गरियाबंद जिला प्रशासन की वेबसाईट में है बाघ और ब्लैक पैंथर का फर्जी फोटो,अन्य स्थान का फोटो डाल कर बताया गया है उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व का फोटो …

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गरियाबंद जिला प्रशासन की वेबसाईट में है बाघ और ब्लैक पैंथर का फर्जी फोटो,अन्य स्थान का फोटो डाल कर बताया गया है उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व का फोटो ।

तीव कुमार सोनी

आम जनता को शासन व जिला से संबंधित सही व सत्य जानकारी व आंकड़े उपलब्ध कराने के लिए गरियाबंद जिला प्रशासन का वेबसाईट बनाया गया है । परंतु गरियाबंद जिला प्रशासन के द्वारा वेबसाईट के माध्यम से झूठ और असत्यता का प्रदर्शन कर शासन व आम जनता को गुमराह किया जा रहा है ।

मामला गरियाबन्द जिले के अंतर्गत आने वाले उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व से संबंधित है । जिसमे हुआ यह है कि गरियाबन्द जिला प्रशासन के वेबसाईट में पर्यटन का एक कालम है जिसमे उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व को पर्यटन का स्थान बताया गया है और उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व का फोटो होना बता कर तीन फोटो वेबसाईट में डाला गया है । उक्त फोटो में एक फोटो ब्लेक पैंथर का है, एक फोटो बाघ का है और एक फोटो वनभैंसा का पेंटिंग वाला साइन बोर्ड का है । इसमे खास बात यह है कि वन भैसा का पेंटिंग वाला जो साइन बोर्ड है केवल वही उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व का असली फोटो है बाकी के बाघ और ब्लैक पैंथर दोनों फोटो फर्जी है , वो दोनों फोटो उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व के नही हैं । इस प्रकार गरियाबन्द जिला प्रशासन के द्वारा अन्य स्थान के फोटो को उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व का फोटो होना बता कर बाघ और ब्लैक पैंथर का फर्जी फोटो जिले के वेबसाईट में डाल कर आम जनता और शासन को गुमराह किया गया है ।

इसमे सबसे खास बात यह है कि जिले के वेबसाईट में में बाघ और ब्लैक पैंथर का फ़ोटो तो डाला गया है परंतु उनके संबंध में कोई भी विवरण नही दिया गया केवल वनभैंसा के संबंध में ही पूरा विवरण है कि कितने वन भैसा है, उनका ठिकाना कहा है, कितने मादा कितने नर है पूरा विवरण दिया गया है । परंतु बाघ और ब्लैक पैंथर के बारे में एक शब्द भी नही लिखा गया है । जबकि उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व को स्पेशली बाघ के लिए ही बनाया है इसलिए वेबसाइट में बाघ के संबंध में पूरा विवरण दर्शाया जाना चाहिए कि टाइगर रिजर्व में कितने बाघ है, कितने नर,मादा व शावक है, बाघ का ठिकाना व रूट लोकेशन किस इलाके में है । इस संबंध में उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व डायरेक्टर ओ पी यादव व डिप्टी डायरेक्टर विवेकानंद रेड्डी से पूछा गया तो उन्होंने ने गोलमोल जवाब देते हुए कहा कि बाघो की संख्या व लोकेशन के संबंध में अभी कोई प्रमाण नही मिला है । इससे स्पष्ट हो रहा है कि उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व में एक भी बाघ नही है । बाघ नही होने के कारण ही बाघ के संबंध में आंकड़े व फोटो नही जुटाया जा सका है । और आम जनता व शासन को गुमराह करने के लिए अन्य स्थान के फोटो को उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व का फोटो होना बता कर जिले की वेबसाईट में डाला गया है ।

अब इस प्रकार की बुनियादी जानकारी अगर जिला प्रशासन और उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व के पास नही है तो अब तक अधिकारियों ने क्या काम किया और 15 करोड़ रुपया को कहा खर्च किया गया ये जांच का विषय है । बाघो का पता लगाने से पहले बाघ के लिए जो करोड़ो रूपये आये थे वो कहा गए ये पता लगाया जाना चाहिए ।

अनुमान लगाया जा रहा है कि जिले की वेबसाईट में जो बाघ का फ़ोटो है वो मध्यप्रदेश या उत्तरप्रदेश के किसी स्थान का है । और जो ब्लेक पैंथर का फोटो है वो उड़ीसा या बारनवापारा का होने का अनुमान है ।

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