कोल उद्योग में दिखा हड़ताल का व्यापक असर

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कोरबा। कोयला उद्योग में शत प्रतिशत एफडीआई लागू करने के विरोध में श्रमिक संगठन लामबंद हो चुके हैं। जिसे लेकर बीएमएस व एसईकेएमसी ने सोमवार से पांच दिवसीय हड़ताल की शुरूआत कर दी है। हड़ताल के पहले दिन श्रमिक नेताओं एवं मजदूरों ने सीजीएम कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया। हड़ताल के पहले दिन कोयला उद्योग के परिवहन व उत्पादन पर आंशिक असर की संभावना है। मंगलवार को संयुक्त यूनियन की एक दिवसीय हड़ताल होगी। इस दौरान कोयला उद्योग में उत्पादन व परिवहन पूरी तरह से ठप होने के आसार है।
हड़ताल टालने कोयला मंत्रालय और कोल इंडिया के अधिकारियों के स्तर पर पिछले सभी दौर की बैठकें बेनतीजा साबित हुई। अपने तरह से नौकरशाहों और निर्वाचित प्रतिनिधियों ने एफडीआई को लेकर अपना रूख स्पष्ट करना चाहा लेकिन इसे केंद्रीय यूनियनों ने नकार दिया। कोल मंत्रालय से प्रस्तावित चर्चा तक का बहिष्कार कर दिया गया था। परिणाम यह रहा कि एफडीआई के मसले पर उन्हें हड़ताल करना ही होगा। अलग-अलग तरह से एफडीआई पर पांच दिन की हड़ताल हो रही है। इसमें अकेले बीकेकेएमएस ही पांच दिन की हड़ताल आज से 27 सितंबर तक कर रहा है। इसी में एक दिन अन्य यूनियनों का भी शामिल है। छत्तीसगढ़ में एसईसीएल कंपनी के कोरबा, कुसमुंडा, गेवरा और दीपका विस्तार क्षेत्र में हड़ताल के कई असर देखने को मिले। एसईसीएल के साथ ही यहां से कोयला प्राप्त करने वाली एनटीपीसी, सीएसईबी के साथ-साथ बालको में भी हड़ताल का असर रहा। स्थाई कर्मियों के अलावा इन परियोजनाओं में काम करने वाले असंगठित क्षेत्र के कामगारों ने घोषणा के अनुसार समर्थन दिया। संगठन की इकाईयों के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने अपने क्षेत्राधिकार में सक्रियता दिखाने के साथ कामकाज से दूरी बनाई और दूसरों को एफडीआई से होने वाले नुकसानों को बताते हुए समर्थन मांगा। खबर है कि हड़ताल के कारण कोयला उद्योग में उपस्थित प्रभावित रही। स्वाभाविक रूप से इसके कारण खदानों और अन्य संबंधित क्षेत्रों में कामकाज बाधित हुआ।
श्रमिक नेताओं ने अलसुबह से संभाला मोर्चा
आऊट सोर्सिंग को रोकने के लिए यूनियन के प्रतिनिधि प्रात: 5 बजे मानिकपुर खदान पहुंच गए थे। उन्होंने ठेका मजदूरों को अंदर जाने से मना करते रहे। यूनियन प्रतिनिधि गोपाल नारायण सिंह, संदीप चौधरी, किशोर सिन्हा, संजय सिंह, शैलेंद्र सिंह, भागवत सिंह, केके शर्मा, प्रमोद बेनर्जी, नर्सिंगमूर्ति, डी. रविंद्र ने कोयले से भरे ट्रकों को भी बाहर निकलने से रोकने का प्रयास करते हुए अपील करते हुए नजर आए। बीकेकेएमएस व एसईकेएमसी के कार्यकर्ता क्षेत्रीय प्रबंधक कार्यालय के निकट भी पहुंचकर कामगारों को समझाते हुए नजर आएं। अन्य क्षेत्रों में भी श्रमिक नेताओं की सक्रियता सुबह से बनी रही।
सीजीएम दफ्तर के बाहर जमकर नारेबाजी
बीकेकेएमएस व एसईकेएमसी के कार्यकर्ता सीजीएम कार्यालय गेट के निकट सुबह से एकत्रित हो गए थे। मानिकपुर के अलावा कुसमुंडा व अन्य सीजीएम दफ्तर के बाहर श्रमिक नेता व पदाधिकारी नारेबाजी कर दबाव बनाने की कोशिश करते रहे। इसके अलावा एसईसीएल केंद्रीय कर्मशाला व सेंट्रल स्टोर गेट के निकट श्रमिक नेताओं ने नारेबाजी कर कामगरों को समझाने का प्रयास किया।
रेलवे ट्रैक पर जमे रहे हड़ताली
हड़ताल के पहले दिन दबाव बनाने की हरसंभव कोशिश की गई। एनटीपीसी की 2600 मेगावाट परियोजना के लिए कोयला प्राप्त करने हेतु गेवरा तक रेल लाइन बिछाई गई है। इसी ट्रैक पर कार्यकर्ता झंडे-बैनर के साथ पहुंचे और प्रदर्शन किया। उनकी योजना कोयला परिवहन बाधित करने की थी। खबर मिलने पर सीआईएसएफ के जवान यहां पहुंचे। उन्होंने यहां हस्तक्षेप किया। समाचार लिखे जाने तक स्थिति असामान्य थी।
संयुक्त ट्रेड यूनियन का एक दिवसीय आंदोलन कल
एफडीआई के खिलाफ संयुक्त ट्रेड यूनियन एटक, एचएमएस तथा सीटू मंगलवार 24 सितंबर को एक दिवसीय हड़ताल करेगा। संगठन पदाधिकारियों ने अपने स्तर पर तैयारियां पूरी कर ली। सभी क्षेत्र में गेट मीटिंग लेकर नियमित व ठेका मजदूरों से समर्थन मांगा जा रहा है। संयुक्त मोर्चा का दावा है कि हड़ताल अवधि में खदान में न तो कोयला उत्पादन नहीं करने दिया जाएगा और न ही डिस्पैच। रोड सेल व रेल माध्यम से परिवहन कार्य पूरी तरह ठप रखा जाएगा।
सुरक्षा के रहे तगड़े इंतजाम
हड़ताल को देखते हुए रविवार की संध्या संबंधित थाना क्षेत्र की पुलिस ने यूनियन प्रतिनिधियों की बैठक ली थी। बैठक में शांतिपूर्ण आंदोलन करने का निर्णय लिया गया था। इसके बावजूद कोयला खदानों व कोल अफसरों के दफ्तरों के सामने पुलिस बल की तैनाती की गई थी। तगड़ी सुरक्षा व्यवस्था के कारण किसी क्षेत्र में हड़ताल के दौरान अप्रिय स्थिति की खबर नहीं है।

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