धान व मक्का की हजारो एकड़ की फसल किट प्रकोप की चपेट में , किसान परेशान जिला संवाददाता उरेन्द्र कुमार साहू

0
Spread the love

मैनपुर | जिला पंचायत उपाध्यक्ष संजय नेताम ने कई ग्रामो में पहुंचकर लिया फसलों का जायज़ा

गरियाबंद जिले के आदिवासी विकास खण्ड मैनपुर क्षेत्र में तेज उमस और अचानक बारिश के कारण किसानो के खेतों में भूरा माहो खासकर मध्यम से लम्बी अवधि के धान में करीब 40 प्रतिशत फसल में यह प्रकोप देखने को मिल रहा है ।

वही पहली बार मक्के की फसल में भी तरह तरह के किट प्रकोप का असर देखा जा रहा है । जिससे क्षेत्र के किसान बेहद परेशान हो गये है । लगातार किसान कर्ज लेकर अपने फसलों को बचाने महंगी दवा का छिड़काव कर रहे है ।

लेकिन दवा का जितना असर होना चाहिए , नही दिखाई दे रहा है । इसके चलते किसान के माथे पर चिंता की लकीरे दिखाई देने लगी है । प्राप जानकारी के मुताबित मैनपुर विकासखंड क्षेत्र में लगभग 22 हजार हेक्टेयर में धान और 12 हजार हेक्टेयर में मक्के की फसल ली जा रही है ।

लेकि फसलों में लगतार तरह तरह के किट का प्रकोप से किसान बेहद परेशान हो गए है । वर्तमान में वातावरण में 60-65 प्रतिशत होने के कारण भूरा माहो किट के लिए यह अनुकूल समय हो सकता है ।

वरिष्ठ कृषि अधिकारी भावेश कुमार शांडिल्य के नेतृत्व में लगातार कृषि विभाग की टीम गांव में खेतों तक पहुंचकर किसानों के फ़सल को किट प्रकोप से बचाने के लिए सलाह दे रही है ।

इस गावो की फसल ज्यादा प्रभावित – चलनापदर , केकराजोर , कानडेकेला , भेजिपदर , नावापारा , सर्गिगुड़ा , मटिया , उरमाल , छोटेगोबरा , दबनई , सँगड़ा , चिखली , सरईपानी , अमलिपदर , कोडोभाठा , भैंसमुंडी , सरनाबहाल , कुहिमाल , मुड़ागांव , बिरीघाट , गावो के फसल को बहुंत नुकसान हुआ है ।

जिला पंचायत गरियाबंद उपाध्यक्ष संजय नेताम ने बताया कि मैनपुर क्षेत्र में राजापडाव , गौरगाव ऐरिया से लेकर गोहरापदर तक एक बहुंत बढ़े भू भाग में पिछले कुछ वर्षों से किसान फसल परिवर्तन के तरह मक्के की फसल ले रहे है । मक्के की फसल में नई तरह की बीमारी देखने को मिल रही है । उन्होंने पिछले तीन दिनों में लगभग 40 ग्रामो का दौरा कर मक्के की फसल का जायज़ा लिया ।

उत्पादन में कमी की आशंका से भी किसान आहत । दवा का भी नही दिख रहा असर , बढ़ती लागत ने बढ़ाई किसानों की चिंता

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed