उत्तर कोरिया ने नेपाल स्थित अपने दूतावास को बंद करने का किया फैसला

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उत्तर कोरिया ने नेपाल स्थित अपने दूतावास को बंद करने का किया फैसला

किम जोंग ने नेपाल स्थित अपने दूतावास को बंद करने का किया फैसला

काठमांडू
उत्तर कोरिया की सरकार ने नेपाल के काठमांडू स्थित अपने दूतावास तो बंद करने का फैसला किया है। इस फैसले की जानकारी नेपाल सरकार को दे दी गई है। बताया जा रहा है कि आर्थिक मंदी के कारण उत्तर कोरिया ने यह फैसला लिया है।

नेपाल में उत्तर कोरिया के राजदूत जो योंग मेन ने प्रधानमंत्री पुष्पकमल दाहाल प्रचंड से मुलाकात कर अपने सरकार के फैसले से अवगत कराया। प्रधानमंत्री के विदेश मामलों के सलाहकार रूपक सापकोटा ने बताया कि मुलाकात के दौरान उत्तर कोरिया के राजदूत ने दूतावास बंद करने और जल्द ही सभी कर्मचारियों के वापस जाने की जानकारी दी।

सापकोटा ने बताया कि प्रधानमंत्री प्रचंड ने उत्तर कोरियाई सरकार के इस फैसले पर नाखुशी प्रकट की, साथ ही उन्होंने जल्द ही इस पर पुनर्विचार होने की उम्मीद भी जताई। उन्होंने बताया कि उत्तर कोरिया ने आर्थिक मंदी के मद्देनजर दूतावास बंद करने का फैसला किया है। नेपाल में दूतावास बंद होने के बाद अब नई दिल्ली स्थित उत्तर कोरियाई दूतावास से नेपाल के मामले देखने की जानकारी दी गई है।

नेपाल और कोरिया के बीच 11 दिसंबर 1970 को द्विपक्षीय व्यापार समझौता हुआ था, लेकिन 15 मई 1974 को औपचारिक कूटनीतिक संबंध स्थापित हुआ था। उसी समय उत्तर कोरिया ने नेपाल में अपना दूतावास स्थापित किया था। सन् 2019 में संयुक्त राष्ट्र के द्वारा उत्तर कोरिया पर प्रतिबंध लगाने के बाद से ही नेपाल में भी दूतावास की भूमिका काफी कम हो गया था।

अमेरिका के वर्जीनिया में विधानमंडल चुनाव में डेमोक्रेट्स की बड़ी जीत

रिचमंड
संयुक्त राज्य अमेरिका के महत्वपूर्ण राज्य वर्जीनिया के विधानमंडल चुनाव में डेमोक्रेट्स ने बड़ी जीत हासिल की है। अमेरिका में अगले साल होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के मद्देनजर डेमोक्रेट्स की जीत को राष्ट्रीय मनोदशा के संकेतक के रूप में देखा जा रहा है।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यह चुनाव ग्लेन यंगकिन के लिए झटका हैं। यंगकिन ने रिपब्लिकन के पक्ष में जी-तोड़ मेहनत की। मगर जनता के फैसले ने उनकी उम्मीद को धराशायी कर दिया। इस चुनाव में रिपब्लिकन गवर्नर ग्लेन यंगकिन को हार का सामना करना पड़ा। डेमोक्रेटिक पार्टी न केवल राज्य सीनेट पर अपनी मजबूत पकड़ बनाए रखी, बल्कि हाउस ऑफ डेलीगेट्स पर भी नियंत्रण हासिल कर लिया। इस वर्ष सभी 140 विधायी सीटों पर मतदान हुआ।

 

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