पाकिस्तान में बिजली प्रति यूनिट 56 रुपये, जनता का फूटा गुस्सा, जलाए जा रहे बिजली बिल

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कराची

अपने इतिहास के सबसे बड़े आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान (Pakistan Crisis) में आटा-दाल से लेक अन्य जरूरी रोजमर्रा के सामानों की किल्लत के नजारे तो सभी ने देखे. रोटी के लिए लोग जान गंवाते हुए नजर आए, लेकिन अब देश में बिजली को लेकर बबाल शुरू (Pakistan Protest On Electricity Bill) हो चुका है और सड़कों पर प्रदर्शन होने लगे हैं.

दरअसल, पाकिस्तान में इस साल बिजली की कीमतों में भी भारी बढ़ोतरी की गई है और पाकिस्तानी मीडिया की रिपोर्ट्स के मुताबिक, यहां पर प्रति यूनिट बिजली अब 50 रुपये के पार पहुंच चुकी है. ऐसे में पहले से महंगाई की मार झेल रहे पाकिस्तानियों को जब भारी-भरकम बिजली के बिल मिले तो वे सड़क पर उतर आए.

IMF ने लोन देने के लिए लगाईं कड़ी शर्तें
सबसे पहले बात कर लेते हैं पाकिस्तान में बिजली की कीमतों में बढ़ोतरी (Pakistan Electricity Price Rise) के चलते मचे बबाल की, तो डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, ज्यादा बिजली बिल आने से देश में आक्रोश की एक नई लहर दौड़ गई है. पाकिस्तान के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने 3 अरब डॉलर के बेलआउट पैकेज को मंजूरी देते हुए कड़ी शर्तें लगाई हैं, जिसका बोझ पाकिस्तान सरकार की ओर से सालभर में जनता पर टैक्स से लेकर पेट्रोल-डीजल और बिजली की कीमतों में वृद्धि करते बढ़ाया गया है.

इन कड़ी शर्तों के चलते पाकिस्तान में बिजली की कीमतें आसमान पर पहुंच गई हैं और इसका असर अब पूरे देश में सड़कों पर हो रहे प्रदर्शन के रूप में नजर आ रहा है. लोग अपने बिजली बिलों को जला रहे हैं, बिजली कार्यालयों में तोड़फोड़ कर रहे हैं.

मार्च से अगस्त तक इतनी बढ़ गई कीमत
रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान में मार्च 2023 से लेकर अगस्त 2023 तक प्रति यूनिट बिजली करीब 20 रुपये तक महंगी हो गई है. जहां मार्च महीने में सरकार की ओर से बिजली की दरों में 5.50 रुपये प्रति यूनिट का इजाफा किया गया था, तो वहीं जुलाई महीने में बिजली की दरें फिर 7.50 रुपये प्रति यूनिट बढ़ाई गईं. यही नहीं इस अगस्त महीने में भी पाकिस्तान में बिजली 5 रुपये प्रति यूनिट महंगी की गई है. इस हिसाब से देखें तो जो बिजली पहले से आर्थिक कंगाली की कगार पर खड़े पाकिस्तान में मार्च महीने में 38 रुपये प्रति यूनिट थी, वो अब करीब 56 रुपये के आस-पास पहुंच चुकी है.

कार्यवाहक सरकार ने आनन-फानन में बुलाई बैठक
पाकिस्तान में बिजली के बिलों को लेकर जारी प्रदर्शनों के बीच देश की कार्यवाहक सरकार की तमाम कोशिशें भी नाकाम साबित हो रही हैं. डॉन की रिपोर्ट में बताया गया है कि मंगलवार को पाकिस्तान के कार्यवाहक प्रधान मंत्री अनवारुल हक काकर की अध्यक्षता में इस मुद्दे को लेकर कैबिनेट बैठक हुई. अंतरिम इंफॉर्मेशन मिनिस्टर मुर्तजा सोलांगी ने एक निजी टेलिविजन इंटरव्यू के दौरान बताया कि सरकार बिजली उपभोक्ताओं के लिए राहत उपायों के संबंध में आईएमएफ के साथ बातचीत कर रही है और जल्द ही एक घोषणा किए जाने की उम्मीद है. सोलांगी के मुताबिक, वित्त मंत्री शमशाद अख्तर आईएमएफ से लगातार बात कर रहे हैं.

सैलरी का बड़ा हिस्सा बिजली बिल पर खर्च
पाकिस्‍तानी अखबार डॉन के मुताबिक, देश के लोगों पर बोझ लगातार बढ़ रहा है इस साल बिजली के बिल के कुल बिल पर 48 फीसदी तक टैक्स बढ़ाया गया है. देश में उपभोक्ताओं के जो बिल दो से ढाई हजार रुपये के आते थे, वे अब 5 से 10 हजार रुपये के आसपास आ रहे हैं. इंडिया टुडे पर मंगलवार को छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, 40000 रुपये प्रति माह कमाने वाले लोगों का 20-30 फीसदी हिस्सा तो सिर्फ बिजली के बिल भरने में खर्च हो रहा है. गौरतलब है कि बिजली की बढ़ी कीमतों के लेकर अगस्त 2023 की शुरुआत में विरोध प्रदर्शनों का सिलसिला पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (POK) में शुरू हुआ था, वहीं अब ये आग देश के कई राज्यों में फैल गई है.

PoK से शुरुआत, कई राज्यों में फैली आग
रिपोर्ट्स की मानें तो पीओके में मस्जिद के लाउडस्पीकरों के वीडियो सामने आए हैं, जिसमें लोगों से अपने बिलों का भुगतान न करने की अपील की जा रही है. देश के गुजरांवाला में गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने इलेक्ट्रिक पावर कंपनी के दफ्तर को घेर लिया और इसी तरह के उग्र प्रदर्शन नारोवाल, अटॉक, सरगोधा और हरिपुर सहित अन्य शहरों में भी देखने को मिल रहे हैं.

पाकिस्तान में भारत से करीब 6 गुना महंगी बिजली
अगर भारत की बात करें तो महाराष्ट्र राज्य में बिजली सबसे महंगी है, यहां एक यूनिट के लिए बिजली उपभोक्ताओं को 8.80 रुपये देने पड़ते हैं, वहीं पश्चिम मंगाल में एक यूनिट बिजली 8 रुपये में आती है. अगर देश में सबसे सस्ती बिजली की बात करें तो ये दिल्ली में मिलती है. यहां 200 यूनिट तक फ्री बिजली है और इससे ऊपर का बिल आने पर अब तक  3 रुपये प्रति यूनिट,  201 से 400 यूनिट तक पर 4.5 रुपये प्रति यूनिट, 401 से 800 यूनिट तक 6.5 रुपये प्रति यूनिट, 801 से 1200 यूनिट तक 7 रुपये प्रति यूनिट और 1200 से ज्यादा यूनिट पर 8 रुपये प्रति यूनिट के हिसाब से बिल भरना होता था.

हालांकि, हाल ही में इसमें दिल्ली सरकार की ओर से संशोधन किया गया है. जिसके तहत 200 यूनिट से ज्यादा बिजली खर्च होने पर 8 फीसदी का चार्ज उपभोक्ताओं पर लगेगा. यानी 200 यूनिट के बाद अगर आपका बिल अगर 100 रुपये आता है तो इस बढ़ोतरी के बाद आपका बिल 108 रुपये आएगा.

 

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