राष्ट्रीय

*हरियाणा में भाजपा की पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनने पर देवभोग भाजपा कार्यकर्ताओं में जश्न, बांटी मिठाइयां*

*हरियाणा में भाजपा की पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनने पर देवभोग भाजपा कार्यकर्ताओं में जश्न, बांटी मिठाइयां*   रिपोर्ट:-...

*नवरात्रि पर आयोजित भागवत कथा को सुनने श्रद्धालुओं का उमड़ा जन सैलाब* 

*नवरात्रि पर आयोजित भागवत कथा को सुनने श्रद्धालुओं का उमड़ा जन सैलाब*       देवभोग_देवभोग दुर्गा पंडाल में कथा...

*बड़ी खबर:- देवभोग के पूर्व बीएमओ डॉ. सुनील रेड्डी हुए सड़क हादसे का शिकार, एन एच 130c कचना धुरवा के पास की घटना*

*बड़ी खबर:- देवभोग के पूर्व बीएमओ डॉ. सुनील रेड्डी हुए सड़क हादसे का शिकार, एन एच 130c कचना धुरवा के...

भारतीय वायुसेना के पास फिलहाल 31 स्क्वाड्रन की है स्ट्रेंथ, 1965 के बाद सबसे कम हुई एयरफोर्स की फाइटर ताकत!

नई दिल्ली  वायुसेना के पास फाइटर प्लेन की ताकत ऐतिहासिक रूप से कम हो गई है। स्थिति यह है कि...

भोपाल में पहले जहां मछलीघर हुआ करता था, अब वहाँ बनेगा बड़ा इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर

भोपाल राजधानी का पहला बड़ा इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर कुशाभाऊ ठाकरे अंतरराष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर के पास मार्च 2026 तक बनकर तैयार...

सीमेंट सेक्टर में बड़ी खरीदारी की तैयारी में हैं गौतम अडानी

नई दिल्ली भारत और एशिया के दूसरे बड़े रईस गौतम अडानी सीमेंट सेक्टर में बड़ी खरीदारी की तैयारी में हैं।...

हरियाणा और JK में आज चुनाव परिणाम का दिन… शुरू हुई मतगणना, आ गया पहला रुझान

नई दिल्ली  विधानसभा के लिए हुए मतदान के बाद जिले की चारों विधानसभाओं में चुनाव लड़ रहे 40 प्रत्याशियों के...

आसमान में चीन ने की गुस्ताखी तो ही होगा काम तमाम, जासूसी पर वार को भारतीय वायुसेना तैयार

नई दिल्ली भारतीय वायुसेना ने चीन के जासूसी गुब्बारों को मार गिराने में महारत हासिल कर ली है। बीते दिनों...

हरियाणा के ‘रण’ में भाजपा-कांग्रेस के भरोसे बंसी-भजन के वारिस, अपने दम पर मैदान में देवी के ‘लाल’

चंडीगढ़ हरियाणा में विधानसभा चुनाव के नतीजे तीन राजनीतिक 'लाल' परिवारों की राजनीतिक दिशा और दशा तय करेंगे। 15वीं विधानसभा...

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” सिनेमा एंड बियांड और नुक्कड़ कैफे द्वारा आयोजित “भारतीय सिनेमा में महिला लेखिकाओं एंव निर्देशकों का योगदान – एम.एल. नत्थानी कवि,लेखक, शिक्षाविद, भारतीय सिनेमा के लगभग 100 साल के इतिहास में महिला लेखिकाओं और निर्देशकों ने अपने कल्पनाशील विचारों एंव आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही यथार्थवादी धरातल पर पुरुष पात्रों के ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” को सिनेमा के सुनहरे पर्दे पर लगभग प्रत्येक दशक में अपनी अंतर्दृष्टि से रेखांकित किया है । अतीत से वर्तमान कालखंड में अनेक महिला फिल्मकारों ने सिनेमाई रुपहले पर्दे पर पुरानी सोच के रुढ़िवादी पुरुष पात्रों को नए परिवेश में आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील, बुद्धिमान होने के साथ ही अनंत गहराईयों को शिद्दत के साथ जिंदगी को जिन्दादिली के साथ जीने के लिए प्रतिबद्ध है । यह सिनेमाई पर्दे पर महिला फिल्मकारों की नई सोच और सृजन के अद्भुत हस्ताक्षर हैं । भारतीय सिनेमा के शुरूआती कालखंड में महिला फिल्मकारों में साहसी एंव प्रतिभावान फातिमा बेगम और देविका रानी उल्लेखनीय नाम हैं । समय के साथ महिला फिल्मकारों की भूमिका का चित्रण भी निरंतर बदलता रहा है । वस्तुतः सिनेमा के माध्यम से समाज में तेजी से बदलते जीवन मूल्यों को ” पुरुष पात्रों ” को महिला फिल्मकारों ने अपने आधुनिक नजरिए एंव पैनी अंतर्दृष्टि से विवधता के नए आयाम स्थापित किए हैं । महिला फिल्मकारों के सृजनशील सशक्त हस्ताक्षर :- ************************ 1 फातिमा बेगम – बुलबुल ए परिसतान 2 देविका रानी – कर्मा 3 नंदिता दास – फिराक 4 दीपा मेहता – फायर 5 अरुणा राजे – रिहाई 6 कल्पना लाजमी – रूदाली 7 अर्पणा सेन – मिस्टर एंड मिसेज अय्यर 8 मीरा नायर – मानसून वेडिंग 9 गुरविंदर चड्डा – बेंड इट लाइक बेकहम 10 अनुशा रिजवी – पीपली लाईव 11 किरण राव – धोबी घाट 12 भावना तलवार – धरम 13 रीमा कागती – तलाश 14 रेवती – मित्र माई फ्रेंड 15 मेघना गुलजार – तलवार, राजी,छपाक 16 गोरी शिंदे – इंग्लिश विंगलिश 17 जोया अख्तर – लक बाय चांस, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा,दिल धड़कने दो 18 फराह खान – ओम शांति ओम, मैं हूं ना 19 कोंकणा सेन शर्मा – अ डेथ इन द गंज 20 लीना यादव – दि एंड निष्कर्ष :- इस तरह से भारतीय सिनेमा का इतिहास महिला फिल्मकारों के सृजनशील और सशक्तिकरण के नित नई सोच और आधुनिक दृष्टिकोंण का बदलता हुआ प्रतिबिंब है । आज महिला फिल्मकारों ने ग्लोबल स्तर पर अच्छे कंटेंट राईटर के कारण सिनेमा और ओटीटी प्लेटफार्म पर भी इस डिजिटल युग में वैश्विक पहचान बनाई है । भारतीय सिनेमा में अब पुरुषों को लेकर नए दृष्टिकोंण और वैश्विक स्तर के कंटेंट राईटर निरंतर सक्रियता के साथ महिला फिल्मकारों ने समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने में आधुनिक तकनीक और विज्ञान के साथ ही नए ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” की सिनेमाई छबि को परिभाषित करने में कामयाब हुए हैं । सादर ।