वन विभाग के कार्यो का अब R.E.S. विभाग द्वारा किया जाएगा टेंडर, बाघ रिसर्चकर्ता तीव कुमार सोनी ने शासन को लिखा था पत्र – शिवशंकर सोनपीपरे

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वन विभाग के कार्यो का अब R.E.S.  विभाग द्वारा किया जाएगा टेंडर, बाघ रिसर्चकर्ता तीव कुमार सोनी ने शासन को लिखा था पत्र  – शिवशंकर सोनपीपरे

रायपुर | वन विभाग के कार्यो में अनियमितता दूर करने तथा कार्यो में गुणवत्ता लाने के लिए वन विभाग के कार्यो का अब R.E.S.  विभाग द्वारा टेंडर किया जाएगा | इस संबंध में प्रकृति एवं संस्कृति रिसर्च सोसाईटी के डायरेक्टर व बाघ रिसर्चकर्ता तीव कुमार सोनी ने शासन को पत्र लिखा था | पत्र लिखे जाने के बाद छ.ग. शासन ने निर्णय लिया है की वन विभाग के द्वारा बनाए जाने वाले कार्यो पुल – पुलिया, गोदाम, सड़कें, आवास, स्टॉपडैम, चेक डैम, तालाब आदी का R.E.S.  विभाग द्वारा टेंडर किया जाएगा जिससे वन विभाग के कार्यो में अनियमितता दूर होगी तथा कार्यो में गुणवत्ता लाई जा सकेगी | उल्लेखनीय है की बाघ रिसर्चकर्ता तीव कुमार सोनी का सनाथन प्रकृति एवं संस्कृति रिसर्च सोसाईटी वन्यप्राणी व वनों के रिसर्च, संरक्षण, संवर्धन कार्य हेतु छत्तीसगढ़ शासन द्वारा रजिस्टर्ड संस्था है | बाघ रिसर्चकर्ता तीव कुमार सोनी के द्वारा ही खुलासा किया गया था की उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व में कोई भी बाघ नहीं है | वन विभाग के अध्ययन के दौरान बाघ रिसर्चकर्ता तीव कुमार सोनी ने वन विभाग द्वारा कराये गए वानिकी व गैर वानिकी कार्यो का सूक्ष्मता से अध्ययन किया था और वन विभाग की खामियों के संबध में शासन को पत्र लिख कर वन विभाग के कार्यो का टेंडर किये जाने का सुझाव शासन को दिया था |

वन विभाग का पौधारोपड़ कार्य संतुष्टी दायक नहीं होता है

बाघ रिसर्चकर्ता तीव कुमार सोनी ने शासन को बताया था की वन विभाग के द्वारा प्रति वर्ष वानिकी व पौधारोपड़ कार्य किये जाते है परन्तु उक्त कार्यो में भारी अनियमितता होती है इसके लिए हमारा सुझाव है की पौधारोपड का कार्य वन विभाग की निगरानी में स्थानीय एन.जी.ओ, स्वसहायता समूह व वन प्रबंधन समिति के द्वारा कराया जाना चाहिए ताकि वे जिम्मेदारी पूर्वक कार्य करे |

वन विभाग का निर्माण कार्य घटिया स्तर के किये जाते है

बाघ रिसर्चकर्ता तीव कुमार सोनी ने शासन को बताया था की वन विभाग के द्वारा पुल – पुलिया, गोदाम, सड़कें, आवास, स्टॉपडैम, चेक डैम, तालाब बनाए जाते है वे कार्य बहुत ही घटिया स्तर के होते है बिना तकनिकी परिक्षण के एस.डी.ओ. द्वारा सत्यापन कर दिया जाता है | इसलिए वन विभाग के कार्यो का मूल्यांकन R.E.S. विभाग के विशेषज्ञ इंजीनियरों के द्वारा कराया जाना चाहिए ताकि सभी निर्माण कार्य स्तरीय बन सके, गुणवत्तायुक्त बन सके व बजट का सही उपयोग हो सके | साथ ही सुझाव दिया गया था है की वन विभाग के कार्यो का टेंडर कर R.E.S. विभाग को जिम्मेदारी दी जानी चाहिए | ताकि कार्यो में गुणवत्ता लाई जा सके |

डी.एफ.ओ. को 50 लाख तक के कार्यो की स्वीकृति का अधिकार देना चाहिए

बाघ रिसर्चकर्ता तीव कुमार सोनी ने शासन को बताया था की वन विभाग के सारे काम जंगल व ग्रामीण क्षेत्रों में होते हैं, इसलिए R.E.S. विभाग को तकनिकी जिम्मेदारी दे कर डी.एफ.ओ. को 50 लाख तक के काम स्वीकृत करने का अधिकार देना चाहिए क्योकि उच्च कार्यालय व शासन स्तर पर काम स्वीकृत कराने की  प्रक्रिया में काफी विलम्ब होता है | यदी डी.एफ.ओ. को 50 लाख तक के काम स्वीकृत करने का अधिकार प्रदान किया जाएगा तो कार्य जल्दी स्वीकृत होगा और ग्रामीण क्षेत्रो में तेजी से विकास होगा |

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