छत्तीसगढ़

देवरबीजा में बिजली विभाग के खिलाफ विरोध धरना प्रदर्शन …

देवरबीजा में बिजली विभाग के खिलाफ विरोध धरना प्रदर्शन -------- 1=6 जुन को देवरबीजा बस स्टैड में जनता कांग्रेस छतीसगढ...

देवरबीजा में सीएम की सभा स्थल के पास अवैध मकान को किया कब्जा मुक्त…

देवरबीजा में सीएम की सभा स्थल के पास अवैध मकान को किया कब्जा मुफ्त ----------- 1=कार्रवाई के दौरान प्रभावित ने...

मुख्यमंत्री का 7 जून को जिले में आगमन कलेक्टर ने लिया तैयारियों का जायजा…

मुख्यमंत्री का 7 जून को जिले में आगमन कलेक्टर ने लिया तैयारियों का जायजा बेमेतरा 04 जून 2018:- प्रदेश व्यापी...

अंत्यावसायी सहकारी विकास समिति की वार्षिक आमसभा संपन्न…

अंत्यावसायी सहकारी विकास समिति की वार्षिक आमसभा संपन्न बेमेतरा 04 जून 2018:- जिला अंत्यावसायी सहकारी विकास समिति मर्यादित, बेमेतरा की...

देवरबीजा बीजा मोड के पास अवैध कब्जा करके झोपडी बनाये जिसको हटाने के लिए कलेक्टर ने एसडीएम, पटवारी को आदेश किये…

देवरबीजा देवरबीजा बीजा मोड के पास अवैध कब्जा करके झोपडी बनाये जिसको हटाने के लिए कलेक्टर ने एसडीएम, पटवारी को...

इतना तो तय है कि यह खेल है । पता बस इतना करना है कि यह कौन खेल रहा और किसके साथ ? स्वामिश्रीःअविमुक्तेश्वरानन्दः सरस्वती…

इतना तो तय है कि यह खेल है । पता बस इतना करना है कि यह कौन खेल रहा और...

तेज आंधी तूफान और बारिश से लगभग 5 करोड़ की लागत से निर्मित विवेकानंद स्टेडियम की इनडोर ढाहा …

तेज आंधी तूफान और बारिश से लगभग 5 करोड़ की लागत से निर्मित विवेकानंद स्टेडियम की इनडोर ढाहा जिले में...

जिला पंचायत अध्यक्ष कविता साहू चौपाल में जनता की समस्याओं से सीधे रुबरु हुई…

*जिला पंचायत अध्यक्ष कविता साहू चौपाल में जनता की समस्याओं से सीधे रुबरु हुई* *मुख्य बिंदु* (1)      *सोरला बाईपास का...

You may have missed

” सिनेमा एंड बियांड और नुक्कड़ कैफे द्वारा आयोजित “भारतीय सिनेमा में महिला लेखिकाओं एंव निर्देशकों का योगदान – एम.एल. नत्थानी कवि,लेखक, शिक्षाविद, भारतीय सिनेमा के लगभग 100 साल के इतिहास में महिला लेखिकाओं और निर्देशकों ने अपने कल्पनाशील विचारों एंव आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही यथार्थवादी धरातल पर पुरुष पात्रों के ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” को सिनेमा के सुनहरे पर्दे पर लगभग प्रत्येक दशक में अपनी अंतर्दृष्टि से रेखांकित किया है । अतीत से वर्तमान कालखंड में अनेक महिला फिल्मकारों ने सिनेमाई रुपहले पर्दे पर पुरानी सोच के रुढ़िवादी पुरुष पात्रों को नए परिवेश में आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील, बुद्धिमान होने के साथ ही अनंत गहराईयों को शिद्दत के साथ जिंदगी को जिन्दादिली के साथ जीने के लिए प्रतिबद्ध है । यह सिनेमाई पर्दे पर महिला फिल्मकारों की नई सोच और सृजन के अद्भुत हस्ताक्षर हैं । भारतीय सिनेमा के शुरूआती कालखंड में महिला फिल्मकारों में साहसी एंव प्रतिभावान फातिमा बेगम और देविका रानी उल्लेखनीय नाम हैं । समय के साथ महिला फिल्मकारों की भूमिका का चित्रण भी निरंतर बदलता रहा है । वस्तुतः सिनेमा के माध्यम से समाज में तेजी से बदलते जीवन मूल्यों को ” पुरुष पात्रों ” को महिला फिल्मकारों ने अपने आधुनिक नजरिए एंव पैनी अंतर्दृष्टि से विवधता के नए आयाम स्थापित किए हैं । महिला फिल्मकारों के सृजनशील सशक्त हस्ताक्षर :- ************************ 1 फातिमा बेगम – बुलबुल ए परिसतान 2 देविका रानी – कर्मा 3 नंदिता दास – फिराक 4 दीपा मेहता – फायर 5 अरुणा राजे – रिहाई 6 कल्पना लाजमी – रूदाली 7 अर्पणा सेन – मिस्टर एंड मिसेज अय्यर 8 मीरा नायर – मानसून वेडिंग 9 गुरविंदर चड्डा – बेंड इट लाइक बेकहम 10 अनुशा रिजवी – पीपली लाईव 11 किरण राव – धोबी घाट 12 भावना तलवार – धरम 13 रीमा कागती – तलाश 14 रेवती – मित्र माई फ्रेंड 15 मेघना गुलजार – तलवार, राजी,छपाक 16 गोरी शिंदे – इंग्लिश विंगलिश 17 जोया अख्तर – लक बाय चांस, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा,दिल धड़कने दो 18 फराह खान – ओम शांति ओम, मैं हूं ना 19 कोंकणा सेन शर्मा – अ डेथ इन द गंज 20 लीना यादव – दि एंड निष्कर्ष :- इस तरह से भारतीय सिनेमा का इतिहास महिला फिल्मकारों के सृजनशील और सशक्तिकरण के नित नई सोच और आधुनिक दृष्टिकोंण का बदलता हुआ प्रतिबिंब है । आज महिला फिल्मकारों ने ग्लोबल स्तर पर अच्छे कंटेंट राईटर के कारण सिनेमा और ओटीटी प्लेटफार्म पर भी इस डिजिटल युग में वैश्विक पहचान बनाई है । भारतीय सिनेमा में अब पुरुषों को लेकर नए दृष्टिकोंण और वैश्विक स्तर के कंटेंट राईटर निरंतर सक्रियता के साथ महिला फिल्मकारों ने समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने में आधुनिक तकनीक और विज्ञान के साथ ही नए ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” की सिनेमाई छबि को परिभाषित करने में कामयाब हुए हैं । सादर ।