छत्तीसगढ़

22 से 29 सिंतबर तक मैनपुर क्षेत्र में सम्पूर्ण लाॅकडाउन करने लोगो ने शासन को भेजा प्रस्ताव, सम्पूर्ण लाॅकडाउन के दौरान शराब दुकान को भी बंद रखने मैनपुर क्षेत्र के लोगो ने किया मांग:- इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद

इतेश सोनी मैनपुर गरियाबंद :- तहसील मुख्यालय मैनपुर लोक निर्माण विभाग विश्राम गृह में आज रविवार को अनुविभागीय अधिकारी राजस्व...

पुलिस जवानो द्वारा चलाया गया स्वच्छता परिसर के आसपास की गई साफ सफाई:- इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद

इतेश सोनी मैनपुर:- मैनपुर थाना परिसर को स्वच्छ बनाने के उदे्श्य से आज आज रविवार को पुलिस जवानो ने थाना...

धान व मक्का की हजारो एकड़ की फसल किट प्रकोप की चपेट में , किसान परेशान जिला संवाददाता उरेन्द्र कुमार साहू

मैनपुर | जिला पंचायत उपाध्यक्ष संजय नेताम ने कई ग्रामो में पहुंचकर लिया फसलों का जायज़ा गरियाबंद जिले के आदिवासी...

जिला अध्यक्ष स्मृति द्वारा बच्चों को दिये जा रहे मास्क व सेनेटाइजर जिला संवाददाता उरेन्द्र कुमार साहू

मैनपुर | इन दिनों क्षेत्र अनेक ग्रामो में गली गली मोहल्ला स्कूल चलाया जा रहा है । इस दौरान स्कूल...

नगरीय निकायों में एल्डरमैन की नियुक्ति वित्तीय भार को बढ़ाने वाला: चंद्रशेखर साहू जिला संवाददाता उरेन्द्र कुमार

राजिम । :- राजिम क्षेत्र के भाजपा नेता एवं गरियाबंद जिला पंचायत सदस्य चंद्रशेखर साहू ने प्रदेश की भूपेश बघेल...

रवेली में स्वच्छता को लेकर लड़किया जागरूक , नालियों तथा गली चौराहे का किया सफाई जिला संवाददाता – उरेन्द्र कुमार साहू

कोपरा | गरियाबंद जिला मुख्यालय के अंतर्गत फिंगेश्वर ब्लॉक के ग्राम पंचायत रवेली में दिखा स्वच्छता का एक नजारा ग्राम...

गरियाबंद पुलिस विभाग में तबादले, पुलिस अधीक्षक ने थाना प्रभारियों सहित 13 के बदले प्रभार- इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद

इतेश सोनी गरियाबंद। पुलिस अधीक्षक भोजराम पटेल ने जिले के कई पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों को स्थानांतरित किया है। जिसमें...

गरियाबंद, छुरा, मैनपुर और देवभोग तहसील में धनात्मक कोरोना मरीज मिलने के बाद प्रभावित क्षेत्र कन्टेनमेंट जोन मे तब्दील – इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद

इतेश सोनी गरियाबंद :- जिले के गरियाबंद, छुरा, मैनपुर और देवभोग तहसील में धनात्मक कोरोना मरीज मिलने से संबंधित क्षेत्र...

संक्रमण से जिले के कोरोना वॉरियर की मौत , नावापारा बना कोरोनागढ़ जिला संवाददाता – उरेन्द्र कुमार साहू

गरियाबंद / राजिम | कोरोना के चलते जिले में अब मौत का सिलसिला शुरू हो गया है । मुख्य चिकित्सा...

फुलझर घटारानी में निकले भुइंफोर भोलेनाथ, जिला संवाददाता – उरेन्द्र कुमार साहू

छुरा | समीपस्थ ग्राम फुलझर घटारानी में जमाहि , धुरसा , मुरमुरा पहुंच मार्ग अंतर्गत शिव चौक नाला किनारे भुइंफोर...

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” सिनेमा एंड बियांड और नुक्कड़ कैफे द्वारा आयोजित “भारतीय सिनेमा में महिला लेखिकाओं एंव निर्देशकों का योगदान – एम.एल. नत्थानी कवि,लेखक, शिक्षाविद, भारतीय सिनेमा के लगभग 100 साल के इतिहास में महिला लेखिकाओं और निर्देशकों ने अपने कल्पनाशील विचारों एंव आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही यथार्थवादी धरातल पर पुरुष पात्रों के ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” को सिनेमा के सुनहरे पर्दे पर लगभग प्रत्येक दशक में अपनी अंतर्दृष्टि से रेखांकित किया है । अतीत से वर्तमान कालखंड में अनेक महिला फिल्मकारों ने सिनेमाई रुपहले पर्दे पर पुरानी सोच के रुढ़िवादी पुरुष पात्रों को नए परिवेश में आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील, बुद्धिमान होने के साथ ही अनंत गहराईयों को शिद्दत के साथ जिंदगी को जिन्दादिली के साथ जीने के लिए प्रतिबद्ध है । यह सिनेमाई पर्दे पर महिला फिल्मकारों की नई सोच और सृजन के अद्भुत हस्ताक्षर हैं । भारतीय सिनेमा के शुरूआती कालखंड में महिला फिल्मकारों में साहसी एंव प्रतिभावान फातिमा बेगम और देविका रानी उल्लेखनीय नाम हैं । समय के साथ महिला फिल्मकारों की भूमिका का चित्रण भी निरंतर बदलता रहा है । वस्तुतः सिनेमा के माध्यम से समाज में तेजी से बदलते जीवन मूल्यों को ” पुरुष पात्रों ” को महिला फिल्मकारों ने अपने आधुनिक नजरिए एंव पैनी अंतर्दृष्टि से विवधता के नए आयाम स्थापित किए हैं । महिला फिल्मकारों के सृजनशील सशक्त हस्ताक्षर :- ************************ 1 फातिमा बेगम – बुलबुल ए परिसतान 2 देविका रानी – कर्मा 3 नंदिता दास – फिराक 4 दीपा मेहता – फायर 5 अरुणा राजे – रिहाई 6 कल्पना लाजमी – रूदाली 7 अर्पणा सेन – मिस्टर एंड मिसेज अय्यर 8 मीरा नायर – मानसून वेडिंग 9 गुरविंदर चड्डा – बेंड इट लाइक बेकहम 10 अनुशा रिजवी – पीपली लाईव 11 किरण राव – धोबी घाट 12 भावना तलवार – धरम 13 रीमा कागती – तलाश 14 रेवती – मित्र माई फ्रेंड 15 मेघना गुलजार – तलवार, राजी,छपाक 16 गोरी शिंदे – इंग्लिश विंगलिश 17 जोया अख्तर – लक बाय चांस, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा,दिल धड़कने दो 18 फराह खान – ओम शांति ओम, मैं हूं ना 19 कोंकणा सेन शर्मा – अ डेथ इन द गंज 20 लीना यादव – दि एंड निष्कर्ष :- इस तरह से भारतीय सिनेमा का इतिहास महिला फिल्मकारों के सृजनशील और सशक्तिकरण के नित नई सोच और आधुनिक दृष्टिकोंण का बदलता हुआ प्रतिबिंब है । आज महिला फिल्मकारों ने ग्लोबल स्तर पर अच्छे कंटेंट राईटर के कारण सिनेमा और ओटीटी प्लेटफार्म पर भी इस डिजिटल युग में वैश्विक पहचान बनाई है । भारतीय सिनेमा में अब पुरुषों को लेकर नए दृष्टिकोंण और वैश्विक स्तर के कंटेंट राईटर निरंतर सक्रियता के साथ महिला फिल्मकारों ने समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने में आधुनिक तकनीक और विज्ञान के साथ ही नए ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” की सिनेमाई छबि को परिभाषित करने में कामयाब हुए हैं । सादर ।