छत्तीसगढ़

किसानों को राहत का दावा: छत्तीसगढ़ में रबी फसल सिंचाई के लिए नहीं होगी पानी की परेशानी

रायपुर. छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) की भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) सरकार ने दावा किया है कि सत्र 2019-20 में रबी फसल (Rabi...

क्रिकेट खिलाड़ियों से लूटपाट के 6 आरोपी गिरफ्तार, ट्रेन में चाकू की नोंक पर की थी वारदात

रायपुर. छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) की राजधानी रायपुर (Raipur) में सोमवार रात विशाखापट्नम (Visakhapatnam) पैसेंजर ट्रेन (Passenger Train) में क्रिकेट खिलाड़ियों (Cricket...

आस्था विद्या मंदिर में स्वास्थ्य शिविर आयोजित हुआ।

दंतेवाड़ा/गीदम:- बदलती रही मौसम को ध्यान में रखते हुए दंतेवाड़ा जिले के एजुकेशन सिटी जावंगा में स्तिथ आस्था विद्या मंदिर...

प्रदेश के सैकड़ों किसान- आदिवासियों ने दिल्ली कूच किया : बेदखली के आदेश के खिलाफ 21 को संसद पर करेंगे प्रदर्शन

कल वन स्वराज आंदोलन द्वारा आयोजित प्रदेश स्तरीय आदिवासी हुंकार रैली के बाद आज पूरे प्रदेश से सैकड़ों आदिवासियों और...

खारून नदी में मिली युवक की लाश की हुई पहचान, दोस्तों से पूछताछ करेगी पुलिस

रायपुर. छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) की राजधानी रायपुर (Raipur) की सीमा से लगी खारून नदी (Kharun River) से तकरीबन 4 दिन पहले मिले एक...

वेलकम डिस्टलरी की देसी शराब से भरे ट्रक को लूटने वाले 4 आरोपी गिरफ्तार, 5 अन्य की तलाश जारी

बिलासपुर. छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के बिलासपुर (Bilaspur) जिले में वेलकम डिस्टलरी की देसी शराब (Country liquor) से भरे एक ट्रक (Truck)...

आस्था व सक्षम के विद्यार्थियों को राष्ट्रीय स्तर पर मिला एक्सीलेंस अवार्ड

दंतेवाड़ा/गीदम:- भारत सरकार के विज्ञान व प्रौद्योगिकी मंत्रालय, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय और स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्रालय के द्वारा विज्ञान...

आदिवासियों और वनाधिकारों के मुद्दों पर आंदोलन जारी रहेगा — किसान सभा

छत्तीसगढ़ किसान सभा (सीजीकेएस) ने केंद्र सरकार द्वारा वन कानून में प्रस्तावित संशोधनों को वापस लिए जाने की घोषणा का...

बिश्वनाथ ने आईआईएसएफ 2019 कोलकाता में विदेशी और भारतीय मंत्रियों, अधिकारियों से मुलाकात की।

दंतेवाड़ा: - भारत सरकार के तीन मंत्रालय, विज्ञान व प्रौद्योगिकी मंत्रालय, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय और स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्रालय...

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” सिनेमा एंड बियांड और नुक्कड़ कैफे द्वारा आयोजित “भारतीय सिनेमा में महिला लेखिकाओं एंव निर्देशकों का योगदान – एम.एल. नत्थानी कवि,लेखक, शिक्षाविद, भारतीय सिनेमा के लगभग 100 साल के इतिहास में महिला लेखिकाओं और निर्देशकों ने अपने कल्पनाशील विचारों एंव आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही यथार्थवादी धरातल पर पुरुष पात्रों के ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” को सिनेमा के सुनहरे पर्दे पर लगभग प्रत्येक दशक में अपनी अंतर्दृष्टि से रेखांकित किया है । अतीत से वर्तमान कालखंड में अनेक महिला फिल्मकारों ने सिनेमाई रुपहले पर्दे पर पुरानी सोच के रुढ़िवादी पुरुष पात्रों को नए परिवेश में आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील, बुद्धिमान होने के साथ ही अनंत गहराईयों को शिद्दत के साथ जिंदगी को जिन्दादिली के साथ जीने के लिए प्रतिबद्ध है । यह सिनेमाई पर्दे पर महिला फिल्मकारों की नई सोच और सृजन के अद्भुत हस्ताक्षर हैं । भारतीय सिनेमा के शुरूआती कालखंड में महिला फिल्मकारों में साहसी एंव प्रतिभावान फातिमा बेगम और देविका रानी उल्लेखनीय नाम हैं । समय के साथ महिला फिल्मकारों की भूमिका का चित्रण भी निरंतर बदलता रहा है । वस्तुतः सिनेमा के माध्यम से समाज में तेजी से बदलते जीवन मूल्यों को ” पुरुष पात्रों ” को महिला फिल्मकारों ने अपने आधुनिक नजरिए एंव पैनी अंतर्दृष्टि से विवधता के नए आयाम स्थापित किए हैं । महिला फिल्मकारों के सृजनशील सशक्त हस्ताक्षर :- ************************ 1 फातिमा बेगम – बुलबुल ए परिसतान 2 देविका रानी – कर्मा 3 नंदिता दास – फिराक 4 दीपा मेहता – फायर 5 अरुणा राजे – रिहाई 6 कल्पना लाजमी – रूदाली 7 अर्पणा सेन – मिस्टर एंड मिसेज अय्यर 8 मीरा नायर – मानसून वेडिंग 9 गुरविंदर चड्डा – बेंड इट लाइक बेकहम 10 अनुशा रिजवी – पीपली लाईव 11 किरण राव – धोबी घाट 12 भावना तलवार – धरम 13 रीमा कागती – तलाश 14 रेवती – मित्र माई फ्रेंड 15 मेघना गुलजार – तलवार, राजी,छपाक 16 गोरी शिंदे – इंग्लिश विंगलिश 17 जोया अख्तर – लक बाय चांस, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा,दिल धड़कने दो 18 फराह खान – ओम शांति ओम, मैं हूं ना 19 कोंकणा सेन शर्मा – अ डेथ इन द गंज 20 लीना यादव – दि एंड निष्कर्ष :- इस तरह से भारतीय सिनेमा का इतिहास महिला फिल्मकारों के सृजनशील और सशक्तिकरण के नित नई सोच और आधुनिक दृष्टिकोंण का बदलता हुआ प्रतिबिंब है । आज महिला फिल्मकारों ने ग्लोबल स्तर पर अच्छे कंटेंट राईटर के कारण सिनेमा और ओटीटी प्लेटफार्म पर भी इस डिजिटल युग में वैश्विक पहचान बनाई है । भारतीय सिनेमा में अब पुरुषों को लेकर नए दृष्टिकोंण और वैश्विक स्तर के कंटेंट राईटर निरंतर सक्रियता के साथ महिला फिल्मकारों ने समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने में आधुनिक तकनीक और विज्ञान के साथ ही नए ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” की सिनेमाई छबि को परिभाषित करने में कामयाब हुए हैं । सादर ।