छत्तीसगढ़

कृषि विज्ञान केंद्र में विश्व मधुमक्खी दिवस मनाया गया…

कृषि विज्ञान केन्द्र में विश्व मधुमक्खी दिवस मनाया गया बेमेतरा 21 मई 2018:- कृषि विज्ञान केन्द्र बेमेतरा में विश्व मधुमक्खी...

छत्तीसगढ़ राज्य बाल संरक्षण आयोग अध्यक्ष श्री मति प्रभा दुबे ने ली बैठक…

छ.ग. राज्य बाल संरक्षण आयोग अध्यक्ष श्रीमती प्रभा दुबे ने ली बैठक बेमेतरा 21 मई 2018:- छत्तीसगढ़ राज्य बाल अधिकार...

श्री सदगुरू कबीर साहब प्रगट उत्सव में शामिल हुई- श्री मति कविता साहू…

श्री सद्गुरू कबीर साहब प्रगट उत्सव ग्राम बारगांव में शामिल हुई :- श्रीमती कविता साहू सद्गुरू कबीर साहब जी के...

वार्ड नम्बर 7 के महिला कमांडो , जोगी कांग्रेस में लिया प्रवेश…

बेमेतरा वार्ड 07 के महिला कमांडो ने जोगी कोंग्रेस कर्यालय बेमेतरा में आकर वर्तमान सरकार के रवैये को देख कर...

जिला अस्पताल द्वारा जीवनदीप समिति को सौपी जाएगी दो डेड बॉडी फ्रीज़र …

बेमेतरा 23 मई को बेमेतरा जिला अस्पताल जीवनदीप समिति को सौंपा जायेगा 2 डेड बाॅडी फ्रिजर --------- 1=डेड बाडी फ्रीजर...

कांग्रेस का संकल्प शिविर…

*#वक्त_है_बदलाव_का_अब_की_बार_काँग्रेस_सरकार* ============== *#संकल्प_शिविर_युवा_ कांग्रेस_बेमेतरा* *युवा कांग्रेस संकल्प शिविर कांग्रेस भवन बेमेतरा में शामिल हुई :- #श्रीमती_कविता_साहू* *बेमेतरा विधानसभा स्तरीय संकल्प...

छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस जोगी की पदयात्रा प्रारंभ…

छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस जोगी जिला बेमेतरा के द्वारा आज ग्राम दार गांव से पार्टी के बेमेतरा विधानसभा क्षेत्र के प्रत्याशी...

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” सिनेमा एंड बियांड और नुक्कड़ कैफे द्वारा आयोजित “भारतीय सिनेमा में महिला लेखिकाओं एंव निर्देशकों का योगदान – एम.एल. नत्थानी कवि,लेखक, शिक्षाविद, भारतीय सिनेमा के लगभग 100 साल के इतिहास में महिला लेखिकाओं और निर्देशकों ने अपने कल्पनाशील विचारों एंव आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही यथार्थवादी धरातल पर पुरुष पात्रों के ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” को सिनेमा के सुनहरे पर्दे पर लगभग प्रत्येक दशक में अपनी अंतर्दृष्टि से रेखांकित किया है । अतीत से वर्तमान कालखंड में अनेक महिला फिल्मकारों ने सिनेमाई रुपहले पर्दे पर पुरानी सोच के रुढ़िवादी पुरुष पात्रों को नए परिवेश में आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील, बुद्धिमान होने के साथ ही अनंत गहराईयों को शिद्दत के साथ जिंदगी को जिन्दादिली के साथ जीने के लिए प्रतिबद्ध है । यह सिनेमाई पर्दे पर महिला फिल्मकारों की नई सोच और सृजन के अद्भुत हस्ताक्षर हैं । भारतीय सिनेमा के शुरूआती कालखंड में महिला फिल्मकारों में साहसी एंव प्रतिभावान फातिमा बेगम और देविका रानी उल्लेखनीय नाम हैं । समय के साथ महिला फिल्मकारों की भूमिका का चित्रण भी निरंतर बदलता रहा है । वस्तुतः सिनेमा के माध्यम से समाज में तेजी से बदलते जीवन मूल्यों को ” पुरुष पात्रों ” को महिला फिल्मकारों ने अपने आधुनिक नजरिए एंव पैनी अंतर्दृष्टि से विवधता के नए आयाम स्थापित किए हैं । महिला फिल्मकारों के सृजनशील सशक्त हस्ताक्षर :- ************************ 1 फातिमा बेगम – बुलबुल ए परिसतान 2 देविका रानी – कर्मा 3 नंदिता दास – फिराक 4 दीपा मेहता – फायर 5 अरुणा राजे – रिहाई 6 कल्पना लाजमी – रूदाली 7 अर्पणा सेन – मिस्टर एंड मिसेज अय्यर 8 मीरा नायर – मानसून वेडिंग 9 गुरविंदर चड्डा – बेंड इट लाइक बेकहम 10 अनुशा रिजवी – पीपली लाईव 11 किरण राव – धोबी घाट 12 भावना तलवार – धरम 13 रीमा कागती – तलाश 14 रेवती – मित्र माई फ्रेंड 15 मेघना गुलजार – तलवार, राजी,छपाक 16 गोरी शिंदे – इंग्लिश विंगलिश 17 जोया अख्तर – लक बाय चांस, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा,दिल धड़कने दो 18 फराह खान – ओम शांति ओम, मैं हूं ना 19 कोंकणा सेन शर्मा – अ डेथ इन द गंज 20 लीना यादव – दि एंड निष्कर्ष :- इस तरह से भारतीय सिनेमा का इतिहास महिला फिल्मकारों के सृजनशील और सशक्तिकरण के नित नई सोच और आधुनिक दृष्टिकोंण का बदलता हुआ प्रतिबिंब है । आज महिला फिल्मकारों ने ग्लोबल स्तर पर अच्छे कंटेंट राईटर के कारण सिनेमा और ओटीटी प्लेटफार्म पर भी इस डिजिटल युग में वैश्विक पहचान बनाई है । भारतीय सिनेमा में अब पुरुषों को लेकर नए दृष्टिकोंण और वैश्विक स्तर के कंटेंट राईटर निरंतर सक्रियता के साथ महिला फिल्मकारों ने समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने में आधुनिक तकनीक और विज्ञान के साथ ही नए ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” की सिनेमाई छबि को परिभाषित करने में कामयाब हुए हैं । सादर ।