छत्तीसगढ़

लोक आस्था सेवा संस्थान द्वारा ,चाइल्ड लाइन से दोस्ती अभियान चलाया गया

उरेन्द्र साहू जिला संवाददाता : - गरियाबंद | परियोजना भारत सरकार महिला एवं बाल विकास मंत्रालय एवं चाइल्डलाइन इंडिया फाउंडेशन...

धान खपाने गरियाबंद लाया , प्रशासन को रोकने में बड़ी मुश्किलो का करना पड़ रहा सामना

उरेन्द्र साहू जिला संवाददाता :- गरियाबंद/ गरियाबंद । जिले में ओडिसा का धान खपाने से रोकना जिला प्रशासन के लिए...

भुपेश सरकार के नेतृत्व में विकास सीढ़ी चढ़ रहा छत्तीसगढ़ – शिला ठाकुर

समाचार एव विज्ञान के लिए सम्पर्क करें । उरेन्द्र साहू जिला संवाददाता : – गरियाबंद / मैनपुर | मैनपुर विकासखण्ड...

कमीशन का चल रहा है खेल , निर्माण कार्यो में लापरवाही बर्दाश्त नही – साहू

उरेन्द्र साहू जिला संवाददाता गरियाबंद / कोपरा | फिंगेश्वर ब्लॉक क्षेत्र के अंतर्गत विभिन्न शासकीय विभागों का हो रहा निर्माण...

देवउठनी के शुभ अवसर पर बॉलीबॉल मैच का किया आयोजन – लोहरसी

उरेन्द्र सेहु जिला संवाददाता गरियाबंद देवउठनी के शुभ अवसर पर ग्राम लोहरसी में बॉलीबॉल मैच का आयोजन किया गया कोपरा...

सुरेखा नागेश व शिला ठाकुर ने मुख्यमंत्री से की मुलाकात , बताई समस्या

उरेन्द्र साहू जिला संवाददाता : - गरियाबंद | ग्राम पंचायत सड़क परसूली के सरपंच व गरियाबंद उप जेल के सदस्य...

सरनाबहाल में धान ख़रीदी केन्द्र नही खुलने से किसान नराज

उरेन्द्र साहू जिला संवाददाता गरियाबंद | एक तरफ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कह रहे हैं कि समर्थन मूल्य में की जा...

विधायक एवं विभिन्न जनप्रतिनिधि के द्वारा ग्राम मुड़पार में किया गया रंगमंच कार्य का भूमिपूजन…

धमतरी- ग्राम पंचायत मुड़पार में विधायक की अनुशंसा से स्वीकृत लोक रंगमंच निर्माण कार्य का भूमि पूजन विधायक रंजना डिपेंद्र...

मादा भालू ने नन्हे भालू को दिया जन्म , ग्रामीणों की लगी भीड़

उरेन्द्र साहू जिला संवाददाता : - गरियाबंद मैनपुर | गांव के भीतर जंगली मादा भालू ने बच्चें को दिया जन्म,...

गुरूर क्षेत्र में पहुंचा हाथियों का दल. ग्राम गोटाटोला के ग्रामीण रात भर रहे दहशत में…

बालोद. जिले अंतिम शोर से वापस कांकेर जिले कि सीमा क्षेत्र से होते हुए वापस बालोद जिले कि गुरूर क्षेत्र...

You may have missed

” सिनेमा एंड बियांड और नुक्कड़ कैफे द्वारा आयोजित “भारतीय सिनेमा में महिला लेखिकाओं एंव निर्देशकों का योगदान – एम.एल. नत्थानी कवि,लेखक, शिक्षाविद, भारतीय सिनेमा के लगभग 100 साल के इतिहास में महिला लेखिकाओं और निर्देशकों ने अपने कल्पनाशील विचारों एंव आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही यथार्थवादी धरातल पर पुरुष पात्रों के ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” को सिनेमा के सुनहरे पर्दे पर लगभग प्रत्येक दशक में अपनी अंतर्दृष्टि से रेखांकित किया है । अतीत से वर्तमान कालखंड में अनेक महिला फिल्मकारों ने सिनेमाई रुपहले पर्दे पर पुरानी सोच के रुढ़िवादी पुरुष पात्रों को नए परिवेश में आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील, बुद्धिमान होने के साथ ही अनंत गहराईयों को शिद्दत के साथ जिंदगी को जिन्दादिली के साथ जीने के लिए प्रतिबद्ध है । यह सिनेमाई पर्दे पर महिला फिल्मकारों की नई सोच और सृजन के अद्भुत हस्ताक्षर हैं । भारतीय सिनेमा के शुरूआती कालखंड में महिला फिल्मकारों में साहसी एंव प्रतिभावान फातिमा बेगम और देविका रानी उल्लेखनीय नाम हैं । समय के साथ महिला फिल्मकारों की भूमिका का चित्रण भी निरंतर बदलता रहा है । वस्तुतः सिनेमा के माध्यम से समाज में तेजी से बदलते जीवन मूल्यों को ” पुरुष पात्रों ” को महिला फिल्मकारों ने अपने आधुनिक नजरिए एंव पैनी अंतर्दृष्टि से विवधता के नए आयाम स्थापित किए हैं । महिला फिल्मकारों के सृजनशील सशक्त हस्ताक्षर :- ************************ 1 फातिमा बेगम – बुलबुल ए परिसतान 2 देविका रानी – कर्मा 3 नंदिता दास – फिराक 4 दीपा मेहता – फायर 5 अरुणा राजे – रिहाई 6 कल्पना लाजमी – रूदाली 7 अर्पणा सेन – मिस्टर एंड मिसेज अय्यर 8 मीरा नायर – मानसून वेडिंग 9 गुरविंदर चड्डा – बेंड इट लाइक बेकहम 10 अनुशा रिजवी – पीपली लाईव 11 किरण राव – धोबी घाट 12 भावना तलवार – धरम 13 रीमा कागती – तलाश 14 रेवती – मित्र माई फ्रेंड 15 मेघना गुलजार – तलवार, राजी,छपाक 16 गोरी शिंदे – इंग्लिश विंगलिश 17 जोया अख्तर – लक बाय चांस, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा,दिल धड़कने दो 18 फराह खान – ओम शांति ओम, मैं हूं ना 19 कोंकणा सेन शर्मा – अ डेथ इन द गंज 20 लीना यादव – दि एंड निष्कर्ष :- इस तरह से भारतीय सिनेमा का इतिहास महिला फिल्मकारों के सृजनशील और सशक्तिकरण के नित नई सोच और आधुनिक दृष्टिकोंण का बदलता हुआ प्रतिबिंब है । आज महिला फिल्मकारों ने ग्लोबल स्तर पर अच्छे कंटेंट राईटर के कारण सिनेमा और ओटीटी प्लेटफार्म पर भी इस डिजिटल युग में वैश्विक पहचान बनाई है । भारतीय सिनेमा में अब पुरुषों को लेकर नए दृष्टिकोंण और वैश्विक स्तर के कंटेंट राईटर निरंतर सक्रियता के साथ महिला फिल्मकारों ने समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने में आधुनिक तकनीक और विज्ञान के साथ ही नए ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” की सिनेमाई छबि को परिभाषित करने में कामयाब हुए हैं । सादर ।