भैरवगढ़ जेल में है 2200 कैदी, मात्र आठ बंदी ही कर सकेंगे मतदान

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भैरवगढ़
केन्द्रीय जेल भैरवगढ़ में 2200 से अधिक कैदी हैं। 17 नवम्बर 2023 को विधानसभा चुनाव के लिए मतदान होना है। लेकिन मात्र आठ कैदी ही अपने मत का प्रयोग कर पाएंगे। हालांकि जो अन्य बंद कैदी हैं उनका नाम मतदाता सूची में दर्ज हैं, लेकिन नियम अनुसार विचाराधीन और सजायाफ्ता कैदियों को वोट डालने की अनमुति नहीं होती, इसलिए केवल आठ कैदी ही अपने मताधिकार का उपयोग चुनाव में कर पाएंगे।

जेल अधीक्षक मनोज साहू ने बताया कि जिन कैदियों को मतदान का अधिकार है, वो पोस्टल बैलेट पेपर से वोट कर सकते हैं, लेकिन कानूनी नियमों के दायरे में आने वाले कैदी वोट नहीं दे सकते। इनके लिए विशेष नियम और कायदे हैं, जिनका पालन शासन और प्रशासन कर रहा है। हर बार की तरह इस बार भी भैरवगढ़ जेल में बंद करीब 2200 विचाराधीन और सजायाफ्ता कैदी अपने मत का उपयोग नहीं कर सकेंगे। सिर्फ आठ कैदी ही मतदान करने की पात्रता हैं, बाकि कैदियों का नाम मतदाता सूची में तो है, लेकिन उन्हें मतदान करने का अधिकार नहीं है।

यह है नियम
नियम के अनुसार तीन साल से कम की सजा पाने वाला व्यक्ति जेल में रहकर ही चुनाव लड़ सकता है, लेकिन जेल मे बंद विचाराधीन और सजायाफ्ता कैदी को मतदान का अधिकार नहीं है। रिप्रजेंटेशन ऑफ द पीपल एक्ट 1995 की धारा 62 (5) के तहत ऐसा कोई व्यक्ति जो न्यायिक हिरासत में है या फिर किसी अपराध में सजा काट रहा है, वह वोट नहीं कर सकता। गृह मंत्रालय का अदेश मिलते ही पुलिस मुख्यालय द्वारा प्रदेश के सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों को इस मामले में आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए हैं।

सोर्स बताते हैं कि गृह मंत्रालय से आए आदेश में कहा गया है कि विधानसभा चुनाव 2023 के लिए 17 नवंबर को मतदान है। उक्त मतदान प्रक्रिया में राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (रासुअ) की कार्रवाई में निरोध निवारक किए गए या जिला बदर की कार्रवाई में और धारा 151 में गिरफ्तार किए गए व्यक्ति को भी शामिल करने को कहा गया है। इन्हें मतदान प्रक्रिया में शामिल करने के लिए प्रदेश की सभी जेल में कैद ऐसे व्यक्तियों की जानकारी एकत्र कर शीघ्रता से निर्वाचन आयोग ने मांगी है।

 

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