*इंक सैफरौन एंड फ्रीडम सिर्फ एक पुस्तक नहीं है यह एक राष्ट्रीय गणना है …*

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*इंक सैफरौन एंड फ्रीडम सिर्फ एक पुस्तक नहीं है यह एक राष्ट्रीय गणना है …*

 

 

नई दिल्ली – उद्गगार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाहक डॉक्टर गोपाल कृष्ण ने केदारनाथ गुप्ता द्वारा लिखी गई इंक सैफरौन एंड फ्रीडम के पुस्तक के विमोचन
पर व्यक्त किये।उन्होंने कहा की केदारनाथ गुप्ता के शब्द स्पष्ट था विवेक और सांस्कृतिक विश्वास से भरे हैं गढ़मुक्तेश्वर में विभाजन की हिंसा की भयावता से लेकर शुरुआती दिल्ली के न्यूज़ रूम में धुएं से भरे गलियारों तक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की वैचारिक विधि से लेकर भारतीय पत्रकारिता की लुप्त होती गरिमा तक यह पुस्तक भारत की यात्रा के विरोधाभासों और साहस को उजागर करती है ।उन्होंने कहा की यह एक ऐसा काम है जो रिपोर्टिंग से परे हैं यह एक आध्यात्मिक विरासत है यह एक मसाल है जो एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी को सौंप जाती है ।डॉ गोपाल कृष्ण ने कहा ऐसे समय में जब भारत विलुप्त होती सभ्यता के चौराहे पर खड़ा है तब इंक सैफरौन एंड फ्रीडम इस सभ्यता से जुड़ाव की आवाज के रूप में काम करती है यह पूछने का साहस करती है की राजनीतिक जीत के बावजूद सांस्कृतिक पुनरूत्थान अधूरा क्यों रहता है।
गोपाल कृष्ण ने कहा की केदारनाथ गुप्ता के जीवन में जो भी संघर्ष और त्याग रहा है उन्होंने इस पुस्तक में बाखूबी प्रस्तुत किया है इस पुस्तक पत्रकार मनोरंजना सिंह के सहयोग से तैयार की गई है। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के तौर पर ए एन आई के अध्यक्ष प्रेम प्रकाश ने कहा की वरिष्ठ पत्रकार और अपना पूरा जीवन आरएसएस को समर्पित कर चुके स्वयंसेवा के केदारनाथ गुप्ता की पुस्तक साहस संस्कृति और सभ्यता के आह्वान का इतिहास है इस अवसर पर तमाम गढ़मन लोगों ने भाग लिया।व अपने विचार व्यक्त किए।

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