बेंड इट लाइक बेकहम 10 अनुशा रिजवी – पीपली लाईव 11 किरण राव – धोबी घाट 12 भावना तलवार – धरम 13 रीमा कागती – तलाश 14 रेवती – मित्र माई फ्रेंड 15 मेघना गुलजार – तलवार, राजी,छपाक 16 गोरी शिंदे – इंग्लिश विंगलिश 17 जोया अख्तर – लक बाय चांस, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा,दिल धड़कने दो 18 फराह खान – ओम शांति ओम, मैं हूं ना 19 कोंकणा सेन शर्मा – अ डेथ इन द गंज 20 लीना यादव – दि एंड निष्कर्ष :- इस तरह से भारतीय सिनेमा का इतिहास महिला फिल्मकारों के सृजनशील और सशक्तिकरण के नित नई सोच और आधुनिक दृष्टिकोंण का बदलता हुआ प्रतिबिंब है । आज महिला फिल्मकारों ने ग्लोबल स्तर पर अच्छे कंटेंट राईटर के कारण सिनेमा और ओटीटी प्लेटफार्म पर भी इस डिजिटल युग में वैश्विक पहचान बनाई है । भारतीय सिनेमा में अब पुरुषों को लेकर नए दृष्टिकोंण और वैश्विक स्तर के कंटेंट राईटर निरंतर सक्रियता के साथ महिला फिल्मकारों ने समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने में आधुनिक तकनीक और विज्ञान के साथ ही नए ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” की सिनेमाई छबि को परिभाषित करने में कामयाब हुए हैं । सादर ।