छत्तीसगढ़

कंस्ट्रक्शन मैनेजमेंट दे सकता हैं आपके करियर को नई दिशा

फाइनेंशियल, सर्विस और इंडस्ट्रियल सेक्टर्स में लगातार विकास हो रहा हैं पर विकास की इस दौड़ में इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट भी...

रनाय का प्रधानमंत्री आवास बनाने का सपना हुआ पूरा

नारायणपुर, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की सुशासन और संवेदनशील सरकार ने आवासहीन परिवारों को पक्की छत देने के लिए दृढ़संकल्पित है।...

कोयला के अवैध भंडारण पर राजस्व व माइनिंग विभाग की टीम ने एक साथ दी दबिश, 60 टन अवैध कोयला जब्त

मनेन्द्रगढ़ चिरमिरी नगर निगम क्षेत्र में कोयला के अवैध भंडारण पर राजस्व व माइनिंग विभाग की टीम ने एक साथ...

नक्सलियों पर सुरक्षाबल का प्रहार, बीजापुर में दो नक्सली ढेर

बीजापुर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के छत्तीसगढ़ प्रवास के पहले शुक्रवार की सुबह बासागुड़ा थाना क्षेत्र के लेंड्रा के जंगल...

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने 625 करोड़ रूपये की राशि से अधिक के विकासकार्यों का किया लोकार्पण एवं भूमिपूजन

रायपुर हमारी सरकार के कार्यकाल को 13 दिसम्बर को एक वर्ष पूरे हो जायेंगे। इस अवसर को हम जनादेश परब...

पीएम – स्व निधि योजना से शहरी गरीब परिवारों के लिए खुली आत्म निर्भरता की राह : मुख्यमंत्री साय

रायपुर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा है कि देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने में स्ट्रीट वेंडर्स और महिला समूहों...

मुख्यमंत्री ने पीएम आवास के हितग्राहियों को दी चाबी

रायपुर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कोरबा प्रवास के दौरान सीएसईबी फुटबॉल ग्राउंड में आयोजित कार्यक्रम में शासकीय विभागो के...

छत्तीसगढ़ में तेजी से पूरी हो रही है प्रधानमंत्री मोदी की गारंटी: मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय

रायपुर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि हम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा दी गई गारंटी को पूरी तेजी से...

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” सिनेमा एंड बियांड और नुक्कड़ कैफे द्वारा आयोजित “भारतीय सिनेमा में महिला लेखिकाओं एंव निर्देशकों का योगदान – एम.एल. नत्थानी कवि,लेखक, शिक्षाविद, भारतीय सिनेमा के लगभग 100 साल के इतिहास में महिला लेखिकाओं और निर्देशकों ने अपने कल्पनाशील विचारों एंव आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही यथार्थवादी धरातल पर पुरुष पात्रों के ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” को सिनेमा के सुनहरे पर्दे पर लगभग प्रत्येक दशक में अपनी अंतर्दृष्टि से रेखांकित किया है । अतीत से वर्तमान कालखंड में अनेक महिला फिल्मकारों ने सिनेमाई रुपहले पर्दे पर पुरानी सोच के रुढ़िवादी पुरुष पात्रों को नए परिवेश में आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील, बुद्धिमान होने के साथ ही अनंत गहराईयों को शिद्दत के साथ जिंदगी को जिन्दादिली के साथ जीने के लिए प्रतिबद्ध है । यह सिनेमाई पर्दे पर महिला फिल्मकारों की नई सोच और सृजन के अद्भुत हस्ताक्षर हैं । भारतीय सिनेमा के शुरूआती कालखंड में महिला फिल्मकारों में साहसी एंव प्रतिभावान फातिमा बेगम और देविका रानी उल्लेखनीय नाम हैं । समय के साथ महिला फिल्मकारों की भूमिका का चित्रण भी निरंतर बदलता रहा है । वस्तुतः सिनेमा के माध्यम से समाज में तेजी से बदलते जीवन मूल्यों को ” पुरुष पात्रों ” को महिला फिल्मकारों ने अपने आधुनिक नजरिए एंव पैनी अंतर्दृष्टि से विवधता के नए आयाम स्थापित किए हैं । महिला फिल्मकारों के सृजनशील सशक्त हस्ताक्षर :- ************************ 1 फातिमा बेगम – बुलबुल ए परिसतान 2 देविका रानी – कर्मा 3 नंदिता दास – फिराक 4 दीपा मेहता – फायर 5 अरुणा राजे – रिहाई 6 कल्पना लाजमी – रूदाली 7 अर्पणा सेन – मिस्टर एंड मिसेज अय्यर 8 मीरा नायर – मानसून वेडिंग 9 गुरविंदर चड्डा – बेंड इट लाइक बेकहम 10 अनुशा रिजवी – पीपली लाईव 11 किरण राव – धोबी घाट 12 भावना तलवार – धरम 13 रीमा कागती – तलाश 14 रेवती – मित्र माई फ्रेंड 15 मेघना गुलजार – तलवार, राजी,छपाक 16 गोरी शिंदे – इंग्लिश विंगलिश 17 जोया अख्तर – लक बाय चांस, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा,दिल धड़कने दो 18 फराह खान – ओम शांति ओम, मैं हूं ना 19 कोंकणा सेन शर्मा – अ डेथ इन द गंज 20 लीना यादव – दि एंड निष्कर्ष :- इस तरह से भारतीय सिनेमा का इतिहास महिला फिल्मकारों के सृजनशील और सशक्तिकरण के नित नई सोच और आधुनिक दृष्टिकोंण का बदलता हुआ प्रतिबिंब है । आज महिला फिल्मकारों ने ग्लोबल स्तर पर अच्छे कंटेंट राईटर के कारण सिनेमा और ओटीटी प्लेटफार्म पर भी इस डिजिटल युग में वैश्विक पहचान बनाई है । भारतीय सिनेमा में अब पुरुषों को लेकर नए दृष्टिकोंण और वैश्विक स्तर के कंटेंट राईटर निरंतर सक्रियता के साथ महिला फिल्मकारों ने समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने में आधुनिक तकनीक और विज्ञान के साथ ही नए ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” की सिनेमाई छबि को परिभाषित करने में कामयाब हुए हैं । सादर ।