बिना सूचना प्रबंधक ने पंजीयन किया निरस्त, किसान आत्महत्या करने की दी हिदायत

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कृषक को बिना सूचना दिए प्रबंधक ने कर दिए पंजीयन निरस्त कृषक को धान बेचने में हो रही परेशानी, परेशान कृषक ने दी आत्महत्या की चेतावनी।

पत्रकार – उरेन्द्र साहू

कोपरा | फिंगेश्वर धान ख़रीदी केंद्र में बड़ी लापरवाही के चलते एक किसान को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। बता दे कि लापरवाही के कारण किसान इतना परेशान है की वह आत्महत्या करने की बात कह रहा है ।
पूरा माजरा फिंगेश्वर धान खरीदी केंद्र के अंतर्गत आने वाले आश्रित ग्राम सेंदर का हैं । जहा किसान लतेल राम देवांगन ने पिछले साल 85 क्विंटल धान बेंचा था और उसके बाद कुछ दिनों में उसकी आकस्मिक निधन हो गयी । बड़ी बात यह है कि जब किसान लतेल राम देवांगन का निधन हो गया तो विभागी अधिकारी, कर्मचारी को भी अवगत होना चाहिए कि जो किसान का निधन हुआ उनका मृत्यु प्रमाण पत्र प्रस्तुत करवा कर पंजीयन निरस्त कर या पंजीयन को सुधरवा सकें। लेकिन ऐसा कुछ नही किया गया । सीधा अधिकारी,कर्मचारी ने बिना कोई सूचना जानकारी दिए कृषक का पंजीयन निरस्त कर दी। बता दे कि शासकीय कार्यो मे माने तो जब तक कृषक की मृत्यु प्रमाण पत्र प्रस्तुत न हों तब तक कोई कार्यवाही नहीं कर सकते।

पर फिंगेश्वर धान खरीदी केंद्र में पंजीयन सीधा निरस्त कर दिया गया । मृतक लतेल देवांगन के सुपुत्र हरि राम देवांगन ग्राम सेंदर ने बताया कि मुझे किसी भी प्रकार की सूचना , या जानकारी नही दिया गया था और न ही मेरे पिता जी का मृत्यु प्रमाण पत्र लाने की बात कही थी । उसके बावजूद किसी की निजी जानकारी के आधार पर पंजीयन निरस्त कर दिया गया ।
गैर जिम्मेदाराना हरकत से पंजीयन निरस्त कर दिया गया । हरि राम देवांगन ने बताया कि मुझे जानकारी तब हुई जब मेरे ही गांव के और कृषक भाई अपने धान को मंडी ले गये जब कि उस कृषक का भी मेरे ही जैसा हाल था परंतु उनकी धान को खरीद लिया गया और मेरे धान को नही लिया गया । हरि राम ने बताया कि मुझे बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

प्रबंधक फिंगेश्वर धान खरीदी केंद्र मनोज साहू


आप को बता दे कि किसान लतेल देवागन का वर्ष 2019–2020 में ऋण पुस्तिका से 2.60 हे. में लगभग 85 क्विंटल धान विक्रय किया गया था । जब लतेल देवांगन की मौत हुई तो उनके जगह उनके पुत्र हरि राम देवागन 2020-2021 में धान बेचने आये तो संस्था के प्रबन्धक मनोज साहू के द्वारा बताया गया कि मैंने आपके पिता जी का नाम पंजीयन से काट दिया गया है । वही हरि राम धान बेचने के लिए तहसील,अनुविभाग के चक्कर लगा लगा के थक गये है। उसके बाद भी अभी तक किसान का कोई निराकरण नही हो पा रहा है। उक्त किसान के ऊपर तीन परिवार आश्रित है जिसके भरण पोषण करने में बड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है । तथा कर्ज अदा करने में असमर्थ है । वही परेशान किसान ने हिदायत दिया है कि मेरे समस्या, परेशानी का कोई निदान नही हुआ तो मैं आत्महत्या कर लूंगा ।

फिंगेश्वर धान ख़रीदी केंद्र के प्रबंधक से पूछने पर बताया कि कम्प्यूटर ऑपरेटर से डाटा डिलीट हो गया जिसके कारण यह समस्या उतपन्न हो गयी है। पर सवाल ये खड़ा होता है कि किसी कि निजि जानकारी के आधार पर पंजीयन निरस्त कर दिया गया। कोई नियम कायदा कानून हैं कि नही कि किसान को बिना सूचना दिए पंजीयन काट दे कही न कही बड़ी सवाल सामने आ रही है कि ऐसे लापरवाही से आगे इसी तरह के समस्याओं का सामना किसानों को करना पड़ा सकता है ।

जब पूरी जानकारी के लिए तहसीलदार साहब से जानकारी लिया गया तो मिली जानकारी के अनुसार किसान के पास से आवश्यक दस्तावेज मंगाए गए है। जिससे किसान को धान बेचने में कोई परेशानी ना हो।

तहसीलदार साहब ने तो दस्तावेज मंगा दिए पर देखना ये है कि धान खरीदी में कुछ ही दिन बचे है। आखिर अंतिम तिथि तक़ किसान धान बेंच पाते है कि नही।अगर धान न बिके तो किसान कर्ज अदा नही कर पाया तो आत्महत्या की हिदायत भी दी है ।
बता दे कि इस तरह की ये मामले पहली बार नही है ऐसा दर्रीपार किसान के साथ भी हो चुका है ।

अब देखना होगा कि विभागी अधिकारी इस लापरवाही के चलते कहा तक कार्यवाही करते है । और किसान की परेशानी दूर हो पाता है कि नही या ऐसे ही दर दर भटकते रहेगे चप्पल घिसते रहे ,, किसान इस लापरवाही में जितने भी जिम्मेदार अधिकारी, कर्मचारी हो उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही हो।

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