*मोहनजी के अम्मुकेयर चैरिटेबल ट्रस्ट ने मानवतावादी सेवाओं के 20 सालों का जश्न मनाया*
*मोहनजी के अम्मुकेयर चैरिटेबल ट्रस्ट ने मानवतावादी सेवाओं के 20 सालों का जश्न मनाया*
● बिना किसी संसाधन के शुरू हुआ अम्मुकेयर, सिर्फ जुनून और सहानुभूति के दम पर एक विश्वस्तरीय संस्थान बन गया है जिसके 34 देशों में हमारे 500 से अधिक स्वयंसेवी और 55000 प्रतिभागी हैं
● सहानुभूतिपूर्ण समाज कल्याण के लिए निःस्वार्थ सेवाओं के जश्न के लिए खुशी का अवसर
● जब तक मनुष्य जाति, दयालु मानव में न बदल जाए, हमें तब तक काम करना हैः मोहनजी
● एक मनुष्य के रूप में हमारी ज़िम्मेदारी है कि अपनी होशियारी का उपयोग हम संरक्षण के लिए करें, न कि विनाश या सिर्फ लाभ के लिएः मोहजी
21 नवम्बर, 2023: ज़रूरतमंद लोगों की सेवा के लिए समर्पित गैर-लाभ संगठन अम्मुकेयर चैरिटेबल ट्रस्ट ने नई दिल्ली के इंडिया हेबिटेट सेंटर स्थित जैकरांडा हॉल में विशेष कार्यक्रम के साथ अपनी 20वीं सालगिरह का जश्न मनाया। 20वीं सालगिरह का जश्न संगठन के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है जब टीम के सदस्यों और स्वयंसेवकों को उनके समर्पित प्रयासों के लिए सम्मानित किया गया। अम्मुकेयर देश भर के ज़रूरतमंद समुदायों के लिए सहानुभुति और उम्मीद की एक किरण है।
2003 में विश्वस्तरीय मानवतावादी एवं परोपकारी मोहन जी द्वारा स्थापित अम्मुकेयर चैरिटेबल ट्रस्ट का गठन उनकी बेटी अम्मु के सम्मान में किया गया, जिनका अगस्त 2000 में एक दुखद सड़क दुर्घटना में चार साल की उम्र में ही निधन हो गया था।
सहानुभुति का जश्न
2000 से अधिक लोगों ने कार्यक्रम में हिस्सा लिया, जिनमें मोहनजी एवं अम्मुकेयर के स्वयंसेवक, दानदाता, अनुयायी और समर्थक शामिल थे।
इस अवसर पर मौजूद दिग्गजों में अम्बेसडर संजीव कोहली (सर्बिया के लिए भारत के सेवानिवृत अम्बेसडर), अम्बेसडर वेनु राजामोनी (नीदरलैण्ड्स के लिए भारत के सेवानिवृत अम्बेसडर), कर्नल अशोक किनी; डॉ मूर्थी देवरभोतला (प्रेज़ीडेन्ट, एमिकेबिलिटी डिप्लोमेटिक क्लब); सुलाखे शास्त्री (सेवानिवृत प्रमुख पुजारी, शिरडी साई बाबा मंदिर, शिरडी), साईकृष्ण राजगोपाल, मैनेजिंग पार्टनर, साईकृष्णा एण्डएसोसिएट्स (लॉ फर्म) शामिल थे। हाजी सईद सलमान चिश्ती (चिश्ती फाउन्डेशन के चेयरमैन, अजमेर) और देवी मोहन (प्रेज़ीडेन्ट, एसीटी फाउन्डेशन ग्लोबल) ने वीडियो संदेश के ज़रिए शुभकामनाएं और बधाई दी।
कार्यक्रम की शुरूआत स्वागत और परिचय के साथ हुई, जिसके बाद एक वीडियो प्रस्तुति के ज़रिए अम्मुकेयर की उल्लेखनीय यात्रा को दर्शाया गया। उन लोगों की कहानियां दर्शकों के दिल को छूं गईं, जिनके जीवन में संगठन ने सकारात्मक प्रभाव उत्पन्न किया है। स्टॉल्स एवं आउटलेट्स के माध्यम से अम्मुकेयर के कार्यों के विभिन्न पहलुओं को दर्शाया गया जैसे मोहन जी का आंगन, अहिसा इंप्रिट्स, बुज़ुर्गांं के लिए मोहनजी होम तथा देश भर में अम्मुकेयर द्वारा किए गए आनंदन प्रयास। इसके बाद मोहनजी का आंगन (नई दिल्ली) के बच्चों ने भजन गाकर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। साथ ही सूफी गायक रागिनी रैनु द्वारा प्रस्तुत संगीत संध्या ने कार्यक्रम को सांस्कृतिक रंग में रंग दिया।
मोहनजी ने कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई
अम्मुकेयर के दूरदृष्टा संस्थापक मोहनजी भी कार्यक्रम में मौजूद रहे, उन्होंने दर्शकों को प्रेरणादायी संदेश दिया। अपने सहानुभुति भरे शब्दों के साथ उन्हें निःस्वार्थ सेवा और मानवता के महत्व पर ज़ोर दिया।
‘यह हर किसी के लिए महत्वपूर्ण पल है, यह कार्यक्रम न सिर्फ संगठन की उपलब्धियों पर रोशनी डालता है बल्कि सभी प्रतिभागियों को निःस्वार्थ भाव एवं सहानुभूति के साथ एक दुनिया की सेवा करने के लिए भी प्रेरित करता है।’ मोहनजी ने कहा।
अम्मुकेयर की शुरूआत के समय हमारे पास कोई संसाधन नहीं थे, लेकिन हमारे पास जुनून था, सहानुभूति थी। इसी जुनून के चलते आज 34 देशों में हमारे 500 से अधिक स्वयंसेवी और 55000 प्रतिभागी हैं। अम्मुकेयर लाखों लोगों को ज़रूरत और संकट के समय सहयोग प्रदान कर चुका है। हमने 500,000 से अधिक लोगों को भोजन उपलब्ध कराया है, 1.2 मिलियन किलोग्राम से अधिक राशन दान में दिया है, जानवरों को 200,000 किलोग्राम से अधिक आहार दे चुके हैं और 80,000 से अधिक फल देने वाले पेड़ सफलतापूर्वक लगा चुके हैं। अम्मुकेयर का विकास संदेश देता है कि हम अपने भीतर छिपी अच्छाई का उपयोग कर और हिंसा जैसे कृत्यों से दूर रहकर प्राणियों की मदद कर सकते हैं, फिर चाहे वे किसी भी प्रजाति के हों।