ग्राम फुलकर्रा में पिछले 06 माह से पिने के पानी की है समस्या, जल की कमी का सामना कर रहे है ग्रामवासी, पानी समस्या पर पंचायत नहीं दे रहा है ध्यान | – (दिलीप नेताम)
ग्राम फुलकर्रा में पिछले 06 माह से पिने के पानी की है समस्या, जल की कमी का सामना कर रहे है ग्रामवासी, पानी समस्या पर पंचायत नहीं दे रहा है ध्यान | – (दिलीप नेताम)
गरियाबंद | फुलकर्रा ग्राम में पिछले 06 माह से जल की कमी का सामना कर रहे है, जल जीवन है इसके बिना सोचना भी बेकार है। पिछले 06 माह से इस ग्राम के कुआं सुखा पड़ा है | पंच सरपंच ध्यान नही दे रहे है ग्राम की समस्या ग्रामीण ही सुलझाने का जिम्मा लिए हुवे है। पीने के पानी की कोई व्यवस्था ही नही है। मोहल्ले मे पानी की विकराल समस्या है।। इसका अवगत पंच सरपंच को कराया गया,, इस बदहाली की शिकायत, को लेकर समस्त मोहल्ला वासी कुपराज चित्रसेन घनस्याम,तुलेश्वर गुलशानू,, लवांसिंग पूरनलाल साहू तनिक, नीलू राम,न्नारद राम,, चंद्रिका याना,सरस्वती, तामसिंग ईश्वरी अशोक,रेखा, जीवरखन खगेश्वर, उदयराम शिवकुमारी और अंतर सदस्यों ने मिलकर जिला कलेक्टर श्रीमान नम्रता गांधी के पास विज्ञापन सौंपी
गरियाबंद जिले में पैरी नदी में बुंद भर भी पानी नही है अधिकांश नदी किनारे वाले गांव के लोग निस्तारी के रूप नदी का पानी का ही उपयोग करते है। पैरी नदी के सुखने से ग्रामों में जल स्तर गिर गया है जिसका सीधा असर पीने के पानी व निस्तारी करने में लोगो को समस्या हो रहा है।
गांव में नल-जल योजना तो संचालित है पर बोर में जल स्तर गिरने से बोर से पानी की पूर्ति नही हो पा रहा, जिससे जल संकट का सामना करना पड़ रहा है। गरियाबंद जिले का अधिकांश इलाका घने जंगलो से घिरा है ग्रामीण क्षेत्रों और जंगली इलाकों में पीने के पानी के लिए बनाए स्टॉप डेम आदि भी सूख चुके हैं ऐसे में एक मात्र पैरी नदी है जिससे जंगली जानवर व नदी किनारे गांव के ग्रामीण पीने व निस्तारी के लिये उपयोग में लाते है। इससे दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों के निवासी के साथ-साथ पशु पक्षियों जीव-जंतुओं के लिए पीने के पानी का संकट गहरा गया है।
गर्मी के कारण जलस्तर पाताल की ओर समाने लगा है, कुंआ नदी, नाले, आदि जलाशय सूख गये हैं। गरियाबंद जिले के एक मात्र जलाशय सिकासेर से पानी छोड़ा जायेगा तो काफी हद तक पानी की समस्या कम हो जायेगा। पानी की समस्या व गर्मी को देखते हुये ग्रामीणों द्वारा गरियाबंद कलेक्टर नम्रता गांधी से सिकासेर जलाशय से पानी छोड़ने की अपील की गई।