विधि शूल का वास्तु शास्त्र में महत्व: पंडित देव नारायण शर्मा..
रायपुर–संस्कृत में विथि का अर्थ है सड़क और शूल का अर्थ है तीर
विथिशूल उन सड़कों या गलियों को दिया गया नाम है जो अलग-अलग दिशाओं से भूखंड के सामने से गुजरती हैं !!
जब भी प्लाट के ठीक सामने से कोई रोड आती है तो एक *टी जंक्शन* बनता है !!
इन विधि शूल से ऊर्जा का केन्द्रीयकरण होता है। वे जिस दिशा से आते हैं, उसके आधार पर यह ऊर्जा सकारात्मक या नकारात्मक हो सकती है।
विथिशूल के बारे में विद्वानों में मतभेद हैं। कुछ का मानना है कि स्रोत क्षेत्रों अर्थात उत्तर, उत्तर-पूर्व और पूर्व से एक विथिशूला सकारात्मक परिणाम पैदा करता है।
हालांकि दूसरों का मानना है कि किसी भी दिशा से एक तीर घाव पैदा करने के लिए बाध्य है।