India नहीं अब ‘भारत’ पढ़िए… किताबों में बदलेगा देश का नाम, NCERT पैनल ने दी मंजूरी
नईदिल्ली
विपक्षी गठबंधन द्वारा अपना नाम I.N.D.I.A. द्वारा रखे जाने के बाद इस मसले पर लगातार बहस जारी है। अब खबर है कि NCERT की किताबों में जल्द ही हर जगह से INDIA शब्द की जगह भारत का प्रयोग किया जाएगा। NCERT पैनल के सामने इससे संबंधित प्रस्ताव पेश किया गया था, जिसे सर्वसम्मति से स्वीकर कर लिया गया।
पैनल के सदस्यों में से एक सीआई आइजैक ने कहा कि एनसीईआरटी किताबों के अगले सेट में इंडिया का नाम बदलकर भारत कर दिया जाएगा. कुछ माह पहले यह प्रस्ताव दिया गया था,जो कि अब स्वीकार कर लिया गया है. समिति ने पाठ्यपुस्तकों में “हिंदू विक्ट्रीज” को उजागर करने की भी सिफारिश की है.
समिति ने पाठ्यपुस्तकों में ‘एंशिएंट हिस्ट्री’ के स्थान पर ‘क्लासिकल हिस्ट्री’ को शामिल करने की सिफारिश की. इतिहास को अब प्राचीन, मध्यकालीन और आधुनिक में विभाजित नहीं किया जाएगा, क्योंकि इससे पता चलता है कि भारत एक पुराना और ब्रिटिश साम्राज्यवाद से अनजान राष्ट्र है. अंग्रेजों ने भारतीय इतिहास को प्राचीन, मध्यकालीन और आधुनिक में बांटा है. अब एंशिएंट का मतलब प्राचीन होता है. वो दिखाता है कि देश अंधेरे में था, जैसे कि उसमें कोई वैज्ञानिक जागरूकता थी ही नहीं. सौर मंडल पर आर्यभट्ट के काम समेत ऐसे कई उदाहरण भी हैं.
आइजैक ने कहा कि असल में इंडिया शब्द का आमतौर पर इस्तेमाल ईस्ट इंडिया कंपनी और 1757 के प्लासी के युद्ध के बाद होना शुरू हुआ था. वहीं भारत शब्द का जिक्र विष्णु पुराण जैसे प्राचीन लेखों में मिलता है, जो 7 हजार साल पुराने हैं. ऐसे में समिति ने आम सहमति से सिफारिश की है कि सभी कक्षाओं की किताबों में भारत के नाम का इस्तेमाल होना चाहिए.
सभी विषयों में IKS की शुरुआत होगी
सभी विषयों के पाठ्यक्रम में भारतीय ज्ञान प्रणाली (IKS) यानी इंडियन नॉलेज सिस्टम की शुरूआत भी इस नये बदलाव का हिस्सा है. बता दें कि यह समिति उन 25 समितियों में से एक है जो राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुसार पाठ्यक्रम को बदलने के लिए केंद्रीय स्तर पर एनसीईआरटी के साथ काम कर रही है. फिलहाल नवीनतम पाठ्यपुस्तकें अभी आनी बाकी हैं.
खबर है कि NCERT की तरफ से एक गठित समिति इसकी सिफारिश की है। साथ ही एंशिएंट हिस्ट्री (प्राचीन इतिहास) की जगह किताबों में क्लासिकल हिस्ट्री (शास्त्रीय इतिहास) को भी शामिल किए जाने की संभावनाएं हैं। समिति ने हिंदू योद्धाओं की वीरगाथाओं को भी किताब का हिस्सा बनाने का सुझाव दिया है।
NCERT राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) की तर्ज पर अपने पाठ्यक्रम में संशोधन कर रहा है। इसे तय करने के लिए 19 सदस्यीय नेशनल सिलेबस एंड टीचिंग लर्निंग मटेरियल कमेटी (NSTC) गठित की गई थी।
बुधवार को समिति के अध्यक्ष सीआई आइजैक ने कहा, ‘इंडिया शब्द का आमतौर पर इस्तेमाल ईस्ट इंडिया कंपनी और 1757 के प्लासी के युद्ध के बाद होना शुरू हुआ था। जबकि, भारत का जिक्र विष्णु पुराण जैसे प्राचीन लेखों में मिलता है, जो 7 हजार साल पुराने हैं। ऐसे में समिति ने आम सहमति से सिफारिश की है कि सभी कक्षाओं की किताबों में भारत के नाम का इस्तेमाल होना चाहिए।’
उन्होंने बताया, ‘अंग्रेजों ने भारतीय इतिहास को प्राचीन, मध्यकालीन और आधुनिक में बांटा है। अब एंशिएंट का मतलब प्राचीन होता है। वो दिखाता है कि देश अंधेरे में था, जैसे कि उसमें कोई वैज्ञानिक जागरूकता थी ही नहीं। सौर मंडल पर आर्यभट्ट के काम समेत ऐसे कई उदाहरण भी हैं। हमने सुझाव दिया है कि मध्यकाल और आधुनिक के साथ-साथ क्लासिकल हिस्ट्री को पढ़ाया जाना चाहिए।’
हिंदू इतिहास के बारे में पढ़ाने का सुझाव
समिति ने किताबों में ‘हिंदू योद्धाओं की जीत’ के बारे में भी पढ़ाने की सिफारिश की है। उन्होंने कहा, ‘फिलहाल, किताबों में हमारी असफलताएं शामिल की गई हैं। लेकिन मुगलों और सुल्तानों पर हमारी जीत के बारे में नहीं बताया गया। उदाहरण के लिए किताबों में बताया गया है कि मोहम्मद गौरी ने भारत पर आक्रमण किया था।’
उन्होंने कहा, ‘जबकि, यह बहुत कम बताया गया है कि उसके भारत से जाने के पहले ही कोकारी जनजाति ने उसे मार दिया था।’ साथ ही समिति ने इंडियन नॉलेज सिस्टम (IKS) को भी शामिल करने की सिफारिश की है।