छत्तीसगढ़

सेवानिर्वित्त शासकीय सेवको की पेंशन मंजूरी अब ऑनलाइन…

सेवानिवृत्त शासकीय सेवकों की पेंषन मंजूरी अब आनलाईन आनलाईन पेंषन मैनेजमेंट सिस्टम आभार आपकी सेवाओं का लागू छत्तीसगढ़ बनेगा देष...

समय पर वेतन देयक जमा नही होने पर आहरण संवितरण के अधिकारी से होगी ब्याज की वसूली…

समय पर वेतन देयक जमा नहीं होने पर आहरण संवितरण अधिकारी के वेतन से होगी ब्याज की वसूली बेमेतरा 27...

पैरों में छालों के बावजूद भी भीषण गर्मी में मंदिरों को बचाने कर रहे है स्वामीश्री कठिन तपस्या…

  पैरों में छालों के बावजूद इस भीषण गर्मी में मंदिरों को बचाने स्वामिश्री कर रहे हैं कठिन तपस्या। सुदीप्तो...

शाला सचिव के रूप में तन्मय चटर्जी निर्विरोध चुने गए…

*शाला सचिव के रूप में तन्मय चटर्जी निर्विरोध चुने गए ।* *सुदीप्तो चटर्जी "खबरीलाल" ::-* सामाजिक कार्यकर्ता तथा उद्योगपति तन्मय...

युवा नेता योगेश तिवारी के जन्मदिन में किया गया फल वितरण…

देवरबीजा हास्पीटल में फल वितरण कर मनाये योगेश तिवारी का जन्मदिन -------- बेमेतराे (देवरबीजा)संजु जैन= बेरला ब्लाॅक के ग्राम पंचायत...

तालपुरी इंटरनेशनल कालोनी में एएसपी शशिमोहन की टीम की दबिश पकड़े गए कई सन्दिग्ध…

*भिलाई नगर ब्रेकिंग... *तालपुरी इंटरनेशनल कॉलोनी के बी ब्लाक में सुबह सुबह पुलिस की दबिश इस बड़ी कार्रवाई मे अनेक...

युवा नेता योगेश तिवारी का जन्मदिन धूमधाम से…

योगेश तिवारी का आज जन्मदिन जोगी कांग्रेस मनाएगी धूमधाम से होगी रचनात्मक एवं धार्मिक आयोजन........... बेमेतरा जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ जोगी...

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” सिनेमा एंड बियांड और नुक्कड़ कैफे द्वारा आयोजित “भारतीय सिनेमा में महिला लेखिकाओं एंव निर्देशकों का योगदान – एम.एल. नत्थानी कवि,लेखक, शिक्षाविद, भारतीय सिनेमा के लगभग 100 साल के इतिहास में महिला लेखिकाओं और निर्देशकों ने अपने कल्पनाशील विचारों एंव आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही यथार्थवादी धरातल पर पुरुष पात्रों के ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” को सिनेमा के सुनहरे पर्दे पर लगभग प्रत्येक दशक में अपनी अंतर्दृष्टि से रेखांकित किया है । अतीत से वर्तमान कालखंड में अनेक महिला फिल्मकारों ने सिनेमाई रुपहले पर्दे पर पुरानी सोच के रुढ़िवादी पुरुष पात्रों को नए परिवेश में आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील, बुद्धिमान होने के साथ ही अनंत गहराईयों को शिद्दत के साथ जिंदगी को जिन्दादिली के साथ जीने के लिए प्रतिबद्ध है । यह सिनेमाई पर्दे पर महिला फिल्मकारों की नई सोच और सृजन के अद्भुत हस्ताक्षर हैं । भारतीय सिनेमा के शुरूआती कालखंड में महिला फिल्मकारों में साहसी एंव प्रतिभावान फातिमा बेगम और देविका रानी उल्लेखनीय नाम हैं । समय के साथ महिला फिल्मकारों की भूमिका का चित्रण भी निरंतर बदलता रहा है । वस्तुतः सिनेमा के माध्यम से समाज में तेजी से बदलते जीवन मूल्यों को ” पुरुष पात्रों ” को महिला फिल्मकारों ने अपने आधुनिक नजरिए एंव पैनी अंतर्दृष्टि से विवधता के नए आयाम स्थापित किए हैं । महिला फिल्मकारों के सृजनशील सशक्त हस्ताक्षर :- ************************ 1 फातिमा बेगम – बुलबुल ए परिसतान 2 देविका रानी – कर्मा 3 नंदिता दास – फिराक 4 दीपा मेहता – फायर 5 अरुणा राजे – रिहाई 6 कल्पना लाजमी – रूदाली 7 अर्पणा सेन – मिस्टर एंड मिसेज अय्यर 8 मीरा नायर – मानसून वेडिंग 9 गुरविंदर चड्डा – बेंड इट लाइक बेकहम 10 अनुशा रिजवी – पीपली लाईव 11 किरण राव – धोबी घाट 12 भावना तलवार – धरम 13 रीमा कागती – तलाश 14 रेवती – मित्र माई फ्रेंड 15 मेघना गुलजार – तलवार, राजी,छपाक 16 गोरी शिंदे – इंग्लिश विंगलिश 17 जोया अख्तर – लक बाय चांस, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा,दिल धड़कने दो 18 फराह खान – ओम शांति ओम, मैं हूं ना 19 कोंकणा सेन शर्मा – अ डेथ इन द गंज 20 लीना यादव – दि एंड निष्कर्ष :- इस तरह से भारतीय सिनेमा का इतिहास महिला फिल्मकारों के सृजनशील और सशक्तिकरण के नित नई सोच और आधुनिक दृष्टिकोंण का बदलता हुआ प्रतिबिंब है । आज महिला फिल्मकारों ने ग्लोबल स्तर पर अच्छे कंटेंट राईटर के कारण सिनेमा और ओटीटी प्लेटफार्म पर भी इस डिजिटल युग में वैश्विक पहचान बनाई है । भारतीय सिनेमा में अब पुरुषों को लेकर नए दृष्टिकोंण और वैश्विक स्तर के कंटेंट राईटर निरंतर सक्रियता के साथ महिला फिल्मकारों ने समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने में आधुनिक तकनीक और विज्ञान के साथ ही नए ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” की सिनेमाई छबि को परिभाषित करने में कामयाब हुए हैं । सादर ।