रेत व मुरुम खनन के साथ चल रहा क्षेत्र में लाल ईंट का कारोबार, खनिज संसाधनों की चोरी पर विभाग भी मौन…

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भानुप्रतापपुर। नगर एवं आसपास के क्षेत्र में इन दिनों बड़ी मात्रा में खनिज संसाधनों की चोरी हो रही है। खनिज विभाग के उदासीन रवैया के चलते रेत व मुरुम की धड़ल्ले से खुदाई कर परिवहन का कार्य किया जा रहा है और शासन को लाखों के राजस्व का चूना लगाया जा रहा है। क्षेत्र में प्रतिबंधित लाल ईंट भट्ठे का कारोबार भी फल फूल रहा हैं जिसमें भारी मात्रा में जंगलों से लड़की काट कर ईंट पकाने में उपयोग किया जा रहा है और नदी व तालाबों से पानी लेकर मिट्टी वे ईंट बनाने का कार्य जारी है। यदि विभाग द्वारा इनपर कोई कार्यवाही नहीं कि गयी तो आने वाले कुछ ही दिनों के ये संसाधन पूरी तरह से विलुप्त हो जाएंगे और शासन को भी मिलने वाले राजस्व की हानि होगी।

ज्ञात हो कि भानुप्रतापपुर विकासखण्ड में भारी मात्रा में खनिज संपदा मौजूद है। जिसमें रेत व मुरुम की अवैध रूप से भारी मात्रा में खुदाई की जा रही है। इन दिनों भानुप्रतापपुर सहीत आस पास के ब्लाक में लोक निर्माण तथा प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत दर्जनों सड़क का निर्माण कार्य जारी है। जिसमें उपयोग के लिए प्रतिबन्धित क्षेत्रों से बिना किसी सक्षम स्वीकृति के मुरुम खुदाई की गई हैं। वहीं छोटी-छोटी नदीयो से रोजाना ट्रेक्टर के माध्यम से दर्जनों ट्रिप रेत का खनन किया जा रहा है और प्रशासन मौन है। जबकि भानुप्रतापपुर में एक मात्र चवेला ही रेत खदान स्वीकृत है तथा मुरुम हेतु कोई खदान ही नहीं है फिर भी यहाँ सड़क बनाने हेतु भारी मात्रा में मुरुम कहाँ से आई यह सोचने वाली बात हैं। वहीं भानुप्रतापपुर से लगे ग्राम सम्बलुपर के गोडरीपारा से रोजाना रेत चोरी हो रही है। इन खनिज माफियाओं द्वारा अपनी ऊंची पहुँच का धौस दिखाते हुए नियम विरुद्ध कार्यों को अंजाम दिया जा रहा है।

भानुप्रतापपुर के आस पास के ग्रामों में लाल ईंट भट्ठे भी बड़ी मात्रा में चल रहे हैं। जिनमें लाखों ईंट बनाकर विक्रय किया जा रहा है, जबकि लाल ईंटो को शासन द्वारा प्रतिबंधित किया गया है। ईंट बनाने के लिए कहीं से भी मिट्टी की खुदाई कर रहे हैं वहीं नदी व तालाबों से निस्तारी के जल का उपयोग ईंट बनने के लिए कर रहे है। ईंटो को पकाने के लिए जंगलों से लड़की लाई जा रही है और हरे भरे वृक्षों को धरासाई किया जा रहा है। इन सब कारणों से पर्यावरण को भारी नुकसान हो रहा है पर खनिज विभाग द्वारा कार्यवाही नहीं होने से खनिज संसाधनों का भारी मात्रा में दोहन हो रहा है और खनिज माफिया के हौसले भी बुलंद हैं।

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