छत्तीसगढ़

CRPF कैंप के पास सुरक्षा बल के जवान और नक्सलियों के बीच मुठभेड़

दंतेवाड़ा. छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के दंतेवाड़ा (Dantewada) जिले में सुरक्षा बल के जवान और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई है. कोंडासांवली इलाके...

आधी रात होटल में पुलिस की दबिश, संदिग्ध हालत में मिले 6 युवक-युवती

रायपुर. छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) की राजधानी रायपुर (Raipur) में एक बार फिर संदिग्ध हालत में युवक-युवतियों को हिरासत में लिया गया...

अंतर्जातीय विवाह प्रोत्साहन योजना अंतर्गत 15 दम्पत्तियों को 37.50 लाख रूपये प्रोत्साहन राशि प्रदान रिपोर्टर- इतेश सोनी

इतेश सोनी - गरियाबंद 15 अक्टूबर 2019/छत्तीसगढ़ शासन द्वारा अंतर्जातीय विवाह प्रोत्साहन योजना अंतर्गत जिले के 15 दम्पत्तियों को 2...

छत्तीसगढ़ी लोक कला मंच “स्वर शृंगार “की शानदार प्रस्तुति चौरसिया कॉलोनी में सम्पन्न हुआ …

छत्तीसगढ़ी लोक कला मंच के संचालक मनोज कुमार साहू व ममता शिंदे द्वारा चौरसिया कॉलोनी में शानदार प्रस्तुति दी गई...

गांधी विचार पदयात्रा में शामिल होने जिला कॉंग्रेस अध्यक्ष बैसाखूराम साहू पहुचें – रिपोर्टर इतेश सोनी

ब्लाॅक कांगे्रस कमेटी मैनपुर द्वारा गांव गांव निकाली जा रही गांधी विचार पदयात्रा आज विकासखण्ड के ओडिसा सीमा से लगे...

विवाहित पुरुष से शादी की जिद कर रही थी युवती, रास्ते से हटाने कर दिया कत्ल

गरियाबंद. छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के गरियाबंद (Gariaband) जिले के जंगल में हुए अंधे कत्ल (Murder) की गुत्थी सुलझाने का दावा पुलिस...

केन्द्र सरकार के खिलाफ हल्ला बोलेंगे छत्तीसगढ़ के किसान, राज्य सरकार को भी बनाएंगे निशाना

रायपुर. छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के किसान (Farmer) केन्द्र सरकार के खिलाफ राष्ट्रीय स्तर के आंदोलन ‘किसान हल्ला बोल’ में शामिल होंगे....

अब शराबियों का डेटाबेस तैयार करेगी सरकार, इस वजह से तैयार होगी ये खास रिपोर्ट

रायपुर. छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में अब शराबबंदी छोड़ (Liquor Ban) सरकार शराबियों की गिनती कराने जा रही है. बता दें कि शराबबंदी...

टाईगर रिजर्व क्षेत्र में वन विभाग ने किया 16 लोगो को गिरफ्तार जंगल के भीतर अवैध रूप से झोपडिया बनाकर अवैध कब्जा रिपोर्टर- इतेश सोनी

उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व क्षेत्र में जंगलो कें भीतर कीमती हरे भरे वृक्षो की अवैध कटाई एंव जंगल के भीतर...

पदयात्रा भाठीगढ से प्रारंभ हुई मैनपुर में विशाल जनसभा का आयोजन – रिपोर्टर इतेश सोनी

गांव ,गरीब,मजदूर,किसानो के उत्थान के लिए कार्य कर रही है भुपेश सरकार- बाबूलाल साहू - नी ब्लाॅक कांगे्रस द्वारा गावं...

You may have missed

” सिनेमा एंड बियांड और नुक्कड़ कैफे द्वारा आयोजित “भारतीय सिनेमा में महिला लेखिकाओं एंव निर्देशकों का योगदान – एम.एल. नत्थानी कवि,लेखक, शिक्षाविद, भारतीय सिनेमा के लगभग 100 साल के इतिहास में महिला लेखिकाओं और निर्देशकों ने अपने कल्पनाशील विचारों एंव आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही यथार्थवादी धरातल पर पुरुष पात्रों के ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” को सिनेमा के सुनहरे पर्दे पर लगभग प्रत्येक दशक में अपनी अंतर्दृष्टि से रेखांकित किया है । अतीत से वर्तमान कालखंड में अनेक महिला फिल्मकारों ने सिनेमाई रुपहले पर्दे पर पुरानी सोच के रुढ़िवादी पुरुष पात्रों को नए परिवेश में आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील, बुद्धिमान होने के साथ ही अनंत गहराईयों को शिद्दत के साथ जिंदगी को जिन्दादिली के साथ जीने के लिए प्रतिबद्ध है । यह सिनेमाई पर्दे पर महिला फिल्मकारों की नई सोच और सृजन के अद्भुत हस्ताक्षर हैं । भारतीय सिनेमा के शुरूआती कालखंड में महिला फिल्मकारों में साहसी एंव प्रतिभावान फातिमा बेगम और देविका रानी उल्लेखनीय नाम हैं । समय के साथ महिला फिल्मकारों की भूमिका का चित्रण भी निरंतर बदलता रहा है । वस्तुतः सिनेमा के माध्यम से समाज में तेजी से बदलते जीवन मूल्यों को ” पुरुष पात्रों ” को महिला फिल्मकारों ने अपने आधुनिक नजरिए एंव पैनी अंतर्दृष्टि से विवधता के नए आयाम स्थापित किए हैं । महिला फिल्मकारों के सृजनशील सशक्त हस्ताक्षर :- ************************ 1 फातिमा बेगम – बुलबुल ए परिसतान 2 देविका रानी – कर्मा 3 नंदिता दास – फिराक 4 दीपा मेहता – फायर 5 अरुणा राजे – रिहाई 6 कल्पना लाजमी – रूदाली 7 अर्पणा सेन – मिस्टर एंड मिसेज अय्यर 8 मीरा नायर – मानसून वेडिंग 9 गुरविंदर चड्डा – बेंड इट लाइक बेकहम 10 अनुशा रिजवी – पीपली लाईव 11 किरण राव – धोबी घाट 12 भावना तलवार – धरम 13 रीमा कागती – तलाश 14 रेवती – मित्र माई फ्रेंड 15 मेघना गुलजार – तलवार, राजी,छपाक 16 गोरी शिंदे – इंग्लिश विंगलिश 17 जोया अख्तर – लक बाय चांस, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा,दिल धड़कने दो 18 फराह खान – ओम शांति ओम, मैं हूं ना 19 कोंकणा सेन शर्मा – अ डेथ इन द गंज 20 लीना यादव – दि एंड निष्कर्ष :- इस तरह से भारतीय सिनेमा का इतिहास महिला फिल्मकारों के सृजनशील और सशक्तिकरण के नित नई सोच और आधुनिक दृष्टिकोंण का बदलता हुआ प्रतिबिंब है । आज महिला फिल्मकारों ने ग्लोबल स्तर पर अच्छे कंटेंट राईटर के कारण सिनेमा और ओटीटी प्लेटफार्म पर भी इस डिजिटल युग में वैश्विक पहचान बनाई है । भारतीय सिनेमा में अब पुरुषों को लेकर नए दृष्टिकोंण और वैश्विक स्तर के कंटेंट राईटर निरंतर सक्रियता के साथ महिला फिल्मकारों ने समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने में आधुनिक तकनीक और विज्ञान के साथ ही नए ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” की सिनेमाई छबि को परिभाषित करने में कामयाब हुए हैं । सादर ।