धान के पौधें में कीडे़ किसान चिंतित’’

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‘‘ धान के पौधें में कीडे़ किसान चिंतित’’
रा.कां.पा.
गरियाबंद:- जिला अंचल क्षेत्रों में जूझ रहे किसानों की फसल में कीट प्रकोप ने चिंता बढ़ा दी है। राकांपा जिलाध्यक्ष गैदलाल देवांगन ने उक्त बयान जारी करते हुए कहां कि क्षेत्र में तना छेदक व ब्लास्ट का प्रकोप बढ़ रहा है। मौसम के प्रतिकुलता के चलते धान के पौधे में तना छेदक व अन्य बीमारियों से किसान फसल को लेकर काफी चिंतित है। जिले में 39 हजार हेक्टेयर में खरीब फसल की गई है। क्षेत्र में फसलों पर किसान दवाई का छिड़काव भी कर रहे है। दवाई मंहगी होने से किसान कर्ज के बोझ तले दबने को मजबूर है। ग्राम मजरकट्टा चिखली के कृषक ने बताया कि मौसम की प्रतिकूलता के चलते उनकी धान की फसल तना छेदक कीट से ज्यादा फसल को जड़े व पत्ती नष्ट हो रही है। किसानों का कहना है कि फसल में लगे कीट को नष्ट करने के लिए मंहगी दवाई चाहिए इससे आर्थिक समस्या छोटे किसानों को तो साहूकारों बैंक आदि से कर्ज भी लेना पड़ रहा है। मंहगाई के चलते गरीब किसानों की हालत और बदत्तर हो गई है।
‘‘बाजार में नकली दवाई’’
राकांपा जिला महासचिव व प्रवक्ता लक्ष्मण सोनवानी ने कहां कि बाजार में नकली दवाई को छोटे बड़े किसानों के बीच परोसा जा रहा है। क्षेत्र में धान की फसल जहां पकने की तैयारी हो रही है पर बीमारी ने आकर फसल को अपनी चपेट में ले लिया है और धान की फसल नष्ट हो रही है। किसान फसल को बचाने के लिए 2 बार, 3 बार कीटनाशक दवाई का छिड़काव कर रहे है क्षेत्र के किसानों ने बताया कि बाजार में नकली दवाई आ गई है। इससे बीमारी को दूर करना आसान नही है। कीट का प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है। खराब होती फसल को देखकर किसान भ्रम मेें पड़ गये है अब क्या किया जाए।
वही कृषि विभाग के अधिकारी मूकदर्शक बनकर बैठे हुए है फसल में लगने वाली बीमारी एवं दूसरे बचाव के लिए कीटनाशक दवाई के बारे में किसानों की जानकारी देने के लिए कृषि विभाग के कर्मचारी अधिकारी क्षेत्र में नही आए किसानों ने बताया कि साल दर साल अकाल कम बारिश व क्षेत्र में सिंचाई के प्रर्याप्त साधन नही होन के कारण वे आर्थिक तंगी से जूझ रहे है। किसान अपनी जमा पूंजी में कीटनाशक दवाई खरीद कर अपने फसलों में छिड़काव कर रहे है किसी तरह फसल बच जाए और वे आर्थिक नुकसान से बच सकें। सरकार के कृषि विभाग के अधिकारी को ऐसे संकट के समय में क्षेत्र का दौरा कर किसानों को उचित सलाह देना चाहिए पर अधिकारी के नही आने से किसानों में शेष देखा जा रहा है।

 

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