एक्सपर्ट ने चौंकाया सुरंग से मजदूरों को निकालने में लगेगा 1 महीना?

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उत्तरकाशी
उत्तरकाशी में रेस्क्यू रुकने के बाद 41 मजदूरों का इंतजार लंबा खिंच गया है. 14 दिन बाद भी सुरंग में फंसी जिंदगियों के बाहर निकलने को लेकर सस्पेंस बना हुआ है. अंदर 41 जिंदगियां हैं और बाहर रेस्क्यू ऑपरेशन की चुनौतियों से जूझते बचाव दल के सदस्य. सुरंग में ड्रिल करने के लिए भेजी गई ऑगर मशीन नाकाम रही है. अब वर्टिकल यानि सुरंग के ऊपरी हिस्से पर ड्रिलिंग की तैयारी है.

घड़ी की सुइयां अपनी रफ्तार से चली जा रही हैं. कैलेंडर की तारीख बदलती जा रही है. लेकिन अगर कुछ नहीं बदल रहा तो वो है हालात. हर दिन सुबह उम्मीद के साथ शुरू हो रही है और शाम नाउम्मीदी में गुजर जा रही है. इस बीच अमेरिका से आए एक्सपर्ट द्वारा दिए गए बयान ने सभी को चौंका दिया है.

रोज बयान बदल रहे जिम्मेदार अधिकारी

एक्सपर्ट ने अपने ताजा बयान में कहा है कि मजदूर क्रिसमस यानि 25 दिसंबर तक अपने घर पर होंगे. इस बयान से पीड़ितों के परिजनों की परेशानी और बढ़ी है. हैरानी की बात है कि रेस्क्यू ऑपरेशन की निगरानी करने वाली टीम के जिम्मेदार अधिकारी अब तक रोजाना बयान बदलते रहे हैं. वो अपने बयानों में नई नई डेडलाइन बताते रहे हैं.  

खुदाई में अब अमेरिकी मशीन का नहीं होगा इस्तेमाल

इस बयान से साफ है कि अभी 41 मजदूरों के रेस्क्यू में लंबा वक्त लग सकता है, क्योंकि मुश्किलें खत्म होने का नाम नहीं ले रहीं. सिलक्यारा छोर से खुदाई बंद हो गई है. सरिया के जाल में फंसने से ऑगर मशीन बीती रात खराब हो गई. अब अमेरिकी एक्सपर्ट अरनॉल्ड डिक्स ने कह दिया है कि अब ऑगर मशीन का इस्तेमाल नहीं होगा. मजदूरों की जिंदगी बचाने के लिए सुरंग के ऊपर से खुदाई की तैयारी है. वर्टिकल ड्रिलिंग के लिए मशीन को सुरंग के ऊपरी हिस्से पर ले जाया जा रहा है.

अमेरिकी विशेषज्ञ अरनॉल्ड डिक्स ने क्रिसमस की डेडलाइन दी है. उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि क्रिसमस से पहले सभी मजदूर अपने घर पर होंगे. वह सुरक्षित हैं. अगर रेस्क्यू में जल्दबाजी की गई तो और मुश्किलें बढ़ सकती हैं. इसलिए पूरी सावधानी के साथ सुरंग में रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है.

उन्होंने कहा कि इसका मतलब है कि अब से एक महीने में 41 लोग घर सुरक्षित होंगे। मुझे बिल्कुल नहीं पता कि कब। मेरा मतलब है कि हमें जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए . हमें बस सबसे महत्वपूर्ण बात पर विचार करना चाहिए और वह यह है कि सभी सुरक्षित घर आएं. मुझे विश्वास है कि वे क्रिसमस पर सब घर होंगे. मैंने कभी वादा नहीं किया था कि यह जल्दी हो जाएगा. मैंने कभी वादा नहीं किया कि यह आसान होगा, मैंने कभी नहीं कहा कि यह कल हो जाएगा, मैंने कभी नहीं कहा कि यह आज रात होगा. वे सुरक्षित रहेंगे.

सीएम पुष्कर धामी ने बताया रेस्क्यू का अगला चरण

बता दें कि सीएम पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को सुरंग में फंसे मजदूरों को निकालने के लिए चलाए जा रहे रेस्क्यू ऑपरेश का जायजा लिया. इसके बाद उन्होंने कहा, 'मुझसे मजदूरों ने कहा कि हमें खाना मिल रहा है, चिंता करने की जरूरत नहीं है. हम प्रार्थना कर रहे हैं कि हम जल्द से जल्द यहां से निकल सकें.' उन्होंने कहा कि यहां सभी संसाधन उपलब्ध हैं. प्लाज्मा कटर की तरह जो उपकरण यहां नहीं है उसे लाया जा रहा है. मुख्य टनल के निर्माण से पहले एस्केप टनल नहीं बनाने के बारे में पूछे जाने पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने कहा कि हम हर पहलू पर गौर कर रहे हैं, लेकिन हमारी प्राथमिकता पहले मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकालने की है. उन्होंने कहा कि जीपीआर मैपिंग विश्वसनीय नहीं है, इसे रेस्क्यू में जुटे अधिकारी स्वीकार कर रहे हैं.

रेस्क्यू टीम ने माना जीपीआर मैपिंग विश्वनीय नहीं है

गौरतलब है कि जीपीआर मैपिंग करने वाली टीम ने कहा था कि 48 मीटर की ड्रिलिंग के बाद आगे की राहत आसान है, क्योंकि ऑगर मशीन के रास्ते में अब कोई मेटर ऑब्जेक्ट नहीं पड़ेगा. लेकिन यह बात गलत साबित हुई और कल शाम ड्रिलिंग के दौरान ऑगर मशीन लोहे की जाल में फंसकर टूट गई. इसके बाद विशेषज्ञ वर्टिकल ड्रिलिंग पर भी विचार कर रहे हैं. इसके लिए मशीन तैयार करके सुरंग के ऊपर पहुंचा दी गई है. मैनुअल ड्रिलिंग शुरू करने के बाद परिस्थितियों का आकलन किया जाएगा और इसमें ज्यादा दिक्कत आने पर वर्टिकल ड्रिलिंग शुरू की जा सकती है.

 

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