शिवशंकर सोनपिपरे

प्रतिबंध के बावजूद राज्य में बिक रहा जर्दायुक्त गुटखा

नवापारा - राजिम रायपुर राज्य शासन के प्रतिबंध के बावजूद नगर में खुलेआम जर्दायुक्त गुटखा बेचा जा रहा है. नगर...

स्व. बलिराम कश्यप की पुण्यतिथि पर 3 दिवसीय मानस महोत्सव एवं नि:शुल्क स्वास्थ्य शिविर 

10 मार्च से प्रारंभ होगा यह आयोजन  जगदलपुर, 06 मार्च। स्वर्गीय बलीराम कश्यप की 10 मार्च सप्तम पुण्यतिथि के स्मरणीय...

कथा-व्यथा का हरण करती है : सदानंद सरस्वती

छत्तीसगढ़ के बेमेतरा जिले के थानखमारिया के पास स्थित ग्राम खैरझिटी में रविशंकर पटेल द्वारा आयोजित पांच दिवसीय रामकथा के...

25 वां अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध सम्मेलन आयोजित।

छत्तीसगढ़ राज्य के डोंगढ़गढ़ में रजत जयंती यानी 25वां अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध सम्मेलन का आयोजन किया गया जिसमें प्रमुख रूप से...

राईटोफेस्ट 2के18 में रोबोवार रहा आकर्षण का केंद्र…

आरआईटी के विद्यार्थियों द्वारा आयोजित RITOEST 2K18 के तीसरे दिन इंजीनियरिंग के विद्यार्थियों ने दिखाया अपना प्रतिभा जिसमे रोबो वार...

शंकराचार्य आश्रम में श्रद्धालुयों ने किया रुद्राभिषेक

रायपुर के बोरियाकला में स्थित जगद्गुरु शंकराचार्य आश्रम एवं भगवती राजराजेश्वरी मंदिर में स्थापित भगवान भोलेनाथ की विशेष पूजा अर्चना...

महा शिवरात्रि 13 फरवरी को ही मनाई जाएगी : इंदुभवानंद

प्रेस विज्ञप्ति शंकराचार्य आश्रम रायपुर के प्रमुख व ज्योतिषाचार्य ब्रह्मचारी डॉ इंदुभवानंद ने बताया कि 13 फरवरी मंगलवार को ही...

गरियाबंद –राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्ट्री के गेंदलाल और लक्ष्मण ने छ०ग० प्रदेश सरकार व जिला प्रशासन से दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी को नियमित करने कि मांग की है

गरियाबंद –राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्ट्री के गेंदलाल और लक्ष्मण ने छ०ग० प्रदेश सरकार व जिला प्रशासन से दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी...

मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने किया मदरसा बोर्ड के कैलेंडर का विमोचन-

रायपुर 26 जनवरी प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने यहाँ अपने निवास में छत्तीसगड़ मदरसा बोर्ड द्वारा प्रकाशित नये...

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” सिनेमा एंड बियांड और नुक्कड़ कैफे द्वारा आयोजित “भारतीय सिनेमा में महिला लेखिकाओं एंव निर्देशकों का योगदान – एम.एल. नत्थानी कवि,लेखक, शिक्षाविद, भारतीय सिनेमा के लगभग 100 साल के इतिहास में महिला लेखिकाओं और निर्देशकों ने अपने कल्पनाशील विचारों एंव आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही यथार्थवादी धरातल पर पुरुष पात्रों के ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” को सिनेमा के सुनहरे पर्दे पर लगभग प्रत्येक दशक में अपनी अंतर्दृष्टि से रेखांकित किया है । अतीत से वर्तमान कालखंड में अनेक महिला फिल्मकारों ने सिनेमाई रुपहले पर्दे पर पुरानी सोच के रुढ़िवादी पुरुष पात्रों को नए परिवेश में आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील, बुद्धिमान होने के साथ ही अनंत गहराईयों को शिद्दत के साथ जिंदगी को जिन्दादिली के साथ जीने के लिए प्रतिबद्ध है । यह सिनेमाई पर्दे पर महिला फिल्मकारों की नई सोच और सृजन के अद्भुत हस्ताक्षर हैं । भारतीय सिनेमा के शुरूआती कालखंड में महिला फिल्मकारों में साहसी एंव प्रतिभावान फातिमा बेगम और देविका रानी उल्लेखनीय नाम हैं । समय के साथ महिला फिल्मकारों की भूमिका का चित्रण भी निरंतर बदलता रहा है । वस्तुतः सिनेमा के माध्यम से समाज में तेजी से बदलते जीवन मूल्यों को ” पुरुष पात्रों ” को महिला फिल्मकारों ने अपने आधुनिक नजरिए एंव पैनी अंतर्दृष्टि से विवधता के नए आयाम स्थापित किए हैं । महिला फिल्मकारों के सृजनशील सशक्त हस्ताक्षर :- ************************ 1 फातिमा बेगम – बुलबुल ए परिसतान 2 देविका रानी – कर्मा 3 नंदिता दास – फिराक 4 दीपा मेहता – फायर 5 अरुणा राजे – रिहाई 6 कल्पना लाजमी – रूदाली 7 अर्पणा सेन – मिस्टर एंड मिसेज अय्यर 8 मीरा नायर – मानसून वेडिंग 9 गुरविंदर चड्डा – बेंड इट लाइक बेकहम 10 अनुशा रिजवी – पीपली लाईव 11 किरण राव – धोबी घाट 12 भावना तलवार – धरम 13 रीमा कागती – तलाश 14 रेवती – मित्र माई फ्रेंड 15 मेघना गुलजार – तलवार, राजी,छपाक 16 गोरी शिंदे – इंग्लिश विंगलिश 17 जोया अख्तर – लक बाय चांस, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा,दिल धड़कने दो 18 फराह खान – ओम शांति ओम, मैं हूं ना 19 कोंकणा सेन शर्मा – अ डेथ इन द गंज 20 लीना यादव – दि एंड निष्कर्ष :- इस तरह से भारतीय सिनेमा का इतिहास महिला फिल्मकारों के सृजनशील और सशक्तिकरण के नित नई सोच और आधुनिक दृष्टिकोंण का बदलता हुआ प्रतिबिंब है । आज महिला फिल्मकारों ने ग्लोबल स्तर पर अच्छे कंटेंट राईटर के कारण सिनेमा और ओटीटी प्लेटफार्म पर भी इस डिजिटल युग में वैश्विक पहचान बनाई है । भारतीय सिनेमा में अब पुरुषों को लेकर नए दृष्टिकोंण और वैश्विक स्तर के कंटेंट राईटर निरंतर सक्रियता के साथ महिला फिल्मकारों ने समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने में आधुनिक तकनीक और विज्ञान के साथ ही नए ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” की सिनेमाई छबि को परिभाषित करने में कामयाब हुए हैं । सादर ।