छत्तीसगढ़

गणतंत्र दिवस के पावन अवसर पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गुरूर में ध्वाजारोहण किया गया

बालोद–खंड चिकित्सा अधिकारी डॉ जी आर रावटे के कर कमलों द्वारा ध्वजारोहण का कार्य क्रम सम्पन्न कर ब्लॉक कालोनी के...

ग्वाला स्वीट्स एंड डेयरी द्वारा 72 वे गणतंत्र दिवस हर्षो उल्लास के साथ मनाया गया ….

बात दे कि ग्वाला स्वीट्स एंड डेरी अपने शुद्धता के लिए जाना जाता है। साथ ही समाज सेवा की भावना...

सैल्यूट तिरंगा के गरियाबंद जिला अध्यक्ष बने पत्रकार इतेश सोनी

रायपुर छत्तीसगढ़ । सलूट तिरंगा राष्ट्रीय अध्यक्ष राजेश झा के मार्गदर्शन में छत्तीसगढ़ प्रदेश अध्यक्ष मेघा तिवारी द्वारा गरियाबंद जिले...

विशाल मोटरसाइकिल तिरंगा यात्रा एवं भगवा रैली का आयोजन मैनपुर में कल – इतेश सोनी गरियाबंद

इतेश सोनी गरियाबंद मैनपुर। विशाल मोटरसाइकिल तिरंगा यात्रा एवं भगवा रैली प्रभात फेरी का आयोजन कल 26 जनवरी गणतंत्रता दिवस...

चिटफंड निवेशकों का ब्याज सहित शत प्रतिशत भुगतान करे सरकार..

आज 24 जनवरी को पटेल विद्या मंदिर रायपुर में छ ग नागरिक अधिकार समिति द्वारा चिटफंड निवेशकों व अभिकर्ताओं की...

विकास खंड गुरूर में COVID 19 टीका करण का शुभारंभ किया गया…

बालोद–जिला प्रशासन के दिशनिर्देश पर विकास खंड गुरूर में खंड चिकित्सा अधिकारी द्वारा टीका करण पूर्व टीका करण सत्र की...

पुलिस और पत्रकारों ने लोगो को सडक सुरक्षा माह के तहत मैनपुर में जागरूक किया – इतेश सोनी गरियाबंद

इतेश सोनी गरियाबंद।मैनपुर : पुलिस थाना मैनपुर के सामने मुख्य बस स्टैण्ड में राष्ट्रीय सडक सुरक्षा माह के तहत एवं...

. मुख्यमंत्री के आश्वासन के बाद स्थगित हुआ पंचायत सचिव संघ का हड़ताल.

बालोद.. छत्तीसगढ़ प्रदेश के पंचायत सचिव अपने प्रांतीय संघ के आह्वान पर अपनी मांगों के निराकरण के संबध में अनिश्चितकालीन...

महाविद्यालय अरमरीकला में रासेयो के स्वयं सेवकों ने किया गया एक दिवसीय शिविर का आयोजन…

बालोद–राष्ट्रीय सेवा योजना शासकीय महाविद्यालय अरमरीकला में एक दिवसीय रासेयो शिविर का आयोजन कार्यक्रम अधिकारी डॉ यशवंत साव की दिशा...

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गुरूर में राष्ट्रीय बालिका दिवस का आयोजन किया गया बेटियां आएगी खुशियां लाएगी बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ…

बालोद–विकास खंड गुरूर में जिला नोडल अधिकारी पी सी पी एन डी टी एक्ट (गर्भ धारण एवम् निवारण अधिनियम )बालोद...

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” सिनेमा एंड बियांड और नुक्कड़ कैफे द्वारा आयोजित “भारतीय सिनेमा में महिला लेखिकाओं एंव निर्देशकों का योगदान – एम.एल. नत्थानी कवि,लेखक, शिक्षाविद, भारतीय सिनेमा के लगभग 100 साल के इतिहास में महिला लेखिकाओं और निर्देशकों ने अपने कल्पनाशील विचारों एंव आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही यथार्थवादी धरातल पर पुरुष पात्रों के ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” को सिनेमा के सुनहरे पर्दे पर लगभग प्रत्येक दशक में अपनी अंतर्दृष्टि से रेखांकित किया है । अतीत से वर्तमान कालखंड में अनेक महिला फिल्मकारों ने सिनेमाई रुपहले पर्दे पर पुरानी सोच के रुढ़िवादी पुरुष पात्रों को नए परिवेश में आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील, बुद्धिमान होने के साथ ही अनंत गहराईयों को शिद्दत के साथ जिंदगी को जिन्दादिली के साथ जीने के लिए प्रतिबद्ध है । यह सिनेमाई पर्दे पर महिला फिल्मकारों की नई सोच और सृजन के अद्भुत हस्ताक्षर हैं । भारतीय सिनेमा के शुरूआती कालखंड में महिला फिल्मकारों में साहसी एंव प्रतिभावान फातिमा बेगम और देविका रानी उल्लेखनीय नाम हैं । समय के साथ महिला फिल्मकारों की भूमिका का चित्रण भी निरंतर बदलता रहा है । वस्तुतः सिनेमा के माध्यम से समाज में तेजी से बदलते जीवन मूल्यों को ” पुरुष पात्रों ” को महिला फिल्मकारों ने अपने आधुनिक नजरिए एंव पैनी अंतर्दृष्टि से विवधता के नए आयाम स्थापित किए हैं । महिला फिल्मकारों के सृजनशील सशक्त हस्ताक्षर :- ************************ 1 फातिमा बेगम – बुलबुल ए परिसतान 2 देविका रानी – कर्मा 3 नंदिता दास – फिराक 4 दीपा मेहता – फायर 5 अरुणा राजे – रिहाई 6 कल्पना लाजमी – रूदाली 7 अर्पणा सेन – मिस्टर एंड मिसेज अय्यर 8 मीरा नायर – मानसून वेडिंग 9 गुरविंदर चड्डा – बेंड इट लाइक बेकहम 10 अनुशा रिजवी – पीपली लाईव 11 किरण राव – धोबी घाट 12 भावना तलवार – धरम 13 रीमा कागती – तलाश 14 रेवती – मित्र माई फ्रेंड 15 मेघना गुलजार – तलवार, राजी,छपाक 16 गोरी शिंदे – इंग्लिश विंगलिश 17 जोया अख्तर – लक बाय चांस, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा,दिल धड़कने दो 18 फराह खान – ओम शांति ओम, मैं हूं ना 19 कोंकणा सेन शर्मा – अ डेथ इन द गंज 20 लीना यादव – दि एंड निष्कर्ष :- इस तरह से भारतीय सिनेमा का इतिहास महिला फिल्मकारों के सृजनशील और सशक्तिकरण के नित नई सोच और आधुनिक दृष्टिकोंण का बदलता हुआ प्रतिबिंब है । आज महिला फिल्मकारों ने ग्लोबल स्तर पर अच्छे कंटेंट राईटर के कारण सिनेमा और ओटीटी प्लेटफार्म पर भी इस डिजिटल युग में वैश्विक पहचान बनाई है । भारतीय सिनेमा में अब पुरुषों को लेकर नए दृष्टिकोंण और वैश्विक स्तर के कंटेंट राईटर निरंतर सक्रियता के साथ महिला फिल्मकारों ने समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने में आधुनिक तकनीक और विज्ञान के साथ ही नए ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” की सिनेमाई छबि को परिभाषित करने में कामयाब हुए हैं । सादर ।