छत्तीसगढ़

हर मोर्चे पर भूपेश सरकार फेल, हार के डर से कांग्रेस बैलेट पेपर से चुनाव कर रही है : अमर अग्रवाल

हर मोर्चे पर भूपेश सरकार फेल, हर के डर से कांग्रेस बैलेट पेपर से चुनाव कर रही है : अमर...

छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ पत्रकार अनिल द्विवेदी को भारत सरकार के विज्ञापन एवं दृश्य प्रचार निदेशालय एवं लोक संपर्क एवं संचार ब्यूरो (DAVP) में सदस्य नियुक्त किया गया हैं. यह विभाग केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के अंतर्गत कार्य करता है.

समिति में देशभर से तीन लोगों को सदस्य नियुक्त किया गया है. समिति केन्द्र सरकार के विज्ञापनों और समाचार—पत्रों के...

मैनपुर में पुलिस सखी कार्यक्रम में पहुचे पुलिस अधिक्षक ने महिलाओ का सम्मान किया- इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद एवं जीवन सोनी

इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद एवं जीवन सोनी सर्वोच्च छत्तीसगढ़ गरियाबंद। मैनपुर:- तहसील मुख्यालय मैनपुर थाना परिसर में आज शुक्रवार...

यादव समाज सम्मेलन में शामिल होने कांकेर विधायक मैनपुर पहुंचे- इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद एवं जीवन सोनी

इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद एवं जीवन सोनी सर्वोच्च छत्तीसगढ़ गरियाबंद। सर्व यादव समाज मैनपुर क्षेत्र के द्वारा आज गुरूवार...

मानव जीवन का अभिन्न अंग है जो हम सब के जीवन को शारिरिक और मानसिक रूप से सशक्त और समृद्ध बनाता है- संजय नेताम – इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद

इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद एवं जीवन सोनी सर्वोच्च छत्तीसगढ़ गरियाबंद। "खेल मानव जीवन का अभिन्न अंग है जो हम...

धान खरीदी केन्द्रों में व्यवस्था की जिम्मेदारी नोडल अधिकारियों को- इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद एवं जीवन सोनी

इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद एवं जीवन सोनी सर्वोच्च छत्तीसगढ़ गरियाबंद। कलेक्टर श्री श्याम धावड़े ने जिले के सभी धान...

काली माता वार्ड 11 के अंतर्गत शक्तिनगर में भाजपा पार्षद प्रत्याशी संजय श्रीवास्तव के चुनावी कार्यालय का शुभारंभ

रायपुर - काली माता वार्ड 11 के अंतर्गत शक्तिनगर में भाजपा पार्षद प्रत्याशी संजय श्रीवास्तव के चुनावी कार्यालय का शुभारंभ...

वन विभाग का आरोप – उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व में सी.आर.पी.एफ. करता है अवैध शिकार और अवैध लकड़ी कटाई – तीव कुमार सोनी एवं ईतेश सोनी

वन विभाग का आरोप – उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व में सी.आर.पी.एफ. करता है अवैध शिकार और अवैध लकड़ी कटाई –...

जब चीफ सेक्रेटरी आर पी मंडल जमकर भड़के, धान खरीदी केंद्र में लापरवाही पर जताई नाराजगी, कलेक्टर समेत अधिकारियों को लगाई फटकार- इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद एवं जीवन सोनी

इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद एवं जीवन सोनी सर्वोच्च छत्तीसगढ़ गरियाबंद। धान खरीदी केंद्रों का औचक निरीक्षण करने गरियाबंद जिले...

You may have missed

” सिनेमा एंड बियांड और नुक्कड़ कैफे द्वारा आयोजित “भारतीय सिनेमा में महिला लेखिकाओं एंव निर्देशकों का योगदान – एम.एल. नत्थानी कवि,लेखक, शिक्षाविद, भारतीय सिनेमा के लगभग 100 साल के इतिहास में महिला लेखिकाओं और निर्देशकों ने अपने कल्पनाशील विचारों एंव आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही यथार्थवादी धरातल पर पुरुष पात्रों के ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” को सिनेमा के सुनहरे पर्दे पर लगभग प्रत्येक दशक में अपनी अंतर्दृष्टि से रेखांकित किया है । अतीत से वर्तमान कालखंड में अनेक महिला फिल्मकारों ने सिनेमाई रुपहले पर्दे पर पुरानी सोच के रुढ़िवादी पुरुष पात्रों को नए परिवेश में आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील, बुद्धिमान होने के साथ ही अनंत गहराईयों को शिद्दत के साथ जिंदगी को जिन्दादिली के साथ जीने के लिए प्रतिबद्ध है । यह सिनेमाई पर्दे पर महिला फिल्मकारों की नई सोच और सृजन के अद्भुत हस्ताक्षर हैं । भारतीय सिनेमा के शुरूआती कालखंड में महिला फिल्मकारों में साहसी एंव प्रतिभावान फातिमा बेगम और देविका रानी उल्लेखनीय नाम हैं । समय के साथ महिला फिल्मकारों की भूमिका का चित्रण भी निरंतर बदलता रहा है । वस्तुतः सिनेमा के माध्यम से समाज में तेजी से बदलते जीवन मूल्यों को ” पुरुष पात्रों ” को महिला फिल्मकारों ने अपने आधुनिक नजरिए एंव पैनी अंतर्दृष्टि से विवधता के नए आयाम स्थापित किए हैं । महिला फिल्मकारों के सृजनशील सशक्त हस्ताक्षर :- ************************ 1 फातिमा बेगम – बुलबुल ए परिसतान 2 देविका रानी – कर्मा 3 नंदिता दास – फिराक 4 दीपा मेहता – फायर 5 अरुणा राजे – रिहाई 6 कल्पना लाजमी – रूदाली 7 अर्पणा सेन – मिस्टर एंड मिसेज अय्यर 8 मीरा नायर – मानसून वेडिंग 9 गुरविंदर चड्डा – बेंड इट लाइक बेकहम 10 अनुशा रिजवी – पीपली लाईव 11 किरण राव – धोबी घाट 12 भावना तलवार – धरम 13 रीमा कागती – तलाश 14 रेवती – मित्र माई फ्रेंड 15 मेघना गुलजार – तलवार, राजी,छपाक 16 गोरी शिंदे – इंग्लिश विंगलिश 17 जोया अख्तर – लक बाय चांस, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा,दिल धड़कने दो 18 फराह खान – ओम शांति ओम, मैं हूं ना 19 कोंकणा सेन शर्मा – अ डेथ इन द गंज 20 लीना यादव – दि एंड निष्कर्ष :- इस तरह से भारतीय सिनेमा का इतिहास महिला फिल्मकारों के सृजनशील और सशक्तिकरण के नित नई सोच और आधुनिक दृष्टिकोंण का बदलता हुआ प्रतिबिंब है । आज महिला फिल्मकारों ने ग्लोबल स्तर पर अच्छे कंटेंट राईटर के कारण सिनेमा और ओटीटी प्लेटफार्म पर भी इस डिजिटल युग में वैश्विक पहचान बनाई है । भारतीय सिनेमा में अब पुरुषों को लेकर नए दृष्टिकोंण और वैश्विक स्तर के कंटेंट राईटर निरंतर सक्रियता के साथ महिला फिल्मकारों ने समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने में आधुनिक तकनीक और विज्ञान के साथ ही नए ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” की सिनेमाई छबि को परिभाषित करने में कामयाब हुए हैं । सादर ।