हमास के साथ डील के लिए कैसे मान गया इजरायल, क्या हैं शर्तें?

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तेलअवीव

हमास के इजरायल पर हमला करने और 200 से अधिक लोगों को बंधक बनाकर इजरायल हमास युद्ध की शुरुआत पिछले महीने की सात तारीख को हुई थी. हमले कि बाद ही इजरायल ने प्रतिक्रिया दी थी, वह हमास को हर हाल में मिटा कर रहेगा चाहे इसके लिए उसे किसी भी हद तक जाना पड़े. इसके बाद से इजरायल ने हमास के खिलाफ गाजा में हमले जारी किए और करीब एक महीने बाद उसकी सेना ने गाजा में घुस कर हमले किए. तभी से दोनों के बीच युद्धविराम को लेकर प्रयास भी चल रहे थे जो हफ्तों की मशक्कत को बाद एक डील के तहत संभव होने जा रहा है, लेकिन इस डील में क्या शर्तें हैं, इन पर इजरायल राजी कैसे हुआ और इसमें हमास कोक्या मिलेगा?

बंधकों के बदले फिलिस्तीनी कैदियों की रिहाई
इजरायल और हमास के बीच जारी युद्ध के बीच युद्धविराम और हमास द्वारा बनाए गए बंधकों को छोड़ने के लिए होने वाली डील में कुछ समय के लिए युद्धविराम के साथ ही हमास जहां कुछ बंधकों को छोड़ेगा, वहीं इजरायल कुछ फिलिस्तीनियों को जेल से रिहा करने का काम करेंगे. जहां इस डील के लिए अमेरिका के अलावा कतर जैसे देश हफ्तों से चर्चा परिचर्चा कर रहे थे और यह पहली बड़ा कदम होगा जब युद्ध में किसी तरह का रोकटोक जैसा कुछ देखने को मिलेगा.

बढ़ती मौतों का सिलसिला
जहां हमास के हमले में इजरायल के 1200 से अधिक लोग मारे गए थे. उसके बाद से इजरायल के हमलो में करीब 12700 लोग मारे जा चुके हैं और लाखों फिलिस्तीनी इजरायल पर हुए हमले से हुई भोजन, दवाइयों और ईंधन के कमी के चलते शरण मांग रहे हैं जबकि इजरायल के गाजा के अंदर अस्पतालों पर हुए हमलों की दुनिया में तीखी आलोचना भी हुई.

तो क्या हैं शर्तें
सबसे पहले इस मुद्दे का अहम पहलू समझते हैं कि आखिर डील क्या हुई है. इस डील का करवाने में अहम भूमिका निभाने वाले कतर के मुताबिक इस समझौते या डील के तहत अब हमास गाजा में रखे हुए इजरायल के 50 महिलाओं सहित बच्चे बंधकों को छोड़ेगा. इसके बदले में इजरायल गाजा में कुछ समय के लिए मानवीय आधार पर युद्ध विराम देगा और कुछ फिलिस्तीनी कैदियों को भी छोड़ेगा.

हमास का भी कुछ ऐसा ही बयान
कतर के बयान की तरह हमास का भी कहना है कि वजह 150 महिलाओं और बच्चों को छोड़ेगा. इससे गाजा में मदद के तौर पर ईंधन, चिकित्सकीय आपूर्ति और राहत सामग्री के तहत सैकड़ों ट्रकों को गाजा में जाने की अनुमति मिलेगी. गाजा में मानवीय सहायता पहुंचाने की मांग बहुत लंबे समय से संयुक्त राष्ट्र भी कर रहा था.

क्या करेगा बदले में इजरायल
खुद इजरायल के बयान में कहा गया है कि लड़ाई चार दिन तक रुकी रेहगी, लेकिन हो सकता है कि यह विराम कुछ लंबा हो जाए क्योंकि हर 10 अतिरिक्त बंधकों की रिहाई के बदले इजरायल इसे एक दिन बढ़ा देगा. ऐसा दस दिन तक चलेगा, लेकिन इजरायली अधिकारियों का मानना है कि यह इतना लंबा नहीं होगा. वहीं उनका यह भी कहना है कि शुक्रवार से पहले  बंधक नहीं छूट सकेंगे. इस डील पर अमल भी शुक्रवार से पहले नहीं होगा.

इजरायल के स्टैंड में बदलाव?
उम्मीद की जा रही है कि बंधक मिस्र के जरिए छोड़े जाएंगे. लेकिन यह समझना भी जरूरी है कि आखिर इजरायल जो पहले इस तरह के समझौते के लिए बिलुकल तैयार नहीं लग रहा था, मान कैसे गया. यहां गौर करना जरूरी है कि युद्ध की शुरुआत में ही इजरायल ने कहा था कि वह हमास पर हर जगह हमला करेगा और इसकी की भी परवाह नहीं करेगा कि इससे उसके बंधक नागरिकों पर भी कुछ असर हो सकता है.

पहले और अब में फर्क
लेकिन एक महीने पहले और अब के हालात में इस लिहाज से बहुत फर्क है. इजरायल टाइम्स के अनुसार अब बंधकों के परिवार जनों से कहा जा रहा है कि बंधकों की रिहाई युद्ध की पहली प्राथमिकता है. अब इजरायल खुले तौर पर कहने भी लगा है कि बंधकों की जल्द से जल्द रिहाई जरूरी है. सोच में यही बदलाव इजरायल के डील के लिए मान जाने का प्रमुख कारण है. इजरायल की कैबिनेट ने भी इस डील का 35-3 से समर्थन किया है.

वहीं यह भी माना जा रहा है कि इससे इजरायल को राजनैतिक फायदा होगा और उस पर पड़ने वाला अंतरराष्ट्रीय दबाव कम होगा. खास कर जिस तरह से गाजा के नागरिकों के समर्थन में अरब और दुनिया के अंन्य देश लामबंद हो रहे हैं उनके सुर ठंडे पड़ेंगे और इजरायल को अब हमास पर और कार्रवाई करने का “मौका या छूट” मिल सकेगा. इतना नहीं ही इससे डील से युद्ध को खत्म करने के अंतरराष्ट्रीय प्रयासों को भी बल मिलेगा.

 

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