वन परिक्षेत्र मैनपुर के अधिकारी दारु और मुर्गा के लिए गरीब लकड़हारो से वसूल रहे एक – एक हजार रूपये | पैसा नहीं देने पर गरीब लकड़हारो के साईकल को बनाते है जब्ती | गरीब लकड़हारे घर के बीपीएल चावल बेच कर अधिकारियों को दे रहे पैसा |
मैनपुर | वन परिक्षेत्र मैनपुर के अधिकारियों का एक नया रूप सामने आया है जिसमे वन परिक्षेत्र मैनपुर के अधिकारियों ने दारु और मुर्गा के लिए गरीब लकड़हारो से एक – एक हजार रूपये का चन्दा वसूला है | पैसा नहीं देने पर गरीब लकड़हारो के साईकल को जब्ती बना लिया गया था | मजबूर गरीब लकड़हारो ने शासन से प्राप्त बीपीएल चावल को बेच कर अधिकारियों को पैसा दिया तब जा कर अधिकारियों ने गरीब लकड़हारो के साईकल को छोड़ा है | पूरा मामला यह है की कोरोना वाईरस के कारण से गरीब ग्रामीण अब बेरोजगार हो चुके है उनके पास किसी प्रकार का काम नहीं है इसलिए वन परिक्षेत्र मैनपुर के आसपास के गरीब ग्रामीण जंगलो से सुखी लकडिया ला कर गाँवों में बेचते है और अपने परिवार का पालन पोषण करते है |
उक्त सुखी लकडिया को लाने से किसी प्रकार का वन अधिनियम का भी उल्लंघन नहीं होता है | वन अधिनियम का उल्लंघन तब होता जब वन विभाग की संपदा से किसी प्रकार की राजस्व हानि पहुचाई जाती या फिर पेड़ो की अवैध कटाई की जाती | गरीब ग्रामीण जंगलो से जो सुखी लकडिया लाते है वह वन विभाग के लिए पूरी तरह से अनुपयोगी होता है उक्त सुखी लकडिया से वन विभाग को किसी प्रकार से राजस्व की प्राप्ति नहीं होती है | गरीब ग्रामीण वन संपदा को भी क्षति नहीं पहुचाते और कच्चे पेड़ो में भी किसी प्रकार का छेड़छाड़ नहीं करते है इसलिए य जंगलो से सुखी लकडिया ला कर बेच कर अपने परिवार का पालन पोषण करना कोई अपराध नहीं है |
परन्तु वन परिक्षेत्र मैनपुर वन विभाग के अधिकारी नियमो का हवाला दे कर जंगलो से सुखी लकडिया लाने वाले गरीब ग्रामीणों का पकड़ धकड़ करते है और दारु और मुर्गा के लिए मनमाने पैसा की मांग करते है पैसा नहीं देने पर उनकी साईकल को जब्ती बना लिया जाता है | हर तीन चार माह में वन परिक्षेत्र मैनपुर के अधिकारियों के द्वारा गरीब लकड़हारो को दारु मुर्गा के लिए एक – एक हजार रूपये पैसा का मांग किया जाता है पैसा नहीं देने पर उनकी साईकलो को नियम विरुद्ध जब्ती बना दिया जाता है | वन परिक्षेत्र मैनपुर के अधिकारियों के आये दिन अवैध वसूली किये जाने से सभी गरीब ग्रामीण परेशान हो चुके है और उनके वन विभाग के खिलाफ धरना आन्दोलन करने की सोच रहे है |