छत्तीसगढ़

शर्मसार: पूरा गांव देखता रहा, नहीं मिला शव वाहन, तो बाइक पर दादा की डेडबॉडी लेकर निकला पोता

शहडोल मध्य प्रदेश के शहडोल के जिला अस्पताल से मोटरसाइकिल से शव को लेकर जाने का वीडियो आज सोशल मीडिया...

विश्व कप के दौरान बाहर बैठना बुरा लगा : ईशान

तिरुवनंतपुरम. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ लगातार अर्धशतक बनाने के बाद विकेटकीपर-बल्लेबाज ईशान किशन वर्ल्ड कप 2023 के दौरान प्लेइंग-11 से बाहर...

अदिति ने स्पेन में सत्र का अपना दूसरा एलईटी खिताब जीता

मारबेला (स्पेन). भारत की स्टार गोल्फर अदिति अशोक ने अंतिम दौर में बोगी रहित प्रदर्शन करते हुए एंडालूसिया कोस्टा डेल...

‘अभी भी बहुत सारे नफरत भरे ई-मेल मिलते हैं’, धोनी के 2019 विश्व कप वाले रन आउट पर बोले गुप्टिल

नई दिल्ली. मार्टिन गुप्टिल न्यूजीलैंड में सफेद गेंद वाले क्रिकेट में बल्लेबाजी के प्रतीक हैं, लेकिन उन्हें लंबे समय तक...

मुसलमान को डॉक्टर, इंजीनियर नहीं देख पाती, आरक्षण हटाने के वादे से ओवैसी बेचैन

नई दिल्ली AIMIM के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने मुसलमानों के आरक्षण के मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी को घेरा है।...

यशस्वी जायसवाल हैं वीरेंद्र सहवाग और सौरव गांगुली के मिक्सचर, बचपन के कोच ने कही बड़ी बात

नई दिल्ली भारतीय सलामी बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल पिछले कुछ समय से अपनी तूफानी बल्लेबाजी के दम पर हर किसी का...

बेखौफ होकर अपने सभी शॉट खेलने का प्रयास कर रहा था : जायसवाल

तिरुवनंतपुरम. भारत के प्रतिभाशाली सलामी बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल तेजी से सीख रहे हैं और बेखौफ होकर खेलने की कोशिश कर...

BJP का बड़ा दावा- दिल्ली जल बोर्ड में अरविंद केजरीवाल ने किया 500 करोड़ का घोटाला

नई दिल्ली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार पर जल बोर्ड में घोटाले का आरोप लगा...

बीजापुर : मछली पकड़ने गये छात्र की तालाब में डूबने से मौत, पिता ने जताई हत्या की आशंका

बीजापुर. बीजापुर में रविवार को मछली पकड़ने गए 19 वर्षीय छात्र की तालाब में डूबने से मौत हो गई है।...

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” सिनेमा एंड बियांड और नुक्कड़ कैफे द्वारा आयोजित “भारतीय सिनेमा में महिला लेखिकाओं एंव निर्देशकों का योगदान – एम.एल. नत्थानी कवि,लेखक, शिक्षाविद, भारतीय सिनेमा के लगभग 100 साल के इतिहास में महिला लेखिकाओं और निर्देशकों ने अपने कल्पनाशील विचारों एंव आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही यथार्थवादी धरातल पर पुरुष पात्रों के ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” को सिनेमा के सुनहरे पर्दे पर लगभग प्रत्येक दशक में अपनी अंतर्दृष्टि से रेखांकित किया है । अतीत से वर्तमान कालखंड में अनेक महिला फिल्मकारों ने सिनेमाई रुपहले पर्दे पर पुरानी सोच के रुढ़िवादी पुरुष पात्रों को नए परिवेश में आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील, बुद्धिमान होने के साथ ही अनंत गहराईयों को शिद्दत के साथ जिंदगी को जिन्दादिली के साथ जीने के लिए प्रतिबद्ध है । यह सिनेमाई पर्दे पर महिला फिल्मकारों की नई सोच और सृजन के अद्भुत हस्ताक्षर हैं । भारतीय सिनेमा के शुरूआती कालखंड में महिला फिल्मकारों में साहसी एंव प्रतिभावान फातिमा बेगम और देविका रानी उल्लेखनीय नाम हैं । समय के साथ महिला फिल्मकारों की भूमिका का चित्रण भी निरंतर बदलता रहा है । वस्तुतः सिनेमा के माध्यम से समाज में तेजी से बदलते जीवन मूल्यों को ” पुरुष पात्रों ” को महिला फिल्मकारों ने अपने आधुनिक नजरिए एंव पैनी अंतर्दृष्टि से विवधता के नए आयाम स्थापित किए हैं । महिला फिल्मकारों के सृजनशील सशक्त हस्ताक्षर :- ************************ 1 फातिमा बेगम – बुलबुल ए परिसतान 2 देविका रानी – कर्मा 3 नंदिता दास – फिराक 4 दीपा मेहता – फायर 5 अरुणा राजे – रिहाई 6 कल्पना लाजमी – रूदाली 7 अर्पणा सेन – मिस्टर एंड मिसेज अय्यर 8 मीरा नायर – मानसून वेडिंग 9 गुरविंदर चड्डा – बेंड इट लाइक बेकहम 10 अनुशा रिजवी – पीपली लाईव 11 किरण राव – धोबी घाट 12 भावना तलवार – धरम 13 रीमा कागती – तलाश 14 रेवती – मित्र माई फ्रेंड 15 मेघना गुलजार – तलवार, राजी,छपाक 16 गोरी शिंदे – इंग्लिश विंगलिश 17 जोया अख्तर – लक बाय चांस, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा,दिल धड़कने दो 18 फराह खान – ओम शांति ओम, मैं हूं ना 19 कोंकणा सेन शर्मा – अ डेथ इन द गंज 20 लीना यादव – दि एंड निष्कर्ष :- इस तरह से भारतीय सिनेमा का इतिहास महिला फिल्मकारों के सृजनशील और सशक्तिकरण के नित नई सोच और आधुनिक दृष्टिकोंण का बदलता हुआ प्रतिबिंब है । आज महिला फिल्मकारों ने ग्लोबल स्तर पर अच्छे कंटेंट राईटर के कारण सिनेमा और ओटीटी प्लेटफार्म पर भी इस डिजिटल युग में वैश्विक पहचान बनाई है । भारतीय सिनेमा में अब पुरुषों को लेकर नए दृष्टिकोंण और वैश्विक स्तर के कंटेंट राईटर निरंतर सक्रियता के साथ महिला फिल्मकारों ने समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने में आधुनिक तकनीक और विज्ञान के साथ ही नए ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” की सिनेमाई छबि को परिभाषित करने में कामयाब हुए हैं । सादर ।