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INDIA के होंगे कई संयोजक, लालू यादव के बयान में संदेश ढूंढ रही नीतीश कुमार की पार्टी

नई दिल्ली राष्ट्रीय जनता दल (RJD) सुप्रीमो लालू यादव के एक बयान से बिहार की राजनीति में कयासों का दौर...

World Cup2023 का सबसे सस्ता टिकट 750, सबसे महंगा 20 हजार… जानें दिल्ली मैचों के रेट!

नईदिल्ली इंटरनेशनल क्रिकेट परिषद (ICC) ने आगामी वनडे विश्व कप 2023 के लिए टिकटों की बिक्री की अपनी योजना की...

जब भारत को वंचित रखा गया, अब चंद्रयान 3 दिलाएगा सम्मान; लैंडिंग से क्या फायदा

नई दिल्ली चंद्रयान 3 की लैंडिंग का उत्साह पूरे देशवासियों में है। हर तरफ जश्न है जारी है। इसकी बड़ी...

भाजपा की पहली सूची में बदलाव की अटकलें समाप्त, नहीं बदलेगी कोई टिकट, सीट भी वही रहेगी

भोपाल भाजपा की 39 विधानसभा सीटों की पहली सूची में कोई बदलाव नहीं होगा। न ही किसी प्रत्याशी की सीट...

बिहार शिक्षक भर्ती में कुंभ के मेले जैसी भीड़, फुटपाथों पर लेटे अभ्यर्थी; स्टेशनों तक पर जगह नहीं

बिहार बिहार में बीपीएससी शिक्षक भर्ती परीक्षा का आगाज गुरुवार से हो रहा है। लाखों की संख्या में अभ्यर्थी शिक्षकों...

ट्रेन के लिए हुए लेट तो UP के मंत्री जी ने सीधे प्लेटफॉर्म के अंदर ही घुसा दी कार

लखनऊ यूपी के पशुधन मंत्री ट्रेन पकड़ने में लेट हुए तो अपनी कार लखनऊ चारबाग रेलवे स्टेशन के अंदर घुसा...

महिला पंचायत पदाधिकारियों का प्रशिक्षण शुरू

भोपाल राष्ट्रीय महिला आयोग, नई दिल्ली एवं अटल बिहारी बाजपेई सुशासन एवं नीति विश्लेषण संस्थान के संयुक्त तत्वाधान में She...

अयोध्या धाम में विराजेंगे 4 फुट ऊंचे 6 कुंतल के नर्मदेश्वर महादेव, ‘प्रतिष्ठा यात्रा’ के रूप में अयोध्या रवाना

अयोध्या अयोध्या में राम मंदिर निर्माण कार्य युद्ध स्तर पर जारी है। उम्मीद की जा रही है कि 2024 में...

मुख्यमंत्री चौहान ने विद्यार्थियों के साथ किया पौध-रोपण

आरजीपीवी के 25वें स्थापना दिवस पर लगाए नीम, कदंब और जामुन के पौधे भोपाल मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने श्यामला...

दुखदः जिम्बाब्वे की टीम के पूर्व कप्तान हीथ स्ट्रीक का निधन, 49 की उम्र में ली अंतिम सांस

नई दिल्ली जिम्बाब्वे की क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और तेज गेंदबाज हीथ स्ट्रीक अब नहीं रहे। 49 साल की...

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” सिनेमा एंड बियांड और नुक्कड़ कैफे द्वारा आयोजित “भारतीय सिनेमा में महिला लेखिकाओं एंव निर्देशकों का योगदान – एम.एल. नत्थानी कवि,लेखक, शिक्षाविद, भारतीय सिनेमा के लगभग 100 साल के इतिहास में महिला लेखिकाओं और निर्देशकों ने अपने कल्पनाशील विचारों एंव आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही यथार्थवादी धरातल पर पुरुष पात्रों के ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” को सिनेमा के सुनहरे पर्दे पर लगभग प्रत्येक दशक में अपनी अंतर्दृष्टि से रेखांकित किया है । अतीत से वर्तमान कालखंड में अनेक महिला फिल्मकारों ने सिनेमाई रुपहले पर्दे पर पुरानी सोच के रुढ़िवादी पुरुष पात्रों को नए परिवेश में आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील, बुद्धिमान होने के साथ ही अनंत गहराईयों को शिद्दत के साथ जिंदगी को जिन्दादिली के साथ जीने के लिए प्रतिबद्ध है । यह सिनेमाई पर्दे पर महिला फिल्मकारों की नई सोच और सृजन के अद्भुत हस्ताक्षर हैं । भारतीय सिनेमा के शुरूआती कालखंड में महिला फिल्मकारों में साहसी एंव प्रतिभावान फातिमा बेगम और देविका रानी उल्लेखनीय नाम हैं । समय के साथ महिला फिल्मकारों की भूमिका का चित्रण भी निरंतर बदलता रहा है । वस्तुतः सिनेमा के माध्यम से समाज में तेजी से बदलते जीवन मूल्यों को ” पुरुष पात्रों ” को महिला फिल्मकारों ने अपने आधुनिक नजरिए एंव पैनी अंतर्दृष्टि से विवधता के नए आयाम स्थापित किए हैं । महिला फिल्मकारों के सृजनशील सशक्त हस्ताक्षर :- ************************ 1 फातिमा बेगम – बुलबुल ए परिसतान 2 देविका रानी – कर्मा 3 नंदिता दास – फिराक 4 दीपा मेहता – फायर 5 अरुणा राजे – रिहाई 6 कल्पना लाजमी – रूदाली 7 अर्पणा सेन – मिस्टर एंड मिसेज अय्यर 8 मीरा नायर – मानसून वेडिंग 9 गुरविंदर चड्डा – बेंड इट लाइक बेकहम 10 अनुशा रिजवी – पीपली लाईव 11 किरण राव – धोबी घाट 12 भावना तलवार – धरम 13 रीमा कागती – तलाश 14 रेवती – मित्र माई फ्रेंड 15 मेघना गुलजार – तलवार, राजी,छपाक 16 गोरी शिंदे – इंग्लिश विंगलिश 17 जोया अख्तर – लक बाय चांस, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा,दिल धड़कने दो 18 फराह खान – ओम शांति ओम, मैं हूं ना 19 कोंकणा सेन शर्मा – अ डेथ इन द गंज 20 लीना यादव – दि एंड निष्कर्ष :- इस तरह से भारतीय सिनेमा का इतिहास महिला फिल्मकारों के सृजनशील और सशक्तिकरण के नित नई सोच और आधुनिक दृष्टिकोंण का बदलता हुआ प्रतिबिंब है । आज महिला फिल्मकारों ने ग्लोबल स्तर पर अच्छे कंटेंट राईटर के कारण सिनेमा और ओटीटी प्लेटफार्म पर भी इस डिजिटल युग में वैश्विक पहचान बनाई है । भारतीय सिनेमा में अब पुरुषों को लेकर नए दृष्टिकोंण और वैश्विक स्तर के कंटेंट राईटर निरंतर सक्रियता के साथ महिला फिल्मकारों ने समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने में आधुनिक तकनीक और विज्ञान के साथ ही नए ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” की सिनेमाई छबि को परिभाषित करने में कामयाब हुए हैं । सादर ।