छत्तीसगढ़

अबूझमाड़ में अब होने लगा है टिकाऊ विकास – मंत्री श्री केदार कश्यप*

नारायणपुर (छत्तीसगढ़) आदिम जाति विकासमंत्री श्री केदार कश्यप ने अबूझमाड़ में किया लगभग चार करोड़ से ज़्यादा राशि के निर्माण...

जगदलपुर विधान सभा से वर्तमान विधायक का नाम लगभग तय। आप और जनता कांग्रेस जोगी ने बहुत पहले ही नाम तय कर दिया परंतु कांग्रेस अभी भी पशोपेश में…

जगदलपुर विधान सभा से वर्तमान विधायक का नाम लगभग तय। आप और जनता कांग्रेस जोगी ने बहुत पहले ही नाम...

संसद मेें बढ़ते दबाव को देखते हुए रेलवे अभ्यार्थियों से लिए गए अत्यधिक शुल्क को वापस करने को विवश हुए रेल मंत्री …

  संसद मेें बढ़ते दबाव को देखते हुए रेलवे अभ्यार्थियों से लिए गए अत्यधिक शुल्क को वापस करने को विवश...

बेमेतरा विधानसभा चुनाव काफी रोचक और कांटे की टक्कर में होगी …

विधानसभा बेमेतरा विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही सारी पार्टियों ने अपनी कमर कस ली है और इससे बेमेतरा कौन सा...

स्कूल शिक्षा मंत्री श्री कश्यप ने जिले में मुख्यमंत्री टिफिन योजना के तहत् बांटे टिफिन*

*स्कूल शिक्षा मंत्री श्री कश्यप ने जिले में मुख्यमंत्री टिफिन योजना के तहत् बांटे टिफिन* *प्रदेश सरकार का सबसे बड़ा...

भाजपा सरकार ने आम जनता के जीवन को खुशहाल बनाया – श्री केदार कश्यप*

  *भाजपा सरकार ने आम जनता के जीवन को खुशहाल बनाया - श्री केदार कश्यप* नारायणपुर विधानसभा के 150 लोगो...

सड़क बनने से जनता को मिलेगी सहुलियत- विक्रांत सिंह* 8 कि.मी.सड़क के लिए 4 करोड़ रूपये स्वीकृत

*सड़क बनने से जनता को मिलेगी सहुलियत- विक्रांत सिंह* 8 कि.मी.सड़क के लिए 4 करोड़ रूपये स्वीकृत (खैरागढ़ से यतीश...

पुनिया, सिंहदेव, महंत. ताम्रध्वज साहू, धनेंद्र साहू, सत्यनारायण शर्मा, रविन्द्र चौबे, मो. अकबर, अमितेष शुक्ल, छाया वर्मा सहित हजारों रायपुर में हुए गिरफ्तार…

    पुनिया, सिंहदेव, महंत. ताम्रध्वज साहू, धनेंद्र साहू, सत्यनारायण शर्मा, रविन्द्र चौबे, मो. अकबर, अमितेष शुक्ल, छाया वर्मा सहित...

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” सिनेमा एंड बियांड और नुक्कड़ कैफे द्वारा आयोजित “भारतीय सिनेमा में महिला लेखिकाओं एंव निर्देशकों का योगदान – एम.एल. नत्थानी कवि,लेखक, शिक्षाविद, भारतीय सिनेमा के लगभग 100 साल के इतिहास में महिला लेखिकाओं और निर्देशकों ने अपने कल्पनाशील विचारों एंव आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही यथार्थवादी धरातल पर पुरुष पात्रों के ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” को सिनेमा के सुनहरे पर्दे पर लगभग प्रत्येक दशक में अपनी अंतर्दृष्टि से रेखांकित किया है । अतीत से वर्तमान कालखंड में अनेक महिला फिल्मकारों ने सिनेमाई रुपहले पर्दे पर पुरानी सोच के रुढ़िवादी पुरुष पात्रों को नए परिवेश में आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील, बुद्धिमान होने के साथ ही अनंत गहराईयों को शिद्दत के साथ जिंदगी को जिन्दादिली के साथ जीने के लिए प्रतिबद्ध है । यह सिनेमाई पर्दे पर महिला फिल्मकारों की नई सोच और सृजन के अद्भुत हस्ताक्षर हैं । भारतीय सिनेमा के शुरूआती कालखंड में महिला फिल्मकारों में साहसी एंव प्रतिभावान फातिमा बेगम और देविका रानी उल्लेखनीय नाम हैं । समय के साथ महिला फिल्मकारों की भूमिका का चित्रण भी निरंतर बदलता रहा है । वस्तुतः सिनेमा के माध्यम से समाज में तेजी से बदलते जीवन मूल्यों को ” पुरुष पात्रों ” को महिला फिल्मकारों ने अपने आधुनिक नजरिए एंव पैनी अंतर्दृष्टि से विवधता के नए आयाम स्थापित किए हैं । महिला फिल्मकारों के सृजनशील सशक्त हस्ताक्षर :- ************************ 1 फातिमा बेगम – बुलबुल ए परिसतान 2 देविका रानी – कर्मा 3 नंदिता दास – फिराक 4 दीपा मेहता – फायर 5 अरुणा राजे – रिहाई 6 कल्पना लाजमी – रूदाली 7 अर्पणा सेन – मिस्टर एंड मिसेज अय्यर 8 मीरा नायर – मानसून वेडिंग 9 गुरविंदर चड्डा – बेंड इट लाइक बेकहम 10 अनुशा रिजवी – पीपली लाईव 11 किरण राव – धोबी घाट 12 भावना तलवार – धरम 13 रीमा कागती – तलाश 14 रेवती – मित्र माई फ्रेंड 15 मेघना गुलजार – तलवार, राजी,छपाक 16 गोरी शिंदे – इंग्लिश विंगलिश 17 जोया अख्तर – लक बाय चांस, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा,दिल धड़कने दो 18 फराह खान – ओम शांति ओम, मैं हूं ना 19 कोंकणा सेन शर्मा – अ डेथ इन द गंज 20 लीना यादव – दि एंड निष्कर्ष :- इस तरह से भारतीय सिनेमा का इतिहास महिला फिल्मकारों के सृजनशील और सशक्तिकरण के नित नई सोच और आधुनिक दृष्टिकोंण का बदलता हुआ प्रतिबिंब है । आज महिला फिल्मकारों ने ग्लोबल स्तर पर अच्छे कंटेंट राईटर के कारण सिनेमा और ओटीटी प्लेटफार्म पर भी इस डिजिटल युग में वैश्विक पहचान बनाई है । भारतीय सिनेमा में अब पुरुषों को लेकर नए दृष्टिकोंण और वैश्विक स्तर के कंटेंट राईटर निरंतर सक्रियता के साथ महिला फिल्मकारों ने समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने में आधुनिक तकनीक और विज्ञान के साथ ही नए ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” की सिनेमाई छबि को परिभाषित करने में कामयाब हुए हैं । सादर ।