भेजीपदर डायवर्सन के नहर नाली के कार्य में ठेकेदार के द्वारा चलाई जा अपनी मनमानीधारनीढोडा में बन रही मुख्य नहर व एनिकट में ठेकेदार द्वारा बरती जा रही है लापरवाही बिना किसान के सहमति खड़े कर दिया स्टेकचर सिंचाई विभाग इस ठेकेदार पर इतना क्यों है मेहरबानपूर्व में गरियाबंद जिला पंचायत अध्यक्ष स्मृति नीरज ठाकुर ने एक ही ठेकेदार को कार्य देने पर उठाए थे सवाल गरियाबंद

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संवाददाता कृष्ण कुमार त्रिपाठी जिला उपब्यूरो गरियाबंद सर्वोच्च छत्तीसगढ़

भेजीपदर डायवर्सन के नहर नाली के कार्य में ठेकेदार के द्वारा चलाई जा अपनी मनमानीधारनीढोडा में बन रही मुख्य नहर व एनिकट में ठेकेदार द्वारा बरती जा रही है लापरवाही बिना किसान के सहमति खड़े कर दिया स्टेकचरसिंचाई विभाग इस ठेकेदार पर इतना क्यों है मेहरबानपूर्व में गरियाबंद जिला पंचायत अध्यक्ष स्मृति नीरज ठाकुर ने एक ही ठेकेदार को कार्य देने पर उठाए थे सवालगरियाबंद = विकासखंड मैनपुर के अंतर्गत ग्राम पंचायत गोहरापदर से लगभग 4 से 5 किलोमीटर की दूरी पर बसे गांव धारनिढोडा में गोहरापदर के आसपास गांव के किसान एवं आम जनों के हित के लिए शासन-प्रशासन द्वारा नहर पुलिया एनीकेट प्रदान किया गया जहां पर एनीकेट नहर पुलीया का निर्माण कार्य प्रारंभ हुआ परंतु यहां पर पत्रकारों की टीम जब पहुंची तो देखा गया यहां पर जोरो से धांधली का काम चल रहा है ठेकेदार अपनी मनमानी व लापरवाही बरतते हुए काम करवा रहा है एवं कार्य स्थलों पर मनमानी तरह से धांधली किया जा रहा है यहां पर पुलिया की स्थिति ऐसी बनी है कि पूरी पुलिया दरार हो चुकी है तथा पुलिया का ऊंचाई जिस प्रकार होना चाहिए वह मापदंड के अनुसार नहीं है यहां तक पुलिया का नीचे का स्ट्रक्चर भी काफी खराब है एवं दरारें भी आ चुकी हैं केवल 3 से 4 फीट के आसपास है जो पुलिया को ऊपर से नीचे तक के जोड़ कर रखी है इतनी धांधली के साथ नाहर पुलिया बनाई गई है कि बरसात के शुरुआती दिनों में ही नाहर पुलिया धसने लगी है तथा कार्यस्थल में कार्य दिखाने मात्र हेतु धारनीढोडा में 400 मीटर की लंबा जेसीबी से गड्ढा ही खो दिया गया है जहां तक के मामला यहां तक पहुंच गया कि बिना किसान के अनुमति बगैर धारनीढोडा के किसान के खेत पर नहर स्ट्रक्चर बना दिया क्या किसान को मालूम होने पर कार्य को बंद करवाया एवं मुआवजा की मांग की क्योंकि जिस जमीन पर आधा अधूरा स्ट्रक्चर तैयार है वहां फसल बुवाई नहीं हो सकती ठेकेदार विष्णुप्रसाद अग्रवाल ने मनमानी ढंग से ऐसे ही कई लाखों रुपयों को पानी की तरह बहा दिया एवं उसकी भरपाई हेतु दूसरे कार्यों में मनमानी करना प्रारंभ कर दिया लापरवाही की बरसात के दिनों में वहां के आसपास किसानों व ग्रामीणों को भुगतना पड़ेगा शासन प्रशासन द्वारा दिया गया ग्रामीणों को वरदान उनके लिए अभिशाप साबित हो सकता है ठेकेदार विष्णुप्रसाद अग्रवाल के इसी लापरवाही और धंधे के विषय में पूर्व में भी जिला पंचायत अध्यक्ष स्मृति नीरज ठाकुर ने भी सवाल उठाए थे एवं गरियाबंद के पूर्व कलेक्टर श्री नीलेश क्षीरसागर के पास शिकायत की गई थी ठेकेदारों पर सिंचाई विभाग इतना ही मेहरबान क्यों है क्या इसमें आला अधिकारी भी मिलीभगत से ठेकेदार लापरवाही बरत रहा है जिसकी परेशानी को आम जनों को सामना करना पड़ेगा इसमें ठेकेदारों के साथ अधिकारी की मिलीभगत की बू आ रही है जिसके कारण ठेकेदारों की गलती को अधिकारी नजर अंदाज करते हुए लीपापोती में लगे रहते है गरियाबंद जिले मे इस प्रकार से कई ठेकेदारों ने गरियाबंद जिला के विकास को रोका है क्या इन पर कभी कार्यवाही नहीं होगी शासन प्रशासन मौन जिम्मेदार कौन

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