छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ में इन दिनों हाथियों का उत्पात, खेतों में लगी फसलों को पहुंचाया नुकसान

गरियाबंद/सरगुजा छत्तीसगढ़ में इन दिनों हाथियों के उत्पात की खबरें सामने आ रही हैं. इस बीच गरियाबंद जिले के पांडुका...

*वाह रे बिजली विभाग तेरे भी खेल निराले….. पहले भुगतान के बावजूद ठेकेदार को दिया नोटिस फिर, आप ही के अफसर पल्ला झाड़ते दिखे*

*वाह रे बिजली विभाग तेरे भी खेल निराले..... पहले भुगतान के बावजूद ठेकेदार को दिया नोटिस, फिर आप ही के...

*गरियाबंद विधायक जनक धुव्र और डॉ सत्यजीत साहू ने विश्व शांति यात्रा का समर्थन किया*

*गरियाबंद विधायक जनक धुव्र और डॉ सत्यजीत साहू ने विश्व शांति यात्रा का समर्थन किया*     गरियबंद के गांधी...

*सतनामी समाज के पूज्य गुरु श्री विजय गुरु का जन्मदिन इंडियन काफी हाउस में मनाया गया … क्यो कहा जाता है उन्हें सतनामी समाज का मसीहा…*

*सतनामी समाज के पूज्य गुरु श्री विजय गुरु का जन्मदिन इंडियन काफी हाउस में मनाया गया ... क्यो कहा जाता...

*राजवंत सिंग ग्रेवाल दशमेश सेवा सोसायटी के साथ अपनी सेवाएं देकर हर साल मानते है अपना जन्मदिन*

*राजवंत सिंग ग्रेवाल दशमेश सेवा सोसायटी के साथ अपनी सेवाएं देकर हर साल मानते है अपना जन्मदिन*     इंडियन...

*अमलीडीह के रहवासी चौक पर कबाड़ी और घुमन्तुओं से परेशान लगातार हो रही है शिकायते स्थानीय पार्षद को भी है जानकारी …*

*अमलीडीह के रहवासी चौक पर कबाड़ी और घुमन्तुओं से परेशान लगातार हो रही है शिकायते स्थानीय पार्षद को भी है...

*2 अक्टूबर को राजधानी रायपुर में सभी पत्रकार संगठन एक ही मंच पर एक साथ करेंगे आंदोलन…*

*2 अक्टूबर को राजधानी रायपुर में सभी पत्रकार संगठन एक ही मंच पर एक साथ करेंगे आंदोलन...*     पढ़िए...

*मुख्यमंत्री पब्लिक स्कूल में हिन्दी दिवस पर हुए भाषण, गीत व अनेक कार्यक्रम*

*मुख्यमंत्री पब्लिक स्कूल में हिन्दी दिवस पर हुए भाषण, गीत व अनेक कार्यक्रम*   देवभोग से नागेश्वर मोरे की रिपोर्ट...

टाईगर रिजर्व में ना बाघ है ना बंदर – बाघ के नाम पर 50 करोड़ अन्दर | छत्तीसगढ़ के उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व का है मामला |

रायपुर | छत्तीसगढ़ के उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व कोई भी बाघ नहीं है उसके बाद भी वन विभाग के अधिकारियों...

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*कृषि विभाग के बीज ग्राम योजना अंतर्गत जनप्रतिनिधियों के हाथों बीज पाकर कृषकों के खिले चेहरे* देवभोग:- केंद्र और राज्य सरकार द्वारा संचालित बीज ग्राम योजना अंतर्गत स्थानीय जनप्रतिनिधियों के हाथों बीज पाकर किसानों के चेहरों में मुस्कान देखने को मिला हैं। ज्ञात हो कि देवभोग विकासखंड अंतर्गत के सैकड़ों किसान इन दिनों ग्रीष्म कालीन धान फसल के बदले दलहन,तिलहन एवं मक्का फसल लगाने में ज्यादा रुचि ले रहे हैं। जिसका नजारा देखने को मिला देवभोग कृषि विभाग द्वारा बीज वितरण कार्यक्रम में जहां किसानों ने उन्नत किस्मों के बीज लेकर रबी फसल का कार्य शुरू कर दिया हैं। क्षेत्र के किसानों को 60 हेक्टेयर के लिए बीज प्रदाय किया गया एवं चना 100 किसानों को अब तक वितरण किया जा चुका हैं। इसी कड़ी आज देवभोग कृषि विभाग द्वारा सैकड़ों किसानों को चना,मक्का,गेहूं, मसूर एवं अन्य बीज जिला पंचायत सभापति श्रीमती धनमति यादव, जनपद पंचायत अध्यक्ष नेहा सिंघल,कृषि स्थाई समिति सभापति असलम मेमन द्वारा कृषकों को बीज वितरण किया गया। इस अवसर पर वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी जे.एन.नाग,ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी बसंत कश्यप,संतोष नेताम,ईश्वर दिवान,एवं कृषक लूदर मांझी,शत्रुघन मांझी,उग्रसेन यदु,गिरीश नागेश,हेमसिंह मरकाम,त्रिनाथ मांझी समेत सैकड़ों किसान मौजूद रहे। *क्या है बीज ग्राम योजना*:-बीज ग्राम योजना के तहत 2 से 3 तीन गांव समूहों को मिलाकर एक किसान समूह तैयार किया जाता है। यह किसान समूह 50 से 100 किसानों का होता है तथा इसके पास 0.1 हेक्टेयर भूमि में अलग-अलग फसलों के उन्नत किस्म के बीज तैयार किए जाते हैं। इस योजना के तहत किसानों को बीज बुवाई से कटाई तक आरएसएससी द्वारा प्रशिक्षण दिया जाता है। इससे किसानों के द्वारा बीज उत्पादन करके आय को बढ़ाने में मदद मिलती है। बता दें कि इस योजना का क्रियान्वयन देश भर में 2014-15 से किया जा रहा है। योजना के तहत ग्राम पंचायत स्तर पर बीज प्रसंस्करण सह बीज भंडार गोदामों की स्थापना,राष्ट्रीय बीज रिजर्व,निजी क्षेत्र में बीज उत्पादन को प्रोत्साहन और गुणवत्ता नियंत्रण अवसंरचना सुविधाओं के सुदृढ़ीकरण के माध्यम से देश में उत्पादन और उत्पादकता बढ़ाने को किसानों के लिए गुणवत्ता पूर्ण बीजों के उत्पादन व आपूर्ति के उद्देश्य की पूर्ति करना है। *वहीं वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी जे. एन. नाग ने कहा शासन द्वारा विभागीय संचालित योजनाओं का कृषि विभाग द्वारा कृषकों को नियमानुसार जनप्रतिनिधियों के उपस्थिति में बीज वितरण किया जा रहा हैं,आगामी रबी एवं ग्रीष्म कालीन धान फसल के बदले दलहन, तिलहन एवं मक्का फसल बोने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा हैं।*