नवापारा सहित अंचल में श्रद्धा और उत्साह से मना करवाचौथ पर्व कई जगह वीडियोकॉल पर हुए चंंद्रदर्शन
(कृष्णा मेश्राम संवाददाता सर्वोच्च छत्तीसगढ़ न्यूज़)
नवापारा राजिम-रविवार को महिलाओं ने पति की लंबी आयु और खुशहाल दाम्पत्य जीवन के लिए करवाचौथ का व्रत रखा। इसी कड़ी में भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के जिला महामंत्री रेशम हुंदल की धर्मपत्नी श्री मति गुरप्रीत कौर ने भी करवा चौथ का उपवास रख पति के दीर्घायु जीवन की कामना की।उन्होंने चंद्र दर्शन कर अघ्र्य देकर व्रत खोला।
कई जगह बदली होने से चांद नहीं दिखा तो वीडियो कॉल से दीदार किए गए।नवापारा राजिम और आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में श्रद्धा और उत्साह से मनाया गया करवाचौथ।
गोबरा नवापारा में दांपत्य जीवन में एक दूसरे के प्रति प्रेम और समर्पण का प्रतीक पर्व करवाचौथ परंपरागत श्रद्धा और उत्साह से मनाया गया। निर्जला व्रत के साथ सुहागिनों के दिन की शुरुआत हुई। उन्होंने चंद्र दर्शन कर अघ्र्य देकर व्रत खोला। बड़े बुजुर्गों के पैर छूकर आशीर्वाद भी प्राप्त किया। करवा चौथ पर्व को मनाने के लिए महिलाएं सप्ताह भर से तैयारी में लगी थीं। नवापारा राजिम अभनपुर में गारमेंट, साड़ी, ज्वैलरी आदि की दुकानों पर महिलाओं की जबरदस्त भीड़ लगी रही। नगर के सिम्स ,परमार, प्रिया, राखी सहित अनेक ब्यूटी पार्लर पर भी कतार लगी रहीं। जहां फेशियल, ब्रिलिच, हेयर स्पा आदि मेकअप कराने के साथ आइब्रो बनवाने के साथ हाथों पर मेंहदी रचवाने के लिए विवाहित महिलाये घंटो इंतजार करती रहीं।
-सोलह श्रृंगार कर पूजा के लिए सजाया थाल
रविवार को सुहागिनों ने मायके से आए सामान एवं परिधानों से सजना संवरना शुरू किया। सोलह श्रंगार कर पूजा के लिए थाल सजाए। जिसमें मिट्टी के दीपक, करूए, छलनी को रखकर थाल को आकर्षक बताया। फिर कहीं सामूहिक तो कहीं परिवार के साथ अखंड सौभाग्यवती बने रहने के लिए कहानी सुनी। अनेक महिलाओं ने छत में पूजन कर पति की दीघायु एवं परिवार की सुख समृद्धि के लिए कामना की। चंद्र दर्शन के बाद सुहागिनों ने व्रत खोला। कोई पति के साथ रेस्टोरेंट पहुंची तो किसी ने स्वजनों संग इस पर्व को खास बनाया।
-बेईमान हुआ मौसम, बादलों में छिपा चांद
दिन भर आसामन में बदलों के बीच सूर्यदेव की लुका छिपी बनी रही। जिसकी वजह से सुहागिनों की धड़कनें बढ़ी रहीं। शाम से ही चांद का दीदार करने के लिए सुहागिनें आतुर रहीं। कभी आंगन में तो कभी छत पर चढ़कर चांद निकलने का इंतजार करती रहीं। वहीं रात लगभग 8:30से 8:45के बीच चन्द्रदेव के दर्शन हो सके। मौसम की वजह से बादलों में छिपे चांद को देखने के लिए आसमान की ओर टकटकी लगाए रहीं।