छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन ने किया एक दिवसीय कलम रख ,मशाल उठा आंदोलन…

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छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन ने किया एक दिवसीय कलम रख ,मशाल उठा आंदोलन बेमेतरा- मुख्यालय स्थित जयस्तंभ चौक में शुक्रवार को छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन इकाई ने प्रदेश संगठन के आह्वान पर अपनी 14 सूत्री मांगों को लेकर कलम रख, मसाल उठा एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया । जहां फेडरेशन ने अपनी मांगों को लेकर मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर के हाथों ज्ञापन सौंपा।

इस दौरान सरकार के वादा खिलाफी नीतियों को लेकर जमकर नारेबाजी भी की साथ ही मांग पूरा नही होने की स्थिति में अनिश्चित कालीन हड़ताल करने की भी चेतावनी दी। जिसकी सम्पूर्ण जिम्मेदारी राज्यशासन की होगी। इस दौरान छत्तीसगढ़ अधिकारी कर्मचारी फेडरेशन के जिला इकाई के सदस्य बड़ी संख्या में मौजूद रहे। यह जानकारी फेडरेशन के जिला संयोजक अश्वनी बनर्जी ने दिया। 14 सूत्रीय मांग इस प्रकार है लिपिक संवर्ग के वेतन विसंगति का निराकरण साथ ही शिक्षक एवं स्वास्थ्य संवर्ग सहित अन्य कर्मचारी संवर्ग का वेतन विसंगति निराकृत करने, प्रदेश के कर्मचारी अधिकारी एवं पेंशनरों को देय तिथि जुलाई 19 से 17 प्रतिशत सहित वर्तमान दर 28% महंगाई भत्ता स्वीकृति आदेश जारी के संबंध में,

छत्तीसगढ़ वेतन पुनरीक्षण नियम 2017 का बकाया एरियर 3 क़िस्त के भुगतान हेतु, सभी विभागों में लंबित संवर्गीय पदोन्नति, क्रमोन्नति, समयमान एवं तृतीय समयमान वेतन का लाभ समय सीमा में प्रदान किया जाए, सहायक पशु चिकित्सा अधिकारी एवं सहायक शिक्षक पद पर नियुक्त शिक्षकों को तृतीय समयमान वेतनमान स्वीकृति आदेश जारी किया जाए, शासकीय सेवा के दौरान कोरोना संक्रमण से मृत कर्मचारियों एवं अधिकारियों के परिवार को राजस्थान सरकार के आदेश के तर्ज पर 50 लाख रुपए अनुग्रह राशि स्वीकृति आदेश जारी किया जाए।

कोरोना ड्यूटी में लगाए गए शासकीय सेवकों को कोरोना भत्ता दिया जाए, अनियमित कर्मचारियों को नियमित किया जाए एवं सेवा से पृथक अनियमित कर्मचारियों को बहाल किया जाए, जन घोषणा पत्र में उल्लेखित चार स्तरीय पदोन्नत वेतनमान स्वीकृति आदेश जारी किया जाए। साथ ही घोषणा पत्र में उल्लेखित अन्य मांगों को पूरा किया जावे,छत्तीसगढ़ वेतन पुनरीक्षण नियम 2017 के मूल वेतन के आधार पर 10% गृह भाड़ा भत्ता सहित अन्य समस्त भत्ता स्वीकृति आदेश जारी किया जाए, राज्य में पुरानी पेंशन योजना जारी किया जावे, तृतीय श्रेणी के पदों पर 10% के बंधन को मुक्त करते हुए समय सीमा के भीतर अनुकंपा नियुक्ति के समस्त लंबित पेंशन प्रकरणों का निराकरण किया जावे, कार्यभारित /आकस्मिक सेवा के कर्मचारियों के समान वेतन के रिक्त पदों पर समायोजित करते हुए नियमित कर्मचारियों के समान वेतन भत्ते एवं पेंशन का लाभ दिया जावे, प्रदेश के पटवारियों को पदोन्नति एवं लैपटॉप के साथ उनके कार्यालयों में कंप्यूटर की समस्त सुविधा दी जावे, पेंशनरों को त्वरित पेंशन भुगतान हेतु 20 वर्षों से लंबित राज्य पुनर्गठन अधिनियम की धारा 49 को विलोपित कर पेंशनरी दायित्वों का मध्य प्रदेश एवं छत्तीसगढ़ के बीच बंटवारा तत्काल किया जाए। साथ ही सेंट्रल पेंशन प्रोसेसिंग सेल भारतीय स्टेट बैंक गोविंदपुरा भोपाल से पृथक कर रायपुर छत्तीसगढ़ में स्थापित कर छत्तीसगढ़ के प्रकरणों का निपटारा किया जाए शामिल है।

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